chandrapratapsingh

Nov 16, 20232 min

दीपावली के बाद खराब हुई लखनऊ की हवा में नहीं हुआ कोई सुधार

लखनऊ, 16 नवंबर 2023 : अभी अपने शहर की हवा खराब है। बुधवार को लखनऊ का औसत एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआइ) 186 से अधिक रहा। शहर के कई स्थानों पर वायु की गुणवत्ता और भी खराब रही। चारबाग का एक्यूआइ सबसे अधिक 257 रहा। हवा में पीएम 2.5 के कण सेहत को खराब कर रहे हैं।

वायु प्रदूषण बढ़ने की वजह से शहर के सभी अस्पतालों में अस्थमा और फेफड़ों के मरीजों की संख्या बढ़ गई है। लोहिया संस्थान, केजीएमयू, बलरामपुर, लोकबंधु और सिविल अस्पताल की ओपीडी में ऐसे मरीजों की संख्या तीस प्रतिशत बढ़ गई है। खराब हवा और बढ़ती बीमारी को देखते हुए चिकित्सक इस समय विशेष सावधानी बरतने की सलाह दे रहे हैं।

मास्क लगाकर बाहर निकले

दूषित हवा से सांस के रोगी सबसे अधिक प्रभावित होते हैं। इस समय हवा में हानिकारक कण पांच से छह फीट तक नाक की सीध में रहते हैं। बाहर निकलने पर यह कण नाक के रास्ते फेफड़े तक पहुंचता है। इसलिए मास्क लगाकर ही निकले। नवंबर तक हवा में पीएम 2.5 की स्थिति ऐसी ही रहेगी। सुबह के समय स्माग अधिक है। बाहर टहलने से भी बचना चाहिए।

डा. अजय शंकर त्रिपाठी, चिकित्सा अधीक्षक, लोकबंधु अस्पताल

बच्चों को बचाकर रखें

हवा के संपर्क में आने से बच्चों में एलर्जी, नाक बंद होने, खांसी, आंखों से पानी आने की समस्या बढ़ रही है। ऐसे बच्चों को इन्हेलर की जरूरत है। दूषित हवा, स्माग, धुएं के संपर्क से इस समय बच्चों को बचाने की जरूरत है। जिस समय दिन में प्रदूषण अधिक हो, उस समय बच्चों को घर से बाहर नहीं निकलने देना चाहिए। घर में भी सही वेंटिलेशन रखने की जरूरत है।

डा. शीतांशु श्रीवास्तवा, बाल रोग विशेषज्ञ, अस्थमा व एलर्जी विशेषज्ञ, लोहिया संस्थान

सांस के मरीज विशेष सावधानी बरतें

पहले से सांस, पुराना अस्थमा, फेफड़े से संबधित कोई परेशानी है तो ऐसे मरीजों को इस समय विशेष सावधानी रखने की जरूरत है। वायु प्रदूषण बढ़ने से अस्थमा अटैक की आशंका बढ़ गई है। सांस के रोगियों को अपने चिकित्सक से संपर्क करके जो दवाई चल रहीं हो, उसे दोबारा से शुरू कर देना चाहिए। कोहरे के वक्त बाहर निकलकर एक्साइज करने से भी बचे।

डा. राजेंद्र प्रसाद, छाती रोग विशेषज्ञ, डायरेक्टर मेडिकल एजुकेशन, पूर्व प्रोफेसर केजीएमयू

सुबह शाम भांप लें

अस्थमा और सांस रोगियों के बढ़ाने की वजह सिर्फ वायु प्रदूषण ही नहीं, बल्कि मौसम में बदलाव भी है। इस तरह के मरीज और बच्चे घर के बाहर मास्क लगाकर ही निकलें। अस्थमा और सांस के रोगी नियमित दवाओं के साथ इन्हेलर का इस्तेमाल जरूर करें। सुबह- शाम भाप लें। अगर खांसी हो तो अपने आप कोई दवा मत लें। शरीर को हाइड्रेट रखने के लिए रोज कम से कम आठ गिलास पानी जरूर पीएं।

प्रो. आएएस कुशवाहा, रेस्पिरेट्री मेडिसिन विभाग, केजीएमयू

शहर के कुछ स्थानों की 15 नवंबर को वायु की गुणवत्ता सूचकांक

स्थान- एक्यूआइ

चारबाग- 257

गोमतीनगर - 187

कुकरैल पिकनिक स्पाट- 117

लालबाग- 198

निशातगंज- 176

विजय खंड- 167

तालकटोरा- 172

50 तक एक्यूआइ सेहत के लिए अच्छा वायु गुणवत्ता

सूचकांक - परिणाम

0- 50 - अच्छा

51-100- संतोजनक

101- 200- मध्यम

201-300 -खराब

301- 400- बहुत खराब

कार्बन मोनोआक्साइड सबसे खतरनाक विशेषज्ञों के अनुसार हवा में कार्बन मोनोआक्साइड, कार्बन डाइआक्साइड, सल्फर नाइट्रेट, नाइट्रोजन आक्साइड घुल जाते हैं। इससे हवा खराब होती है। सांस के मरीजों के लिए ये गैसें जानलेवा साबित हो सकती हैं।

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