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Jul 18, 20211 min
Updated: Jul 19, 2021
बहराइच में कतर्नियाघाट वन्य जीव प्रभाग का इलाका घड़ियाल और मगरमच्छ जैसे तमाम जलीय जीवों के लिये सबसे मुफीद इलाका है। कतर्निया जंगल से निकलने वाली गेरुआ नदी के तट पर इस बार मादा घड़ियालों द्वारा बनाए गए नेस्ट से बड़ी तादात में घड़ियाल के बच्चे अंडों से बाहर आये हैं।
इसकी जानकारी देते हुए DFO कतर्नियाघाट आकाश दीप बधावन ने बताया कि, गेरुआ नदी के तट पर इस वर्ष मादा घड़ियालों ने 36 नेक्स्ट बनाये थे। जिनमें 1056 अंडे घड़ियालों के नेक्स्ट में मिले थे, जिनमें 119 अंडे खराब निकले जबकि 937 अंडों से घड़ियालों के बच्चे बाहर आये हैं।
सभी बच्चे कतर्नियाघाट के घड़ियाल प्रजनन केंद्र में हैं। इन बच्चों के बड़े होने पर उन्हें गेरुआ नदी में छोड़ दिया जाएगा। घड़ियाल के ये बच्चे 6 से 8 फिट लंबे हैं।
DFO आकाश दीप बधावन ने बताया कि, कतर्नियाघाट सेंचुरी रेंज में बहने वाली गेरुआ नदी में 06 से 08 फिट लम्बाई के घड़ियाल और 05 से 08 फिट लंबे मगरमच्छ मौजूद हैं, जो साफ दर्शाता है कि कतर्नियाघाट का ईको सिस्टम जलीय जीवों के साथ ही तमाम अन्य दुर्लभ जंगली जानवरों के लिये सबसे मुफीद इलाका है।
कतर्नियाघाट सेंचुरी रेंज में स्थित गेरुआ नदी नदी जलीय जीवों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। गेरुआ नदी में बड़ी तादात में मगरमच्छ, घड़ियाल, और डॉल्फिन समेत तमाम जलीय जीव निवास करते हैं। प्रतिवर्ष मार्च माह में मादा घड़ियाल द्वारा गेरुआ नदी के तट पर नेस्ट संरक्षित किए जाते हैं। जिसमें से घड़ियाल के बच्चे अंडों से निकलते हैं।
टीम स्टेट टुडे