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Mar 16, 20222 min

उभ्भा नरसंहार के बाद प्रियंका ने लगाया था जोर, खिला कमल, 4 सीट पर जमानत जब्त

सोनभद्र, 16 मार्च 2022 : 11 लोगों की हत्या के बाद कांग्रेस के लिए राजनीति का केंद्र बिंदु बना उभ्भा गांव पार्टी की उम्मीदों पर खरा नहीं उतरा। हालांकि कांग्रेस को यहां भाजपा के बाद सर्वाधिक 135 मत मिले लेकिन इस कांड के बाद इसी गांव से कांग्रेस के जिलाध्यक्ष बनाए गए रामराज गोड़ को ओबरा विधानसभा चुनाव में मुंह की खानी पड़ी। कांग्रेस के लिए उसर भूमि जैसे सोनभद्र में दूब खिलाने का प्रयास पूरी तरह से फेल रहा।

उभ्भा में भाजपा ने कांग्रेस के पूरे प्रयास पर पानी फेरते हुए सर्वाधिक 211 मत हासिल किया जबकि सपा यहां 120 मत पाकर तीसरे नंबर पर रही। यूपी में राजनीति के लिए जमीन तलाश रही कांग्रेस ने प्रियंका गांधी वाड्रा को तुरूप का पत्ता मानते हुए यूपी का प्रभारी बनाया और उनके ही नेतृत्व में विधानसभा चुनाव लड़ने का निर्णय लिया। इस बीच यूपी में कई बड़ी वारदात हुई, सभी स्थानों पर पहुंचकर प्रियंका ने राजनीतिक जमीन तलाशने की पूरी कोशिश की। ऐसा ही प्रयास उन्होंने घोरावल तहसील के उभ्भा गांव में किया।

यहां 17 जुलाई 2019 को जमीन संबंधी विवाद में दो पक्षों में हुए खूनी संघर्ष में 11 आदिवासियों की हत्या कर दी गई। इसके बाद कांग्रेस महासचिव प्रियंका घटना स्थल के लिए रवाना हुईं लेकिन पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया और मीरजापुर के चुनार किले में नजरबंद करने का प्रयास किया। वहां प्रियंका उभ्भा गांव के लोगों से मिलीं और उनका दुख दर्द जाना। पीड़ितों को उनसे मिलाने के गांव के रामराज गोड़ का बड़ा रोल रहा।

इसका पुरस्कार उन्होंने रामराज को पार्टी का जिलाध्यक्ष बनाकर दिया। इसके बाद वह गांव में भी गईं और पीड़ितों से मुलाकात कर उन्हें ढांढस बंधाया। इन सबके बावजूद कांग्रेस को विधानसभा चुनाव में जिले में उम्मीद के काफी विपरीत परिणाम मिला। चारो प्रत्याशियों की जमानत तक जब्त हो गई। पूरे जिले में एकमात्र ओबरा में प्रियंका गांधी ने प्रत्याशी रामराज गोंड़ के समर्थन में जनसभा किया था, लेकिन यहां पर भी जनता ने प्रत्याशी को नकार दिया और उन्हें महज 4513 वोट मिले थे। रामराज के अपने गांव उभ्भा में कुल 964 मत थे, जिसमें नाेटा को 47 मत मिले और बाकी नौ प्रत्याशियों को नोटा से भी कम मत मिले।
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