लखनऊ, 9 जुलाई 2022 : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से शनिवार को फार्मास्युटिकल मैन्युफैक्चरर एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने मुलाकात की और दवा उत्पादन उद्योग से जुड़ी समस्याएं बताईं। उन्होंने शिकायत की कि अधिकारियों की उदासीनता के कारण लघु, सूक्ष्म एवं मध्यम श्रेणी के दवा उद्योग पनप नहीं पा रहे हैं। योगी ने उन्हें आश्वासन दिया कि दवा उत्पादन उद्योग को बढ़ावा देने का हर संभव प्रयास किया जाएगा। इसके विकास में बाधा बनने वाले अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्हें जेल भेजा जाएगा और बर्खास्त किया जाएगा।
फार्मास्युटिकल मैन्युफैक्चरर एसोसिएशन के अध्यक्ष चंद्रेश भार्गव व महामंत्री अतुल सेठ ने मुख्यमंत्री को मांग पत्र सौंपा। उन्होंने बताया कि कानपुर पूरे भारत वर्ष में दवा उत्पादन में अलग पहचान रखता था, लेकिन विगत वर्षों से अधिकारियों की नकारात्मक सोच के कारण यह चौपट होता जा रहा है। उन्होंने बताया कि सूक्ष्म व लघु उद्योगों में पूर्व में स्वीकृत उत्पादों व वर्तमान में बाजार में बिकने वाली औषधियों के निर्माण की स्वीकृति औषधि नियंत्रक, भारत सरकार के नियमों का हवाला देकर मना किया जा रहा है। दूसरे राज्यों में सरकारें संविधान में निहित राज्यों के अधिकारों का प्रयोग करके राज्य में अतिरिक्त उत्पाद त्वरित गति से स्वीकृत कर रहे हैं।
वहीं राज्य में सरकारी दवा की जो खरीद की जा रही है उसमें टेंडर में प्रतिभाग करने के लिए पांच से 20 करोड़ या उससे अधिक के वार्षिक टर्नओवर की शर्त के कारण चुनिंदा बड़े निर्माता ही इसमें प्रतिभाग करते हैं और सिंडिकेट बनाकर रेट देते हैं। ऐसे में टर्न ओवर की शर्त हटाई जाए। दो वर्षों से मैन्युफैक्चरिंग व लैब केमिस्टों की स्वीकृति व अनुमोदन के लिए बैठक बहुत कम हो रही है। इससे उत्पादन प्रभावित है और युवाओं को रोजगार नहीं मिल रहा। ऐसे में औषधि नियंत्रक, उप्र को निर्देश दिया जाए कि वह समय-समय पर आनलाइन बैठक करें, ताकि उन्हें राहत मिल सके।
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