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Apr 27, 20222 min

गृह मंत्रालय के पास 10.69 लाख से अधिक यौन अपराधियों का विवरण

नई दिल्ली, 27 अप्रैल 2022 : केंद्रीय गृह मंत्रालय ने देश में 10.69 लाख से अधिक यौन अपराधियों का ब्योरा जमा किया है। यह जानकारी इस तरह के नए मामलों की जांच के लिए कानून प्रवर्तन एजेंसियों को जरूरत के समय तत्काल उपलब्ध है। मंत्रालय की 2020-21 के लिए वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार राष्ट्रीय यौन अपराधी डाटाबेस (एनडीएसओ) के पास देश में 10.69 लाख से अधिक यौन अपराधियों के आंकड़े हैं जिससे जांच अधिकारियों को आदतन यौन अपराधियों पर नजर रखने और ऐसे मुजरिमों के खिलाफ एहतियाती कदम उठाने में मदद मिलती है।

डाटाबेस में उन सभी यौन अपराधियों की जानकारी है जिन्हें दुष्कर्म, सामूहिक दुष्कर्म, महिलाओं के उत्पीड़न और यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (पाक्सो) कानून के प्रविधानों के तहत दोषी करार दिया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक इसमें अपराधियों के नाम, पते, उनकी तस्वीरें, पहचान पत्र, फिंगरप्रिंट आदि विवरण हैं। इसमें कहा गया है कि एनडीएसओ सभी कानून प्रवर्तन एजेंसियों के लिए 24 घंटे उपलब्ध है और यह यौन अपराधों के मामलों में पृष्ठभूमि का सत्यापन करने और त्वरित पहचान करने में मददगार होता है।

प्रवासी श्रमिकों के लिए केंद्र ने 11,092 करोड़ रुपये जारी किए

कोरोना से जुड़े पहले लाकडाउन के कारण भारत में कुछ स्थानों पर प्रवासी श्रमिकों के पलायन के बाद, गृह मंत्रालय (एमएचए) ने संबंधित राज्यों के साथ समन्वय स्थापित किया है। देश भर में 41,000 राहत शिविर और आश्रय स्थल जहां 14 लाख से अधिक लोगों को आश्रय दिया गया था। गृह मंत्रालय द्वारा जारी वर्ष 2020-21 की वार्षिक रिपोर्ट में कहा गया कि लाकडाउन के कारण प्रवासी श्रमिक और अन्य व्यक्ति देश के विभिन्न हिस्सों में फंसे हुए थे। राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को उन्हें आश्रय, भोजन, पानी, स्वास्थ्य सुविधाएं और उचित परामर्श प्रदान करने के लिए पर्याप्त व्यवस्था करने का निर्देश दिया गया था। उन्हें इस उद्देश्य के लिए राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष का उपयोग करने की भी अनुमति दी गई थी और 11,092 करोड़ रुपये की राशि अग्रिम रूप में जारी की गई थी।

भारत में रह रहे 58 हजार श्रीलंकाई, 72 हजार तिब्बती शरणार्थी

गृह मंत्रालय ने सूचित किया है कि भारत में इस समय कुल 58,843 श्रीलंकाई और 72,312 तिब्बती शरणार्थी रह रहे हैं। 2020-21 के लिए हाल ही में प्रस्तुत वार्षिक रिपोर्ट में मंत्रालय ने कहा कि जनवरी 1,2021 तक, तमिलनाडु में 108 और ओडिशा में 54 शरणार्थी शिविरों में 58,843 श्रीलंकाई शरणार्थी रह रहे थे। इसके अलावा, लगभग 34,135 शरणार्थी शिविरों के बाहर रह रहे हैं, जो तमिलनाडु में राज्य के अधिकारियों के साथ पंजीकृत हैं। इसी तरह 31 दिसंबर 2020 तक भारत में तिब्बती शरणार्थियों की आबादी 72,312 थी।

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