chandrapratapsingh

Nov 7, 20222 min

आयुष कालेजों में फर्जी एडमिशन पर एक्शन, CBI से होगी जांच, निदेशक समेत दो सस्पेंड

लखनऊ, 07 नवम्बर 2022 : मेडिकल पाठ्यक्रमों में प्रवेशके लिए होनेवाली नीट परीक्षामें शामिल हुएबगैर कई छात्रोंके एडमिशन आयुर्वेद, यूनानी और होम्योपैथकालेजों में करानेके मामले मेंउत्तर प्रदेश कीयोगी आदित्यनाथ सरकारने कड़ा रुखअपना लिया है।आयुष कालेजों मेंहुए फर्जी दाखिलोंकी सीबीआइ जांचहोगी। राज्य सरकारने भ्रष्टाचार केविरुद्ध जीरो टालरेंसकी नीति केतहत यह निर्णयकिया है।

मामले की शुरुआतीपड़ताल में गड़बड़ीसामने आने केबाद मुख्यमंत्री योगीआदित्यनाथ ने मामलेकी सीबीआइ जांचकराने का निर्देशदिया। इसके बादगृह विभाग नेकेंद्र सरकार को प्रकरणकी सीबीआइ जांचकराए जाने संबंधीपत्र भेज दियाहै। माना जारहा है किजल्द सीबीआइ मामलेकी पड़ताल अपनेहाथ में लेगी, जिसके बाद फर्जीदाखिलों में खेलमें शामिल रहेबड़ों तक परकानूनी शिकंजा कसेगा।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथके निर्देश परकार्यवाहक निदेशक, आयुर्वेद सेवाएं (सदस्य सचिव काउंसिलिंगमूल पद प्रिसिंपल) प्रो. डा. एसएनसिंह व प्रभारीअधिकारी शिक्षा निदेशालय, आयुर्वेदसेवाएं (मूल पदप्रोफसर राजकीय आयुर्वेद मेडिकलकालेज, लखनऊ) डा. उमाकांतयादव को निलंबितकर दिया गयाहै। इसके अलावाप्रभारी अधिकारी यूनानी निदेशालयडा. मोहम्मद वसीमतथा कार्यवाहक संयुक्तनिदेशक शिक्षण होम्योपैथी निदेशालयप्रो. विजय पुष्करके विरुद्ध विभागीयकार्यवाही शुरू कीगई है।

उत्तर प्रदेश केआयुष कालेजों मेंपिछले शैक्षिक सत्र 2021 में कुल 891 फर्जी दाखिलेकिए जाने कामामला सामने आयाहै। जिसमें निदेशक, आर्युवेदिक सेवाएं प्रो.एसएनसिंह की ओरसे चार नवंबरको लखनऊ कीहजरतगंज कोतवाली में डाटाफीडिंग का कामकर रही कंपनीअपट्रान पावरट्रानिक्स तथा उसकेद्वारा नामित वेंडर कंपनीवी-3 साफ्ट साल्यूशनप्राइवेट लिमिटेड के प्रतिनिधिकुलदीप सिंह समेतअन्य अज्ञात लोगोंके विरुद्ध धोखाधड़ीसमेत अन्य धाराओंमें एफआइआर दर्जकराई गई थी।

शासन नेमामले की गंभीरताको देखते हुएतत्काल प्रकरण की जांचस्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) को सौंप दीथी। एसटीएफ वर्तमानमें दाखिलों मेंहुई धांधली कीजांच कर रहीहै। आयुर्वेद, होम्योपैथिकव यूनानी कालेजोंमें 891 फर्जी छात्रों केदाखिले के मामलेमें कंपनी संचालकव अन्य आरोपितोंकी भूमिका जांचके दायरे मेंहै। कालेजों सहितनिदेशालय में रखेदाखिलों से जुड़ेदस्तावेज सील किएजा चुके हैं।

इस मामलेमें आयुर्वेद निदेशालय, होम्योपैथिक निदेशालय और यूनानीनिदेशालय के अधिकारियोंव कर्मचारियों कीभूमिका भी संदेहके घेरे मेंहै। सीबीआइ अबउनकी भूमिका कीभी गहनता सेछानबीन करेगी। सबसे ज्यादागड़बड़ी आयुर्वेद कालेजों मेंहुई है। ऐसेमें आयुर्वेद निदेशालयमें तैनात अधिकारियोंव कर्मियों कीमुश्किलें बढ़नी तय मानाजा रहा है।

शैक्षिक सत्र 2021 मेंनीट यूजी कीमेरिट को दरकिनारकर ऐसे कईअभ्यर्थियों को आयुषकालेजों में प्रवेशदिया गया, जिनकेनाम मेरिट लिस्टमें नहीं थे।इतना ही कममेरिट वाले छात्रोंको अच्छे कालेजभी आवंटित किएगए थे। आयुर्वेद, होम्योपैथिक व यूनानीकालेजों में स्नातकपाठ्यक्रमों के दाखिलोंमें खूब धांधलीकी गई। बीएएमएस, बीयूएमएस व बीएचएमएसपाठ्यक्रमों में ऐसेलगभग 891 विद्यार्थियों को गलतढंग से दाखिलादिया गया।

राजधानी लखनऊ स्थितराजकीय आयुर्वेद महाविद्यालय मेंगलत ढंग सेदाखिला पाए छहविद्यार्थियों को निलंबितभी किया जाचुका है। अबनीट यूजी 2021 कीमेरिट लिस्ट औरकालेजों में दाखिलापाए छात्रों कीसूची के मिलानमें पूरा खेलसामने आएगा।

आरोप हैकि उत्तर प्रदेशके आयुष कालेजोंमें दाखिले केनाम पर सीटोंकी सौदेबाजी कीगई। आयुर्वेद केसरकारी कालेज में दाखिलेके लिए पांचलाख रुपये औरप्राइवेट कालेज में दाखिलेके लिए साढ़ेतीन लाख रुपयेतक लिए गए।वहीं होम्योपैथिक कालेजोंमें सरकारी कालेजोंमें प्रवेश केलिए चार लाखऔर प्राइवेट कालेजमें दाखिले केलिए ढाई लाखरुपये वसूले गए।यूनानी कालेजों में भीढाई लाख रुपयेतक वसूले गए।

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