chandrapratapsingh
Dec 15, 20232 min
लखनऊ, 15 दिसंबर 2023 : संजय गांधी परास्नातक आयुर्विज्ञान संस्थान (एसजीपीजीआइएमएस) के 40वें स्थापना दिवस पर उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने गुरुवार को मरीजों के उपचार में कोताही न करने के स्पष्ट निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि एक भी मरीज बिना इलाज वापस नहीं जाना चाहिए। बेड नहीं खाली है, यह कहकर आप लोग मरीजों को वापस कर देते हैं, ऐसा न करें।
बेड नहीं है तो स्ट्रेचर या एंबुलेंस में ही जा कर प्राथमिक उपचार दें। इसके बाद ही दूसरी जगह जाने की सलाह दें। लोग बहुत उम्मीद लेकर अपने परिवारीजन को लेकर यहां आते हैं। ब्रजेश पाठक ने नोडल व्यवस्था बनाने की जरूरत पर बल दिया। उन्होंने कहा कि लखनऊ में तीन बड़े चिकित्सा संस्थानों के अलावा कई और सरकारी अस्पताल हैं।
यहां बेड नहीं हैं तो आपसी सामाजस्य से किसी भी दूसरे अस्पताल में इलाज शुरू किया जा सकता है। यदि आप लोग दूर जाकर इलाज नहीं कर सकते हैं तो कम से कम से अस्पताल में आए हर मरीज को भगवान मान कर सेवा और इलाज करें। उन्होंने कहा कि डाक्टर के लिए अपना और पराया मरीज नहीं होता है। डाक्टरों को अपनी कोशिश करनी चाहिए जीवन और मृत्यु तो ईश्वर के हाथ में है।
हमारे ऊपर 25 करोड़ लोगों की जवाबदेही होती है। संस्थान को हर स्तर पर मदद कर रहे हैं। किसी भी चीज की कमी नहीं होने देंगे। चिकित्सा शिक्षा राज्य मंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह ने कहा कि अपने लक्ष्य को दो गुणा करें। संस्थान से प्रदेश के लोगों की भी काफी अपेक्षा है। जो डाक्टर कारपोरेट अस्पताल गए, उनसे आय बढ़ाने को कहा जाता है। डाक्टर का काम मरीज देखना है न कि पैसा एकत्र करना।
डीन शालीन कुमार ने धन्यवाद ज्ञापित किया। दवा की कीमत कम करने के लिए उपयोग करें जेनरिकमुख्य वक्ता जन स्वास्थ्य सहयोग के संस्थापक डा. रमन कटारिया ने कहा कि इलाज का खर्च कम करने के लिए मरीज का अस्पताल में स्टे कम करने की जरूरत है। हमने यह किया है। एक ही दिन में देखने के बाद सारी जांच कराते हैं। अगले दिन मरीज को देख कर दवा लिख देते हैं।
दवा की कीमत कम करने के लिए जेनेरिक दवाओं का इस्तेमाल किया जा सकता है। हम छत्तीसगढ़ के आदिवासी इलाके में काम करते है। कुपोषण के कारण टीबी सहित दूसरे बीमारियों की आशंका बढ़ जाती है। टीबी के 58 प्रतिशत मरीज कुपोषण के शिकार थे।