chandrapratapsingh

Mar 13, 20222 min

गलतियों से सीख कर सपा को करनी होगी बड़ी तैयारी

लखनऊ, 13 मार्च 2022 : मतदान प्रतिशत के लिहाज से समाजवादी पार्टी ने भले ही इस चुनाव में अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया है, लेकिन यह चुनाव उसके लिए कई सबक भी देकर गया है। गलतियों से सीख लेते हुए सपा को 2024 के लोक सभा चुनाव के लिए बड़ी तैयारी करनी होगी। सपा को न सिर्फ छोटे दलों के साथ गठबंधन को बनाए रखना होगा, साथ ही बसपा के बिखरे वोट बैंक में और सेंध लगानी होगी। टिकट वितरण में जो इस बार गलतियां हुईं, वह भी सपा के लिए बड़ा सबक है।

वर्ष 2012 के चुनाव में 29.13 प्रतिशत मत पाने वाली सपा की झोली में 224 सीटें आईं थीं और उसकी सरकार बन गई थी। इस बार सपा को उससे भी अधिक मत यानी 32.10 प्रतिशत मिले हैं लेकिन उसे विपक्ष में बैठना पड़ेगा। कारण भाजपा को मिले मत सपा की तुलना में करीब नौ प्रतिशत से भी अधिक हैं। भाजपा को 41.3 प्रतिशत मत मिले हैं और उसकी भाजपा की 255 सीटें आईं हैं। सपा के रणनीतिकार भी मानते हैं कि बहुजन समाज पार्टी के इतना कमजोर चुनाव लड़ने के कारण ही भाजपा को फायदा हुआ है। बसपा के कोर मतदाता भाजपा में पाले में चले गए।

सपा इस बार अपने परंपरागत वोट बैंक यादव-मुस्लिम में अति पिछड़ी जातियों व दलित मतदाताओं के कुछ वोट जोड़ने में कामयाब जरूर रही है। यह बात भी अब साफ हो गई है कि इस बार सपा को मुस्लिमों का एकतरफा वोट मिला है। इसके बावजूद भाजपा को सत्ता से हटाने में सपा कामयाब नहीं हो सकी। ऐसे में सपा के सामने अपने कोर वोट बैंक को सहेजने के साथ ही नए मतदाताओं को अपने पाले में लाना बड़ी चुनौती है। सपा के रणनीतिकार मानते हैं जब तक चुनाव में त्रिकोणीय लड़ाई थी तब तक 30 प्रतिशत के आस-पास वोट सरकार बनाने के लिए पर्याप्त होते थे, किंतु इस बार लड़ाई आमने-सामने की हो गई है। ऐसे में मत प्रतिशत बढ़ाए बगैर भाजपा को हराना सपा के लिए आसान नहीं होगा। इस चुनाव में बसपा के वोट बैंक से करीब 10 प्रतिशत मतदाता खिसक गए हैं ऐसे में सपा को नजर बसपा के बिखर चुके इसी वोट बैंक के अलावा गैर यादव पिछड़ी जातियों के मतदाताओं पर है। हालांकि इन मतदाताओं का विश्वास जीतने के लिए सपा को अभी बहुत प्रयास करने होंगे।

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