chandrapratapsingh

Mar 11, 20232 min

आलू की गिरती कीमतों से बढ़ी चिंता, केंद्र से हस्तक्षेप का अनुरोध

लखनऊ, 11 मार्च 2023 : उत्तर प्रदेश में आलू की गिरती कीमतों से बढ़ती किसानों की मुश्किल को गंभीरता से लेते हुए राज्य सरकार ने चौतरफा प्रयास शुरू किए हैं। कोल्ड स्टोरेज में रखे जाने वाले आलू का नियत किराया तय करने के साथ ही कोल्ड स्टोरेज संचालकों की मनमानी रोकने के लिए प्रत्येक शीतगृह पर कर्मचारियों की नियुक्ति की गई है। इसके साथ ही शासन के स्तर से केंद्र सरकार को पत्र लिखकर बाजार हस्तक्षेप योजना लागू करने का अनुरोध किया गया है।

उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण निदेशक आरके तोमर ने बताया कि गत वर्ष की तुलना में बाजार भाव में 10 प्रतिशत से अधिक की गिरावट पर बाजार हस्तक्षेप योजना लागू की जा सकती है। प्रदेश सरकार ने केंद्र सरकार को इस संदर्भ में हाल ही में पत्र लिखा है।

उन्होंने बताया कि भारत सरकार की गाइडलाइन के अनुसार, बाजार हस्तक्षेप योजना के तहत नामित संस्थाएं लागत मूल्य पर आलू की खरीद कर सकती हैं। इस नुकसान की 50 प्रतिशत भरपाई राज्य सरकार और शेष 50 प्रतिशत की भरपाई केंद्र सरकार करती है।

उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश में आलू की आवश्यकता से अधिक पैदावार से आलू के दामों में बड़ी गिरावट आई है। आलू की कीमतें थोक बाजार में गिरकर 500-600 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच गई है। आलू की कीमतों को गिरावट से बचाने के लिए राज्य सरकार ने किसानों को कोल्ड स्टोरेज में आलू रखने की सलाह दी है।

आलू के भंडारण की दर भी सामान्य आलू के लिए कीमत 230 रुपये प्रति क्विंटल और शुगर फ्री आलू के लिए 260 रुपये तय की गई है। संचालकों की मनमानी रोकने के लिए प्रदेश के 1900 से अधिक कोल्ड स्टोरेज पर एक-एक सरकारी कर्मचारी की नियुक्ति भी की जा रही है। मालूम हो कि प्रदेश में करीब 250 लाख टन आलू की पैदावार बताई जा रही है जबकि शीतगृहों की क्षमता 150-160 लाख टन ही है।

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