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Jul 5, 20213 min

Cryptocurrency - कहीं आपने भी तो क्रिप्टोकरंसी में निवेश नहीं किया है! ये खतरे जानते हैं या नहीं?

लगातार दूसरे साल कोरोना की मार से आर्थिक गतिविधियां गड़बड़ा गई हैं। शेयर मार्केट, म्यूचअल फंड, एफडी, अन्य निवेश के जरिए लोग बचत और आमदनी के जरिए तो तलाश रहे हैं लेकिन पहले की तरफ रकम में रफ्तार नहीं है।

लोग संभल कर खर्च जरुर कर रहे हैं लेकिन अमीर बनने से ज्यादा उन्हें चार हाथ कमाने की चिंता ज्यादा हो रही है। ये भी सच है कि अमीर बनने और दिखने की चाहत पहले के मुकाबले कई गुना बढ़ चुकी है। ऐसे में कुछ शार्टकट भी आजमाने में लोग गुरेज नहीं करते। हांलांकि इस फेर में फायदा कम और नुकसान ज्यादा होता है।

माल कमाने का ऐसा ही आधुनिक तरीका है क्रिप्टोकरेंसी में निवेश। युवाओं में खासकर इसे लेकर क्रेज बढ़ा है।

कुछ मामलों में क्रिप्टोकरेंसी ने निवेशकों को तेजी से मालामाल भी किया है। जिसके बाद क्रिप्टोकरेंसी में निवेश बढ़ा है।

अप्रैल 2021 में बिटक्वाइन का भाव बढ़कर 65,000 डॉलर के करीब पहुंच गया और अब गिरावट के बावजूद भाव 30,000 डॉलर के करीब चल रहा है।

भारत में भी युवा और कई पहले से धनवान निवेशकों ने क्रिप्टोकरेंसी के पीछे भागना शुरु किया है। वजह इन्वेस्टमेंट का ड्यूरेशन कम होना और रिटर्न की बड़ी उम्मीद। बिटक्वाइन में निवेश को लेकर गूगल में सर्च खूब हो रहा है लेकिन इसके जोखिम से बहुत सारे लोग अनजान हैं।

बीते एक साल में क्रिप्टोकरेंसी में निवेश 200 मिलियन डॉलर से बढ़कर 40 बिलियन डॉलर तक पहुंच चुका है। इसमें बिटक्वाइन, डोजिक्वॉइन, इथीरियम शामिल है। क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने वाले अधिकतर 18-35 साल के युवा हैं। भारत में क्रिप्टो में ट्रेडिंग करने वालों की संख्या 1.5 करोड़ के करीब है। अमेरिका में इनकी संख्या 2.3 करोड़ और यूके में सिर्फ 2.3 मिलियन है।

आज हम आपको बताते हैं कि क्रिप्टो करंसी के खतरे क्या हैं

क्रिप्टोकरेंसी की कीमत जितनी तेजी से बढ़ती है, उतनी ही तेजी से गिरती भी है।

अधिकतर निवेशक समझ नहीं पाते है किस वजह से गिरावट आ रही है और फिर वे घबराकर नुकसान में क्रिप्टोकरेंसी बेच देते हैं।

पिछले दो महीनों में बिटक्वाइन का भाव गिरकर आधा से कम रह गया है।

भारत में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर अनिश्चितता बरकारार है।

भारत में क्रिप्टोकरेंसी को कोई मान्यता नहीं मिली हुई है।

भारतीय रिजर्व बैंक ने क्रिप्टो पर प्रतिबंध लगाया हुआ है।

आरबीआई ने बैंकों और फिनटेक कंपनियों को कह दिया है कि वर्चुअल करेंसी में डील करने वाली संस्थाओं को सेवा देना बंद कर दें ऐसे में कभी भी इसके गैरकानूनी घोषित किए जाने का खतरा बना रहता है।

सरकारों का मानना है कि क्रिप्टोकरेंसी के साथ खतरा ये भी है कि इसका इस्तेमाल मनी लॉन्ड्रिंग के तौर पर किया जा सकता है। जिससे देश की सुरक्षा को खतरा पैदा हो सकता है। इसलिए क्रिप्टो को भारत में नियामक से मंजूरी नहीं मिली है। भारत सरकार ने अभी तक क्रिप्टोकरेंसी को लेकर कोई बिल नहीं पास किया है।

क्रिप्टो की चाल देश दुनिया की खबरें भी तय करती हैं। पिछले दिनों टेस्ला के मालिक एलन मस्क के ट्वीट से बिटक्वाइन में भारी गिरावट देखने को मिली। छोटे निवेशकों के लिए ये एक बड़ा खतरा है।

साइबर सिक्योरिटी से संबंधित खतरे और क्रिप्टोकरेंसी का उपयोग करने को लेकर बनी अनिश्चितता भी एक बड़ी वजह है, जिससे निवेशकों को नुकसान हो सकता है। क्रिप्टोकरेंसी का लेनदेन एक कोड और पासवर्ड के जरिए किया जाता है। जिसे भूलने पर इसमें लगाई पूरी रकम डूब सकती है।

भारत में लोग WazirX, Unocoin, CoinDCX, Zebpay, Coin Switch Kuber जैसे Apps के जरिए क्रिप्टोकरेंसी में निवेश कर रहे हैं। हांलाकि अभी इनमें से कई Apps में निवेश को लेकर सभी शर्तें साफ नहीं है, इसलिए निवेशकों के लिए खतरा बरकारार है। हाल ही WazirX को बड़ी मात्रा में लेनदेन को लेकर भारत सरकार ने नोटिस थमाया है।

क्रिप्टोकरेंसी का सबसे बड़ा नुकसान यह है कि इसके लिए कोई नियम नहीं है। इसे कंट्रोल करने के लिए कोई देश, सरकार या संस्था नहीं है। इसकी कीमत कभी बहुत ज्यादा बढ़ जाती है तो कभी बहुत ज्यादा गिर जाती है, ऐसे में इसमें इन्वेस्ट करना जोखिम भरा है।

क्रिप्टोकरेंसी में स्कैम और फ्रॉड का खतरा बना रहता है। अमेरिका के फेडरल ट्रेड कमीशन के मुताबिक अक्टूबर- 2020 के बाद से मई-2021 तक करीबन 7,000 लोगों को क्रिप्टोकरेंसी की डीलिंग में चपत लग चुकी है। जिससे लोगों को करीब 585.43 करोड़ का नुकसान हुआ है।

वैसे देखा जाए तो एक समय पर भारतीय शेयर बाजार में भी निवेशकों ने बड़ा नुकसान उठाया था। अभी भी कई लोग निवेश की रकम में गच्चा खा जाते हैं बावजूद इसके मौजूदा दौर में भारत के भीतर मान्यता प्राप्त निवेश संस्थान, उत्पाद या फिर जमीन और सोना-चांदी वगैरह ज्यादा टिकाऊ हैं।

आधुनिकता और तकनीक के युग में खासकर इंटरनेट की दुनिया में देश, सरकारें और कानून की चुनौती कई बार खड़ी होती है। ऐसे में क्रिप्टोकरंसी फायदे का कम और जोखिम उठाकर नुकसान का सौदा ज्यादा लगती है।

टीम स्टेट टुडे

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