chandrapratapsingh
Aug 17, 20232 min
हस्तिनापुर, 17 अगस्त 2023 : हरिद्वार से सोमवार को छोड़े 3.88 लाख क्यूसेक पानी ने खादर क्षेत्र में तबाही मचाई। बाढ़ की विभीषिका झेल रहे खादर के गांवों में पानी घुस गया। फसलें जलमग्न हो गई। घरों में पानी घुस गया है। जलस्तर बढ़ने की आशंका से लोग जागकर रात काट रहे हैं।
वर्ष 2010 की बाढ़ के बाद वर्ष 2013 में केदारनाथ त्रासदी के दौरान गंगा का जलस्तर पांच लाख 17 हजार क्यूसेक पहुंचा था, जिससे किनारे से 10 किलोमीटर तक पानी ही पानी दिखता था। अब करीब 10 साल बाद सोमवार को 3.88 लाख क्यूसेक पानी हो गया। इससे तटबंध बह गए। बाढ़ प्रभावित गांवों का संपर्क टूट गया। हालांकि बुधवार दोपहर जलस्तर में कुछ कमी आई।
हरिद्वार से अभी 1.25 लाख क्यूसेक, जबकि बिजनौर बैराज से 1.85 लाख क्यूसेक पानी का गंगा में डिस्चार्ज है। लोग छतों पर रात काट रहे हैं। सबसे अधिक परेशानी पशुओं और पशुपालकों के लिए है, जहां चारे व भूसे की समस्या बन गई।
प्रशासन अलर्ट, एसडीआरएफ-पीएसी तैनात
एडीएम वित्त एवं राजस्व सूर्यकांत त्रिपाठी और एसडीएम मवाना अखिलेश यादव का कहना है कि गंगा किनारे बसे गांवों में अनाउंसमेंट कर लोगों को आगाह किया है। एसडीआरएफ व पीएसी फ्लड बल बाढ़ग्रस्त खादर में तैनात है।
इन गांवों में हालात खराब
गांव भागोपुर, दबखेड़ी, चामरोद, मानपुर, हरिपुर, फतेहपुर प्रेम, रठोरा कला, हंसापुर, परसापुर, सिरजेपुर, हादीपुर, गांवडी, किशनपुर दूधली आदि गांवों में हालात बदतर हैं। अनाज भीगने से खाने का संकट है। किशोरपुर से जलालपुर जोरा मार्ग क्षतिग्रस्त है।
रेस्क्यू कर 50 लोग बाहर निकाले हस्तिनापुर
एसडीआरएफ जवानों ने मोटरबोट से खेडी कला गांव से लोगों को रेस्क्यू किया। एसडीएम मवाना अखिलेश यादव ने बताया कि इच्छुक लोगों को बाढ प्रभावित क्षेत्र से मोटरबोट से बाहर निकाला जा रहा है।