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Feb 10, 20212 min

पंचायत चुनाव को लेकर यूपी सरकार का बड़ा फैसला, बदल जाएगा बहुत कुछ

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने पंचायत चुनाव को लेकर बड़ा फैसला किया है। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में चक्रानुक्रम आरक्षण लागू करने का रास्ता साफ हो गया। कैबिनेट बाई सर्कुलेशन के जरिये समाजवादी सरकार में उत्तर प्रदेश पंचायत राज (स्थानों व पदों का आरक्षण और आवंटन) नियमावली में किए गए दसवें संशोधन की दो धाराओं को हटा दिया गया है। अब पुनर्गठित मुरादाबाद, गोंडा, संभल और गौतमबुद्धनगर सहित सभी 75 जिलों में एक समान आरक्षण फार्मूले पर अमल किया जाएगा।

प्रत्येक सीट पर बदलेगा आरक्षण

पंचायतों के लिए आरक्षण नीति का विस्तृत आदेश एक दो दिन में जारी किया जाएगा। सूत्रों का कहना है कि चक्रानुक्रम आरक्षण के फार्मूले को ही आगे बढ़ाया जाएगा। यानी वर्ष 2015 के चुनाव में जिस वर्ग के लिए सीट आरक्षित थी, उस वर्ग के लिए यथासंभव वह सीट आरक्षित नहीं रहेगी। इस बात का भी ध्यान रखा जाएगा कि अनुसूचित व पिछड़े वर्ग के साथ सामान्य वर्ग की महिलाओं का 33 प्रतिशत आरक्षण कोटा अनिवार्य तौर से पूरा हो।

ग्राम प्रधान आरक्षण में ब्लाक होगी इकाई

वर्ष 2011 की जनसंख्या के आधार पर आरक्षण किया जाएगा। अनुसूचित जनजाति वर्ग की महिलाओं को प्रथम वरीयता दी जाएगी। इस वर्ग की आबादी न होने पर अनुसूचित जाति व पिछड़ा वर्ग को आरक्षण में क्रमश: वरीयता प्रदान की जाएगी। प्रधान और क्षेत्र व ग्राम पंचायत सदस्य पद का आरक्षण ब्लाक को इकाई मानकर निर्धारित होगा। वहीं ब्लाक प्रमुख व जिला पंचायत सदस्य पद के लिए जिलों को इकाई माना जाएगा। जिला पंचायत अध्यक्ष पद का आरक्षण प्रदेश स्तर पर तय होगा।

पंचायतीराज विभाग के अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने बताया कि वर्ष 2015 में ग्राम प्रधान व ग्राम पंचायत सदस्य के आरक्षण चक्र को शून्य मानते हुए नए सिरे से आरक्षण लागू किया गया था। इसके लिए नियमावली में बदलाव किया गया था। इसकी धारा चार व पांच में कहा गया है कि पुनर्गठित ग्राम पंचायतों के आरक्षण को शून्य मान लिया जाएगा। इस बार तीन जिलों मुरादाबाद, गोंडा व संभल की पंचायतों का पुनर्गठन किया गया है, जबकि गौतमबुद्धनगर का परिसीमन किया गया है। ऐसे में दोनों धाराओं के रहते इन चारों जिलों के आरक्षण चक्र को शून्य घोषित करना पड़ता। मंगलवार को पंचायतीराज नियमावली में ग्यारहवें संशोधन को कैबिनेट बाई सर्कुलेशन द्वारा मंजूरी मिलने से सभी 75 जिलों में एक समान आरक्षण लागू हो सकेगा। यानी इन तीन जिलों के लिए अलग से व्यवस्था नहीं करनी होगी।

टीम स्टेट टुडे

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