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Sep 7, 20203 min

ज़कात फाउंडेशन रोहिंग्या मुसलमानों के लिए दिल्ली में बना रहा है कॉलोनी और मस्जिद

ज़कात फाउंडेशन दिल्ली के मदनपुर खादर में घुसपैठिये रोहिंग्या मुसलमानों के लिए स्थायी कॉलोनी और मस्जिद बना रहा है। यहां जकात फाउंडेशन का परमानेंट दफ्तर भी होगा। ज़कात फाउंडेशन की वेबसाइट http://www.zakatindia.org/DarulHijrat.html पर बाकयदा कालोनी का नक्शा और तमाम डाक्यूमेंट डाले गए हैं। सिर्फ इतना ही नहीं ज़कात फाउंडेशन ने अपनी वेबसाइट पर सुप्रीम कोर्ट और संसद का भी हवाला दिया है। वेबसाइट पर बाकायदा लिंक के जरिए कोट किया गया है mentioned by supreme court of india और certified by home minister of indiain parliament।

इन दोनों लाइनों के जरिए ज़कात फाउंडेशन ये भ्रम फैला रहा है कि उसे सुप्रीम कोर्ट और संसद से मान्यता मिली हुई है। जबकि certified by home minister of indiain parliament के लिंक की हकीकत ये है कि राज्यसभा में बीजेपी सांसद बलबीर पुंज ने जब रोहिंग्या मुसलमानों की घुसपैठ का मुद्दा उठाते हुए सरकार का ध्यान खतरे की ओर खींचा था तब गृहमंत्री पी.चिदंबरम ने संसद में जो जवाब दिया ये उसका लिंक है। गृहमंत्री रहते हुए चिदंबरम और कांग्रेस पार्टी का रोहिंग्या मुसलमानों को लेकर क्या रुख रहा है ये किसी से छिपा नहीं है।

इसी तरह mentioned by supreme court of india लिंक के जरिए देश की शीर्ष अदालत को लेकर भी ज़कात फाउंडेशन भ्रम फैला रहा है। दिल्ली के अलग अलग इलाकों में घुसपैठिये रोहिंग्या मुसलमानों ने जब डेरा जमाना शुरु किया था तब स्थानीय लोगों ने इसका विरोध किया था। उसी दौर में भारत में मौजूद कुछ गद्दार ऐसे भी थे जिन्होंने मानवता का हवाला देकर भारत में रोहिंग्या मुसलमानों की सुख सुविधाओं के लिए आवाज उठाई थी। मामला सुप्रीम कोर्ट तक गया था। जिस पर अदालत ने याचिकाकर्ताओं को कड़ी फटकार लगाते हुए देश में लगातार हो रही घुसपैठ पर चिंता जाहिर की थी।

इन्हीं दोनों मामलों को ज़कात फाउंडेशन ने अपनी वेबसाइट पर कुछ इस तरह प्रस्तुत किया है जैसे दोनों ही जगहों से इन्हें मान्यता मिल गई हो।

आपको बताते चलें कि रोहिंग्या मुसलमानों की घुसपैठ हर दौर में चिंता का विषय रहा है। संसद में पूर्व गृहमंत्री राजनाथ सिंह और वर्तमान गृहमंत्री अमित शाह दोनों ही रोहिंग्या मुसलमानों को देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए खतरा बता चुके हैं। सुप्रीम कोर्ट ने भी रोहिंग्या मुसलमानों को देश की सुरक्षा के लिए खतरा माना है।

बावजूद इसके ज़कात फाउंडेशन देश, समाज और संस्थानों की आंख में धूल झोंककर भारत के लिए खतरनाक रोहिंग्या मुसलमानों के जरिए इस्लामीकरण पर उतारु है।

आप को ये भी बता दें कि ज़कात फाउन्डेशन के कर्ता धर्ता उन्हीं इलाकों में रोहिंग्या बस्तियां बना रहे हैं जहां दिल्ली दंगों के दौरान बड़े पैमाने पर हिंसा हुई थी। दिल्ली के शाहीन बाग, कालिंदी कुंज, विकास पुरी और खजूरी खास में कई रोहिग्या बस्तियां हैं और इन इलाकों मे दिल्ली दंगा के समय बड़े पैमाने पर हिंसा हुई थी।

रोहिंग्या मुस्लिम घुसपैठी दुनिया भर के लिए खतरा बने हुए हैं। अपने ही देश म्यांमार में उत्पात और हिंसा मचाने पर खदेड़े गए लाखों रोहिंग्या पड़ोसी देशों की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा बने हुए हैं। इन्हें कोई भी देश शरण देने के लिए तैयार नहीं है। पड़ोसी मुस्लिम देश बांग्लादेश, इंडोनेशिया और थाइलैंड इनके करतूत को देखते हुए अपने यहां रखना नहीं चाहते। यहां तक की 50 से ज्यादा मुस्लिम देशों ने इनके घुसने पर रोक लगा रखी है। रोहिंग्या शरणार्थियों के पाकिस्तानी आतंकी संगठनों से संपर्क में होने के कारण लोग इसे सुरक्षा व्यवस्था के लिए गंभीर खतरा मानते हैं। लेकिन इन रोहिग्या मुसलमानों को कुछलोग पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा, जम्मू कश्मीर, असम के साथ दिल्ली में बसाने में लगे हुए हैं।

हाल ही में मुस्लिम युवाओं के आईएएस और आईपीएस बनने पर चर्चा में आए जकात फाउंडेशन की ओर से दिल्ली में रोहिंग्या मुसलमानों को बसाने के लिए एक कॉलोनी बनाई जा रही है। जकात फाउंडेशन सिर्फ मुस्लिम युवाओं को यूपीएससी परीक्षा की तैयारी के लिए ट्रेनिंग ही नहीं देता बल्कि इन रोहिंग्या घुसपैठियों की मदद भी कर रहा है। इन रोहिंग्या घुसपैठियों के लिए जकात फाउंडेशन ने दिल्ली में दारुल हिजरात नाम से मेकशिफ्ट कैंप भी बनाया है।

टीम स्टेट टुडे

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