लखनऊ, 22 नवंबर 2023 : प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गोरखपुर में पूर्वोत्तर रेलवे में तैनात रहे पूर्व प्रमुख मुख्य सामग्री प्रबंधक (पीसीएमएम) केसी जोशी के विरुद्ध मनी लांड्रिंग का मामला दर्ज किया है। जोशी को 12 सितंबर को सीबीआइ ने गोरखपुर से तीन लाख रुपये रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया था। उनके गोरखपुर व दिल्ली के ठिकानों पर छापेमारी में सीबीआइ ने चार करोड़ रुपये नकद बरामद किए थे।
इडी ने सीबीआइ की एफआइआर के आधार पर जोशी के विरुद्ध मनी लांड्रिंग का मामला दर्ज कर इसकी जांच प्रयागराज स्थित सब जोनल कार्यालय को सौंपी है। सीबीआइ द्वारा गिरफ्तारी के बाद रेलवे ने जोशी की सेवाएं समाप्त कर दी थीं। सीबीआइ की एंटी करप्शन शाखा में गोरखपुर के अलहदादपुर निवासी सूक्ति एसोसिएट के संचालक राजेंद्र त्रिपाठी ने शिकायत कर आरोप लगाया था कि जोशी ने उनसे सात लाख रुपये की रिश्वत मांगी है।
इसके बाद सीबीआइ ने जोशी की गिरफ्तारी का जाल बिछाया और उन्हें तीन लाख रुपये रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया था। सीबीआइ की टीम ने उनके गोरखपुर व दिल्ली तथा नोएडा के ठिकानों पर छापेमारी कर 2.61 करोड़ व स्वजनों के ठिकानों से 1.4 करोड़ रुपये बरामद किए थे।
ईडी ने चार अक्टूबर को फाइनेंशियल इंटेलिजेंस यूनिट की मदद इस मामले की प्रारम्भिक जांच शुरू की थी। मंगलवार को ईडी ने मनी लांड्रिंग के संबंध में काफी साक्ष्य जुटाने के बाद मामला दर्ज कर इसकी जांच प्रयागराज के सब जोन कार्यालय को सौंप दी है।
जोशी के करीबी अधिकारी भी फंस सकते हैं जांच में
ईडी की जांच में जोशी के करीबी अधिकारियों को शामिल किया जा सकता है। सूत्रों का कहना है कि जोशी ने अपने कुछ करीबियों की मदद से गोरखपुर के अलावा दिल्ली व अन्य शहरों में भ्रष्टाचार से हुई कमाई को संपतियों में निवेश किया है। इडी की जांच में इसकी भी परतें खुलेंगी।
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