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हर हफ्ते होगी विकास कार्यों की समीक्षा, गुणवत्ता और समयबद्धता से समझौता बर्दाश्त नहीं - Cm Yogi Adityanath



हर प्रोजेक्ट के लिए तय हों नोडल अधिकारी, सप्ताह में मिले प्रोग्रेस रिपोर्ट : मुख्यमंत्री


विकास कार्यों और कानून व्यवस्था की समीक्षा बैठक में सीएम योगी ने दिए निर्देश


विकास परियोजनाओं के लिए अधिग्रहित जमीनों की रजिस्ट्री और मुआवजा वितरण में लाएं तेजी


हर माह जनप्रतिनिधियों के साथ करें बैठक विकास परियोजनाओं की समीक्षा, सुझावों पर दें ध्यान


गोरखपुर, 15 जून। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि हर प्रोजेक्ट के लिए एक नोडल अधिकारी तय करते हुए उनसे साप्ताहिक प्रगति की रिपोर्ट ली जाए। हर प्रोजेक्ट की वरिष्ठ अधिकारी पंद्रह दिन पर समीक्षा करें, साथ ही परियोजनाओं की प्रगति को लेकर माह में एक बार जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक की जाए। हर परियोजना की एक समय सीमा तय होती है। उसे उसी अवधि में गुणवत्तापूर्ण तरीके से पूरा किया जाए।


सीएम योगी शनिवार दोपहर में जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों के साथ एनेक्सी भवन में विकास कार्यों और कानून व्यवस्था की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने लोक निर्माण विभाग, सिंचाई विभाग, नगर निगम, जल निगम, जीडीए, गीडा समेत विभिन्न विभागों की परियोजनाओं की अद्यतन प्रगति की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि जिन विकास परियोजनाओं के लिए जमीनों का अधिग्रहण किया गया है, वहां जमीन की रजिस्ट्री में तेजी लाई जाए और मुआवजा वितरण भी जल्द से जल्द किया जाए। इसमें किसी तरह की शिथिलता अक्षम्य होगी। मुख्यमंत्री ने कहा निर्माण कार्य को समयबद्ध और गुणवत्ता के साथ पूरा करने के लिए एक नोडल अधिकारी को पर्यवेक्षण की जिम्मेदारी सौंपी जाए। नोडल अधिकारी हर सप्ताह की प्रगति की जानकारी वरिष्ठ अधिकारियों को उपलब्ध कराए। उन्होंने कहा कि सभी परियोजनाओं की मॉनिटरिंग करने के लिए जनप्रतिनिधियों की भागीदारी भी होनी चाहिए। अधिकारी हर माह जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक कर उन्हें विकास कार्यों की प्रगति से अवगत कराएं, उनसे मिलने वाले सुझावों पर भी ध्यान दें।


कहीं भी न हो जलभराव, बरसात पूर्व सुनिश्चित करें

सीएम योगी ने कहा कि बरसात का समय सन्निकट है। ऐसे में यह सुनिश्चित करना होगा कि बरसात होने पर कहीं भी जलभराव न होने पाए। जलभराव की समस्या को दूर करने के लिए पिछले कुछ वर्षों में काफी अच्छा काम हुआ है, इसे लगातार उत्कृष्टता की ओर ले जाने की आवश्यकता है। समय रहते सभी नालों की सफाई का काम पूरा करने का निर्देश देने के साथ सीएम ने कहा कि जलभराव की समस्या को दूर करने के लिए गोड़धोइया नाला परियोजना पर सतत ध्यान दिया जाए।


बाढ़ बचाव कार्यों में लाएं तेजी, जनप्रतिनिधियों संग करें बंधों का निरीक्षण

बाढ़ बचाव से जुड़ी परियोजनाओं की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा बाढ़ बचाव के कार्यों में और तेजी लाई जाए। अधिकारी, जनप्रतिनिधियों को साथ ले जाकर बंधों की स्थिति का जायजा लें। बेहतर कार्य के लिए उनसे सुझाव लें।


जेई-एईएस पर जारी रहे नकेल, एकला बांध पर बसाएं मियावाकी वन

सीएम ने कहा कि समन्वित प्रयासों से जापानी इंसेफेलाइटिस (जेई) और एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) पर नियंत्रण प्राप्त कर लिया गया है। तैयारी ऐसी बनी रहे कि आगामी मानसून सत्र में भी इस पर नकेल कसा रहे। मुख्यमंत्री ने एकला बांध प्रोजेक्ट की भी समीक्षा की और यहां मियावाकी वन विकसित करने पर जोर दिया।



नागरिक सुविधाओं पर दें ध्यान, समस्या निस्तारण में लाएं तेजी

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि पेयजल, स्वच्छता और अन्य नागरिक सुविधाओं पर संवेदनशीलता से ध्यान दें। शहरों और गांवों में निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित की जाए। नागरिकों की समस्याओं के निस्तारण के लिए अधिकारी जनता दर्शन में नियमित और संवेदनशील ढंग से सुनवाई करें। आईजीआरएस पर आने वाली शिकायतों का निस्तारण करने के साथ शिकायतकर्ता से फीडबैक भी लें। इस दौरान मुख्यमंत्री ने यह चेतावनी भी दी कि नागरिक समस्याओं के निस्तारण में शिथिल अधिकारियों को चिन्हित कर उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।


उद्यमियों की समस्याओं का हो समाधान, हर माह लगें रोजगार मेले

बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि विगत कुछ वर्षों से गोरखपुर उद्यमियों के लिए पसंदीदा स्थल बनकर उभरा है। अधिकारियों की यह जिम्मेदारी है कि वे उद्यमियों के साथ बैठक कर उनकी समस्याओं का समाधान करें। मुख्यमंत्री ने अधिक से अधिक युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए हर माह रोजगार मेले का आयोजन करने के निर्देश भी दिए।


माफिया के खिलाफ जारी रहे सख्त कार्रवाई, बढ़ाएं पैट्रोलिंग

कानून व्यवस्था की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि अपराध और अपराधियों के प्रति जीरो टॉलरेंस नीति बरकरार रहनी चाहिए। माफिया के खिलाफ सख्त कार्रवाई का क्रम थमना नहीं चाहिए। उन्होंने पुलिस पैट्रोलिंग और फुट पैट्रोलिंग बढ़ाने और पीआरवी का रिस्पांस टाइम और उत्कृष्ट करने के निर्देश दिए। उन्होंने बकरीद पर सुरक्षा व्यवस्था चुस्त दुरुस्त रखने, सड़क पर नमाज न होने देने की हिदायत देते हुए कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि किसी की धार्मिक भावनाएं आहत न हों।


और सुदृढ़ करें ट्रैफिक प्रबंधन, सड़कों पर न खड़ी हों गाड़ियां

सीएम योगी ने ट्रैफिक प्रबंधन को और सुदृढ़ करने पर जोर देते हुए कहा कि यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि सड़कों पर गाड़ियां न खड़ी रहें। सभी वाहन तय पार्किंग स्थल पर ही खड़े हों। टेम्पो को भी उनके लिए निर्धारित स्टैंड पर ही खड़ा कराया जाए। सीएम ने यातायात व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए सिविल डिफेंस का सहयोग लेने के निर्देश दिए।


मुख्यमंत्री की समीक्षा बैठक में महापौर डॉ मंगलेश श्रीवास्तव, एमएलसी डॉ धर्मेंद्र सिंह, विधायक राजेश त्रिपाठी, महेन्द्रपाल सिंह, विपिन सिंह, प्रदीप शुक्ल, सरवन निषाद समेत प्रशासन, पुलिस और विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।


 


समयबद्धता और गुणवत्ता से तनिक भी समझौता बर्दाश्त नहीं : मुख्यमंत्री

निर्माणाधीन देवरिया बाईपास फोरलेन और नाला का सीएम योगी ने किया निरीक्षण


नाला की ऊंचाई का रखें ध्यान, ढकने की हो व्यवस्था ताकि फुटपाथ के रूप में हो सके इस्तेमाल


तारामंडल के सामने सड़क और नाला निर्माण का जायजा भी लिया सीएम ने


गोरखपुर, 15 जून। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्माणाधीन देवरिया बाईपास फोरलेन, नाला तथा तारामंडल क्षेत्र के सड़क व नाला का निरीक्षण कर निर्माण कार्य को गुणवत्तापूर्ण तरीके से तय समय सीमा में पूर्ण करने के निर्देश दिए हैं।


शनिवार पूर्वाह्न गोरखपुर चिड़ियाघर का निरीक्षण करने के बाद सीएम योगी ने भगत चौराहे पर देवरिया बाईपास फोरलेन के निर्माण कार्य का जायजा लिया। उन्होंने भौतिक निरीक्षण करने के साथ ही प्रोजेक्ट के ड्राइंग मैप का भी अवलोकन किया। मौके पर मौजूद अधिकारियों को सीएम ने निर्देशित किया कि फोरलेन के निर्माण में गुणवत्ता से तनिक भी समझौता बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। निर्माण समयबद्ध तरीके से पूर्ण करने की भी हिदायत दी। इस दौरान उन्होंने अधिकारियों से कहा कि नाला की ऊंचाई का विशेष ध्यान रखा जाए ताकि इसमें आसपास के मोहल्ले का पानी आ सके। इसके साथ ही जहां जरूरी हो वहां चेम्बर बनाए जाएं। नाला को ढककर इसे फुटपाथ के रूप में इस्तेमाल करने लायक बनाए। मुख्यमंत्री ने यह निर्देश भी दिए कि देवरिया बाईपास के शुरुआती कनेक्टिंग पॉइंट पर बन रहे नौसढ़-पैडलेगंज सिक्सलेन और फ्लाईओवर के पास सर्वे कर यह सुनिश्चित कर लिया जाए कि कहीं भी भविष्य में जाम की समस्या न रहे।


देवरिया बाईपास के बाद सीएम योगी तारामंडल क्षेत्र में बन रहे सड़क व नाला का जायजा लेने पहुंचे। तारामंडल के सामने निर्माण कार्य को देखने के बाद उन्होंने अधिकारियों से कहा कि काम में तेजी लाकर इसे जल्द पूरा किया जाए। गुणवत्ता के साथ यह भी सुनिश्चित किया जाए कि इसकी ऊंचाई से आमजन को कोई असुविधा न हो।

 

अब एडवांस एमआरआई से ही स्लीप एपनिया का चलेगा पता


- सीएम योगी के नवाचार और शोध पर जोर का दिखने लगा असर


- सीबीएमआर शोधकर्ता के अध्ययन में राहत भरे नतीजे मिले


- यह अध्ययन ऑक्सफोर्ड एकेडमिक के स्लीप एडवांस जर्नल के ताजा अंक में प्रकाशित हुआ


- एसजीपीजीआई के प्रोफेसर के सहयोग से किया गया शोध


लखनऊ 15 जून: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लगातार नवाचार और शोध पर जोर दे रहे हैं ताकि आधुनिक टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर प्रदेशवासियों को इसका लाभ दिया जा सके। इसी क्रम में सीबीएमआर शोधकर्ता और एसजीपीजीआई के प्रोफेसर ने एमआरआई तकनीक के जरिये स्लीप एपनिया (नींद के दौरान होने वाली समस्याएं) के एडवांस स्टेज का पता लगाने के लिए एक शोध किया, जो सफल रहा। इससे शोध से अब एडवांस एमआरआई से स्लीप एपनिया के एडवांस स्टेज का पता लगाया जा सकेगा। इसके जरिये मरीज का सही दिशा और सटीक इलाज हो सकेगा।


शोध में सिर की सूक्ष्म संरचना पर पड़ने वाले प्रभाव का पता लगाया

सेंटर ऑफ बायोमेडिकल रिसर्च (सीबीएमआर) के शोधकर्ता डॉ. अहमद रजा खान ने एसजीपीजीआई के पल्मोनरी मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर जिया हाशिम और रेडियोडायग्नोसिस विभाग के प्रोफेसर जफर नियाज के सहयोग से किए गए अध्ययन में एमआरआई तकनीक के जरिए ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया (ओएसए) के मस्तिष्क की सूक्ष्म संरचना पर पड़ने वाले प्रभाव का पता लगाया है। इस तकनीक से कुछ माइक्रोन से लेकर 20-30 माइक्रोन तक के ऊतक परिवर्तनों की जांच की जा सकती है, जो पारंपरिक एमआरआई माप से 100 से 1000 गुना अधिक संवेदनशील हो सकते हैं। डॉ. अहमद ने बताया कि डिफ्यूजन एमआरआई ऊतकों में पानी के अणुओं के प्रसार को मापता है, जिससे ऊतक सूक्ष्म संरचना के बारे में जानकारी मिलती है। डिफ्यूजन एमआरआई में प्रगति, जैसे कि डिफ्यूजन कर्टोसिस इमेजिंग (डीकेआई), जटिल ऊतक वातावरण में गैर-गौसियन जल प्रसार व्यवहार की जांच करती है। बायोफिजिकल मॉडलिंग का उपयोग करते हुए, डीकेआई पैरामीटर एक्सोनल जल अंश जैसे श्वेत-पैरामीटर प्रदान कर सकते हैं। एक्सोन न्यूरॉन्स के ट्रंक हैं। इसलिए, ऐसी जानकारी (एक्सोनल जल अंश), मस्तिष्क में सेलुलर स्तर की न्यूरोनल संरचना को दर्शाती है।


चिकित्सीय रणनीति के विकास में होगा बड़ा योगदान

एसजीपीजीआई के प्रोफेसर ने बताया कि एमआरआई से ऐसी सेलुलर जानकारी (एक्सोनल जल अंश) की जांच करके, शोधकर्ता न्यूरोनल संरचना की अखंडता और रोग प्रबंधन के विभिन्न समय पर ओएसए से जुड़े संभावित परिवर्तनों के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। अध्ययन के निष्कर्ष ओएसए वाले व्यक्तियों में देखी गई संज्ञानात्मक हानि और अन्य न्यूरोलॉजिकल परिणामों के अंतर्निहित न्यूरोबायोलॉजिकल तंत्र पर प्रकाश डालते हैं। इन तंत्रों को समझना ओएसए से संबंधित जटिलताओं के प्रबंधन के लिए बेहतर नैदानिक ​​और चिकित्सीय रणनीतियों के विकास में योगदान दे सकता है।


यह स्लीप एपनिया

स्लीप एपनिया एक व्यापक स्थिति है, जो सोते समय व्यक्ति की सांस को बाधित करती है। इसके कारण व्यक्ति केवल सांस लेने के लिए जागता है, जिससे उसकी नींद बाधित होती है और उसे आराम महसूस नहीं होता। समय के साथ, स्लीप एपनिया गंभीर या यहां तक ​​कि घातक जटिलताओं को जन्म दे सकता है, इसलिए शीघ्र निदान और उपचार महत्वपूर्ण है।


 

अवध शिल्प ग्राम में यूनिटी मॉल की निर्माण प्रक्रिया को गति देगी योगी सरकार


-लखनऊ में हो रहे इस निर्माण कार्य की प्रगति का मार्ग सुनिश्चित करते हुए सीएम योगी की मंशा अनुरूप विस्तृत कार्ययोजना पर हो रहा काम


-योजना विभाग ने शुरू की तैयारियां, प्रोजेक्ट मैनेजमेंट कन्सलटेंट के निर्धारण के जरिए निर्माण की गुणवत्ता व प्रगति को किया जाएगा सुनिश्चित


-अवध शिल्प ग्राम के सेक्टर 9 में इंजीनियरिंग, प्रोक्योरमेंट व कंस्ट्रक्शन (ईपीसी) मोड के आधार पर हो रहा है यूनिटी मॉल का निर्माण


-2 एकड़ प्रसार क्षेत्र में हो रहा है यूनिटी मॉल का निर्माण, 60 करोड़ रुपए से ज्यादा व्यय के जरिए परियोजना को किया जाएगा पूर्ण


लखनऊ, 15 जून। उत्तर प्रदेश की उन्नति का मार्ग प्रशस्त कर उसे उत्तम प्रदेश बनाने के सपने को हकीकत की शक्ल दे रही योगी सरकार प्रदेश के समेकित विकास के लिए लगातार कार्यरत है। एक ओर, प्रदेश को एक ट्रिलियन डॉलर की इकॉनमी बनाने के लिए महत्वकांक्षी लक्ष्य की ओर उत्तर प्रदेश ने सीएम योगी के मार्गदर्शन में कदम बढ़ा दिए हैं, वहीं प्रदेश में उत्तम नागरिक सुविधाएं व वर्ल्ड क्लास इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करने की दिशा में भी विस्तृत कार्ययोजना के अंतर्गत कार्य हो रहा है। इसी क्रम में, उत्तर प्रदेश में तीन यूनिटी मॉल के निर्माण का कार्य भी जारी है जिनमें लखनऊ, आगरा व वाराणसी मुख्य हैं। लखनऊ में अवध शिल्प ग्राम के सेक्टर 9 में यूनिटी मॉल का निर्माण कार्य निरंतर जारी है तथा इस प्रक्रिया में और तेजी लाते हुए योगी सरकार ने प्रोजेक्ट मैनेजमेंट कन्सलटेंट (पीएमसी) एजेंसी की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू कर दी है। योजना विभाग द्वारा इस प्रक्रिया को शुरू करते हुए निविदा जारी कर दी हैं जिससे कार्यावंटन का मार्ग सुनिश्चित होगा।


पीएमसी निर्धारण से निर्माण प्रक्रिया में आएगी तेजी

योजना विभाग द्वारा अवध शिल्प ग्राम के सेक्टर 9 में यूनिटी मॉल की निर्माण प्रक्रियाओं की निगरानी के लिए जिस पीएमसी को नियुक्त किया जाएगा वह कई मायने में निर्णायक भूमिका का निर्वहन करेगी। पीएमसी द्वारा रेगुलर मॉनिटरिंग और समय-समय पर दी जाने वाली रिपोर्ट्स न केवल इस प्रोजेक्ट के निर्माण कार्यों की गुणवत्ता निर्धारण में निर्णायक सिद्ध होगी बल्कि इसके जरिए सभी निर्माण कार्यों को ट्रैक करने व उसी आधार पर कार्रवाई का मार्ग प्रशस्त होगा। रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल (आरएफपी) माध्यम से निविदा प्रक्रिया की शुरुआत हो चुकी है और जुलाई के पहले हफ्ते में कार्यावंटन हो जाएगा। कार्यावंटन के बाद 75 दिनों में कन्सलटेंसी को आर्किटेक्चरल डिजाइन प्रस्तुत करना होगा जिस पर स्वीकृति के बाद 18 महीने में सभी निर्माण कार्यों को पूर्ण कर लिया जाएगा। इस दौरान 36 महीने का डिफेक्ट लाइबिलिटी पीरियड (डीएलपी) भी लागू रहेगा।


कई प्रकार के निर्माण कार्यों का मार्ग होगा सुनिश्चित

यूनिटी मॉल के निर्माण व विकास के लिए परियोजना के अंतर्गत कई संरचनात्मक कार्यों को पूरा किया जाएगा। इसके अंतर्गत रचनात्मक इनडोर स्पेसेस के निर्माण, उचित स्थान नियोजन के साथ ही यहां की जरूरतों के अनुसार विभिन्न कार्यात्मक आवश्यकताओं को पूर्ण किया जाएगा। कम रखरखाव के साथ ही उच्च गुणवत्ता सुनिश्चित करते हुए विद्युत, यांत्रिक और अन्य सेवाओं के एकीकृत डिजाइन पर काम होगा। पर्यावरण के मानकों के पालन के साथ ही हरित भवन, उत्तम वेंटिलेशन, जलवायु अनुकूल वास्तुकला, अपशिष्ट जल पुनर्चक्रण, जल संरक्षण और वर्षा जल संचयन के साथ जल और ठोस अपशिष्ट प्रबंधन जैसी तमाम प्रक्रियाओं को पूर्ण किया जाएगा।


200 नॉन एसी, 34 एसी शॉप्स का होगा निर्माण, 30 वर्ष की लीज पर होगा अलॉटमेंट

यूनिटी मॉल के विकास की जो कार्ययोजना क्रियान्वित की जा रही है, उसके अनुसार परिसर में 200 नॉन एसी तथा 34 एसी शॉप्स का निर्माण किया जाएगा। इन दुकानों को 30 वर्ष की लीज पर अलॉट किया जाएगा। इसके अतिरिक्त, यूनिटी मॉल में एग्जिबिशन हॉल, मल्टीपर्पज हॉल, फूड कोर्ट, वातानुकूलित एट्रियम, फायर एग्जिट समेत तमाम निर्माण कार्यों को पूर्ण जाएगा। 60 करोड़ रुपए से ज्यादा व्यय के जरिए इस पूरी परियोजना पूर्ण किया जाएगा।


 

सीएम योगी ने कहा, जाओ और बाड़े में चला गया बब्बर शेर


बब्बर शेर की जोड़ी को सीएम ने कराया चिड़ियाघर के बाड़े में प्रवेश


तेरह दिन में दूसरी बार गोरखपुर के चिड़ियाघर पहुंचे मुख्यमंत्री


हरिशंकरी का पौध रोपण कर दिया पर्यावरण संरक्षण का संदेश


गोरखपुर, 15 जून। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को शहीद अशफाक उल्ला खां प्राणि उद्यान (गोरखपुर चिड़ियाघर) में बब्बर शेर "भरत" और शेरनी "गौरी" को बाड़े में प्रवेश कराया। इन दोनों दुर्लभ वन्यजीवों को मई माह के अंतिम सप्ताह में इटावा लायन सफारी से लाया गया था। मुख्यमंत्री द्वारा इन्हें बाड़े में छोड़े जाने के बाद अब चिड़ियाघर आने वाले दर्शक बब्बर शेर की इस जोड़ी का दीदार कर सकेंगे। इनकी दहाड़ का भी रोमांच ले सकेंगे। इसके पहले दो जून को भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ चिड़ियाघर का भ्रमण करने आए थे। तब उन्होंने बब्बर शेर पांच साल के भरत आैर शेरनी सात साल की गौरी को देखने के साथ उनके बारे में जानकारी हासिल की थी।


उल्लेखनीय है कि गोरखपुर चिड़ियाघर से सीएम योगी को बहुत लगाव है। जब भी उन्हें मौका मिलता है, वह यहां वन्यजीवों को देखने और उनके देखभाल की जानकारी लेने आते हैं।

शनिवार को वह बब्बर शेर की जोड़ी भरत और गौरी को बाड़े में छोड़ने आए। मुख्यमंत्री के साथ वन एवं पर्यावरण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. अरुण सक्सेना भी उपस्थित थे। जैसे ही सीएम ने क्रॉल का गेट खोलकर यह कहा, चलो जाओ, बब्बर शेर दौड़ते हुए बाड़े में चला गया। मुख्यमंत्री ने यहां चिड़ियाघर के निदेशक एवं डीएफओ विकास यादव से दोनों शेरों के बारे में जानकारी ली। शेर के बाड़े के समीप हरिशंकरी पौध का रोपण कर उन्होंने पर्यावरण संरक्षण का संदेश भी दिया। सीएम ने यहां तैल चित्रों का भी अवलोकन किया।


हरि-गौरी की खिलाया चारा, बिल्लू को आइसक्रीम और शहद

सीएम योगी ने चिड़ियाघर का भ्रमण करते हुए निरीक्षण भी किया। इस दौरान भ्रमण करते हुए सीएम योगी गैंडों की जोड़ी हरि आैर गौरी के बाड़े के पास पहुंचे और अपने हाथों से दोनों को चारा खिलाया। गैंडों की यह जोड़ी मुख्यमंत्री को काफी प्रिय है आैर इसके पहले 2 जून को वह यहां आकर उन्हें केला खिला चुके हैं। भ्रमण के सीएम योगी हिमालयन भालू बिल्लू के बाड़े पर भी पहुंचे। उसे आवाज देकर बुलाया। गर्मी से परेशान इस भालू को उन्होंने आइसक्रीम, बर्फ का गोला और शहद खिलाया। हरि-गौरी और बिल्लू के बाड़े के पास सीएम ने कुल मिलाकर करीब बारह मिनट का वक्त बिताया। उन्होंने चिड़ियाघर के अन्य वन्यजीवों के बाड़ों का भी अवलोकन किया।


शक्ति होगा लखीमपुर के जंगल से आए बाघ का नाम

चिड़ियाघर भ्रमण के दौरान सीएम योगी ने लखीमपुर के जंगल से रेस्क्यू कर लाए गए बाघ का नामकरण किया। बाघ का नाम उन्होंने शक्ति रखा। नामकरण के बाद बाड़े के अंदर यह बाघ काफी देर तक दहाड़ता रहा।


बच्चों से मुलाकात की मुलाकात, अभिभावक जैसे दी नसीहत

चिड़ियाघर का भ्रमण करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यहां आए वनटांगिया बस्ती, पूर्व माध्यमिक विद्यालय जंगल तिकोनिया नम्बर तीन के बच्चों से भी मुलाकात की। उन्होंने बच्चों से आत्मीय संवाद कर उन्हें आशीर्वाद दिया। उन्हें चॉकलेट भी गिफ्ट की। इस दौरान उन्होंने अभिभावक जैसे बच्चों को समझाया कि चॉकलेट का रैपर या अन्य कूड़ा इधर उधर न फेंकें, डस्टबिन में ही डालें। गर्मी को देखते हुए खूब पानी पीते रहें। मुख्यमंत्री ने यहां लायन थीम पर फेस पेंटिंग कराए कुछ बच्चों से खूब हंसी ठिठोली की। मुख्यमंत्री के साथ महापौर डॉ मंगलेश श्रीवास्तव, एमएलसी एवं भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ धर्मेंद्र सिंह, विधायक विपिन सिंह, प्रदीप शुक्ल, भाजपा के जिलाध्यक्ष युधिष्ठिर सिंह, महानगर अध्यक्ष राजेश गुप्ता, डीएफओ एवं चिड़ियाघर के निदेशक विकास यादव आदि भी उपस्थित रहे।


 

सैलानियों को भाया उत्तर प्रदेश



2023-24 में टाइगर रिजर्व में बढ़ी पर्यटकों की संख्या


लोगों की आमद देख 10 दिन और बढ़ाया गया पर्यटन सत्र, अब 25 जून तक खुलेंगे टाइगर रिजर्व


पिछले सत्र की अपेक्षा इस वर्ष भारतीय और विदेशी पर्यटकों की भी बढ़ी आमद


लखनऊ, 15 जूनः उत्तर प्रदेश सैलानियों को खूब भा रहा है। पर्यटन सत्र 2023-24 में उत्तर प्रदेश के टाइगर रिजर्व में पर्यटकों की संख्या में काफी वृद्धि हुई। पिछले वर्ष की अपेक्षा इस वर्ष भारतीयों के साथ ही बड़ी संख्या में विदेशी पर्यटक भी उत्तर प्रदेश पहुंचे। पिछले वर्ष की अपेक्षा इस वर्ष 36 हजार से अधिक पर्यटक उत्तर प्रदेश के टाइगर रिजर्व में आनंद लेने पहुंचे। पर्यटकों की आमद देखते हुए पर्यटन सत्र 10 दिन और बढ़ा दिया गया। 15 नवंबर से प्रारंभ हुए पर्यटन सत्र को पहले 15 जून तक चलाने की घोषणा हुई थी पर अब इसकी समायवधि बढ़ाकर 25 जून तक कर दिया गया है।


टाइगर रिजर्व में बढ़ी पर्यटकों की संख्या

2022-23 की अपेक्षा 2023-24 (14 जून) तक उत्तर प्रदेश के टाइगर रिजर्व में पर्यटकों की संख्या में काफी वृद्धि हुई। दुधवा टाइगर रिजर्व में 2022-23 में 41815 भारतीय और 137 विदेशी पर्यटक आए थे। 2023-24 में यह संख्या बढ़कर क्रमशः 56770 और 292 हो गई। पीलीभीत में 2022-23 में 23525 और 54 विदेशी पर्यटक पहुंचे थे। 2023-24 में यहां 38183 भारतीय और 164 विदेशी पर्यटकों ने वन्यजीवों व क्षेत्रों का आनंद उठाया। अमानगढ़ में पिछले वर्ष 3066 भारतीय और दो विदेशियों की अपेक्षा इस वर्ष 4084 भारतीय और छह विदेशी पर्यटकों की संख्या दर्शाई गई। रानीपुर टाइगर रिजर्व में 2022-23 में 4180 भारतीय पर्यटक पहुंचे थे। 2023-24 में यहां आने वाले भारतीय पर्यटकों की संख्या 9170 रही।


इस वर्ष 36 हजार से अधिक पर्यटकों की बढ़ी संख्या

योगी सरकार ने यूपी को पर्यटन के नए केंद्र के रूप में स्थापित किया है। योगी सरकार के कुशल मार्गदर्शन में यह देश के सर्वश्रेष्ठ वन क्षेत्रों में शामिल हैं। इस कारण यहां सैलानियों का आकर्षण बढ़ा है। आंकड़ों पर नजर डालें तो 2022-23 की अपेक्षा 2023-24 में अब तक लगभग 36 हजार पर्यटकों की संख्या बढ़ी है। दुधवा टाइगर रिजर्व में इस वर्ष 15110 पर्यटक बढ़े हैं। पीलीभीत टाइगर रिजर्व में 14,768 पर्यटकों की संख्या में वृद्धि दर्ज की गई है। अमानगढ़ टाइगर रिजर्व में 1022 और रानीपुर टाइगर रिजर्व में 4990 पर्यटक बढ़े हैं।


अब 25 जून तक उठा सकेंगे आनंद

मौसम को देखते हुए वन विभाग की ओर से इस वर्ष टाइगर रिजर्व का पर्यटन सत्र 10 दिन और बढ़ा दिया गया। 15 नवंबर 2023 से पर्यटन सत्र प्रारंभ हुआ था। पहले यह सत्र 15 जून तक ही चलना था पर अब 25 जून तक इसे बढ़ा दिया गया है। इससे पर्यटन उद्योग से जुड़े समस्त लोगों को रोजगार के और अधिक अवसर प्राप्त होंगे। प्रदेश के चारों टाइगर रिजर्व पीलीभीत, अमानगढ़, दुधवा व रानीपुर टाइगर रिजर्व अब 25 जून तक खुलेगा।


ऑनलाइन बुकिंग कर भी जा सकते हैं टाइगर रिजर्व

उत्तर प्रदेश वन निगम स्तर से प्रदेश के विभिन्न टाइगर रिजर्व दुधवा टाइगर रिजर्व, लखीमपुर-खीरी एवं पीलीभीत टाइगर रिजर्व, पीलीभीत में पर्यटकों के स्थगन लग्जरी टाटा जीनॉन सफारी बोट सफारी इत्यादि सुविधाएं कई वर्षों से लगातार उपलब्ध कराई जा रही है। पर्यटकों की सुविधा के दृष्टिगत प्रकृति से रुबरु होने तथा जंगल भ्रमण का आनंद लेने हेतु उत्तर प्रदेश वन निगम, ईकोटूरिज्म की वेबसाइट (www.upecotourism.in) के माध्यम से भी आनलाइन बुकिंग सुविधा उपलब्ध है। पर्यटकों में वन्य जीवों के प्रति आकर्षण तथा जागरूकता बढ़ाने तथा इकोटूरिज्म को बढ़ावा देने के उददेश्य से इस वर्ष पर्यटकों के स्थगन की दरों में काफी कमी की गयी है।

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