chandrapratapsingh
Aug 3, 20221 min
लखनऊ, 4 अगस्त 2022: उत्तर प्रदेश में अब किसी अधिष्ठान या कारखाने को संचालित करने के लिए अब श्रम कानूनों (Labor Laws) से जुड़े अधिनियमों के तहत अलग-अलग रजिस्ट्रेशन कराने और लाइसेंस हासिल करने और रिटर्न दाखिल करने की जरूरत नहीं होगी। कारखानों का अब एक रजिस्ट्रेशन और एक लाइसेंस होगा। न ही उन्हें विभिन्न श्रम कानूनों के तहत अलग-अलग रजिस्टर रखने की जरूरत होगी।
अब उन्हें 54 की बजाय सिर्फ सात रजिस्टर रखने होंगे। कारखाने और प्रतिष्ठान अपने रिकार्ड इलेक्ट्रानिक फार्म में रख सकेंगे और सूचनाओं का आदान-प्रदान भी इलेक्ट्रानिक विधि से कर सकेंगे। श्रमिकों की सेवा शर्तों में भी एकरूपता होगी।यह सब संभव होगा उत्तर प्रदेश व्यावसायिक सुरक्षा, स्वास्थ्य एवं कार्य-शर्त नियमावली, 2022 के अंतर्गत जिसे मंगलवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में मंजूरी दी गई। श्रम कानूनों में सुधार के उद्देश्य से बनाई गई इस नियमावली के लागू होने पर प्रदेश में पहले से लागू श्रम कानूनों से जुड़ी छह नियमावलियां अतिक्रमित हो जाएंगी।
केंद्र सरकार ने श्रम कानूनों से संबंधित 13 केंद्रीय अधिनियमों को समाहित करते हुए व्यावसायिक सुरक्षा, स्वास्थ्य एवं कार्य-शर्त संहिता (ओएसएच कोड) 2020 बनाई थी जिसे 28 सितंबर 2020 को सरकारी गजट में अधिसूचित कर दिया गया था लेकिन यह अभी लागू नहीं है। इस संहिता को प्रदेश में लागू करने के उद्देश्य से श्रम विभाग ने यह नियमावली बनाई है।