लखनऊ, 30 सितंबर 2023 : उत्तर प्रदेश में आयुर्वेद, यूनानी, होम्योपैथी, सिद्धा, प्राकृतिक चिकित्सा व योग पद्धति से जुड़े संस्थानों के रेग्यूलेशन (विनियम) बनाने और चिकित्सकों के पंजीकरण के लिए जल्द आयुष बोर्ड का गठन किया जाएगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसका जल्द गठन किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि अभी आयुर्वेदिक, होम्योपैथी व यूनानी चिकित्सा पद्धति के अलग-अलग बोर्ड हैं।
ऐसे में इसे एकीकृत कर नया बोर्ड गठित करने की जरूरत है। इसका मुखिया महानिदेशक को बनाया जाएगा। यानी अब इन सभी के अलग-अलग निदेशालय के ऊपर एक महानिदेशालय भी होगा। शुक्रवार को आयुष विभाग के अधिकारियों के साथ हुई उच्चस्तरीय बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे नए संस्थानों की स्थापना व डिग्रीधारी चिकित्सकों के पंजीकरण में भी आसानी होगी।
सब कुछ एक छतरी के नीचे होगा। उन्होंने कहा कि युवाओं में योग एवं नेचुरोपैथी में करियर बनाने की चाह बढ़ी है। निजी क्षेत्र के बड़ी संख्या में संस्थान भी खुल रहे हैं। ऐसे में इन संस्थानों के लिए रेग्यूलेशन तैयार करने का कार्य इस बोर्ड द्वारा किए जाने से पारदर्शिता बढ़ेगी। गड़बड़ी करने वाले संस्थानों पर शिकंजा कसा जाएगा।
आयुर्वेदिक व होम्योपैथी आदि के संस्थानों के लिए भी जरूरत के अनुसार यह नियम-कानून तय करेगा। हेल्थ टूरिज्म के रूप में यूपी तेजी से उभर रहा है। ऐसे में योग एवं नेचुरोपैथी जैसी भारतीय चिकित्सा पद्धतियों को बढ़ावा देना बहुत जरूरी है। इस क्षेत्र में शोध व पेटेंट को भी बढ़ावा दिया जाए।
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