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Apr 23, 20213 min

वैज्ञानिकों ने बताई तारीख जब कोरोना का पीक से ढलान पर जाएगा- धैर्य रखिए और जहां है रुके रहिए

हर दिन कोरोना संक्रमित मरीजों का आंकड़ा नए रिकार्ड बना रहा है। अब राहत की बात सिर्फ इतनी है कि जितनी तेजी से संक्रमण फैला उसी तेजी से लोगों के ठीक होने का आंकड़ा भी बढ़ने लगा है। मसलन उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में 23 अप्रैल 2021 को 5682 कोरोना मरीज मिले तो दूसरी तरफ लखनऊ में ही 7165 लोग ठीक भी हुए। कोरोना से लड़ कर ठीक होने वालों की तादात का ये बढ़ा हुआ आंकड़ा लगातार दूसरे दिन सामने आया है।

अब सबसे जहन में सवाल ये है कि कोरोना की इस लहर का पीक कब आएगा और फिर वो कौन सी तारीख होगी जब ये ढलान पर चला जाएगा। देश का हर नागरिक चाहता है कि संक्रमण का ये दौर जल्द से जल्द थम जाए।

आईआईटी कानपुर व हैदराबाद के वैज्ञानिकों ने अपने गणितीय मॉडल के आधार पर अनुमान लगाया है कि भारत में महामारी की दूसरी लहर 11 से 15 मई के बीच चरम या पीक पर रहेगी। इस दौरान सक्रिय मरीजों की संख्या बढ़कर 33 से 35 लाख तक पहुंच सकती है। अभी सक्रिय मरीज सवा 24 लाख से ज्यादा हैं।

किन राज्यों में आ गया पीक

वैज्ञानिकों का कहना है कि दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान और तेलंगाना नए मामलों के संदर्भ में 25 से 30 अप्रैल के बीच नई ऊंचाई छू सकते हैं जबकि महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ संभवतः पहले ही नए मामलों के संदर्भ में चरम पर पहुंच गए हैं।

मई अंत से मिल सकती है राहत

आईआईटी के वैज्ञानिकों के अनुसार मई के अंत तक कोरोना के नए मामलों में तेजी से कमी आएगी। भारत में शुक्रवार को एक दिन में संक्रमण के 3,32,730 नए मामले आए हैं जबकि 2263 लोगों की मौत हुई। सक्रिय मरीजों की संख्या भी बढ़कर 24,28,616 हो गई है। आईआईटी कानपुर और हैदराबाद के वैज्ञानिकों ने गणितीय मॉडल के आधार पर अनुमान लगाया है कि मामलों में कमी आने से पहले मध्य मई तक उपचाराधीन मरीजों की संख्या में 10 लाख तक की वृद्धि हो सकती है।

कैसे आएगी संक्रमण में कमी

आईआईटी कानपुर के कंप्यूटर साइंस विभाग में प्रोफेसर मनिंदर अग्रवाल ने को बताया 11 से 15 मई के बीच उपचाराधीन मरीजों की संख्या में वृद्धि होने की तार्किक वजह है और यह 33 से 35 लाख हो सकती है। यह तेजी से होने वाली वृद्धि है लेकिन उतनी तेजी से ही नए मामलों में कमी आने की संभावना है और मई के अंत तक इसमें नाटकीय तरीके से कमी आएगी।

किस तरह से वैज्ञानिकों ने लगाया अनुमान

आईआईटी कानपुर और हैदराबाद के वैज्ञानिकों ने एप्लाइड दस ससेक्टिबल, अनडिटेक्ड, टेस्टड (पॉजिटिव) ऐंड रिमूव एप्रोच (सूत्र) मॉडल के आधार पर अनुमान लगाया है कि मामलों में कमी आने से पहले मध्य मई तक उपचाराधीन मरीजों की संख्या में 10 लाख तक की वृद्धि हो सकती है।

हांलाकि अभी वैज्ञानिकों ने इस अनुसंधान पत्र को प्रकाशित नहीं किया है और उनका कहना है कि सूत्र मॉडल में कई विशेष पहलू हैं जबकि पूर्व के अध्ययनों में मरीजों को बिना लक्षण और संक्रमण में विभाजित किया गया था।

नए मॉडल में इस बात को भी चिन्हित किया गया है कि बिना लक्षण वाले मरीजों के एक हिस्से का पता संक्रमितों के संपर्क में आए लोगों की जांच या अन्य नियमों के द्वारा लगाया जा सकता है। इस महीने की शुरुआत में गणितीय मॉडल के माध्यम से अनुमान लगाया गया था कि देश में 15 अप्रैल तक संक्रमण की दर अपने चरम पर पहुंच जाएगी लेकिन यह सत्य साबित नहीं हुई। वैज्ञानिकों का कहना है कि मौजूदा चरण के लिए हमारे मॉडल के मापदंड लगातार बदल रहे हैं, इसलिए एकदम सटीक आकलन मुश्किल है। यहां तक कि रोजाना के मामलों में मामूली बदलाव से पीक की संख्या में हजारों की वृद्धि कर सकते हैं।

टीम स्टेट टुडे

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