
नई दिल्ली, 30 जनवरी 2022 : भारत के साथ रणनीतिक रिश्ते बनाने के बाद यूएई और सऊदी अरब ने पाकिस्तान की कुख्यात खुफिया एजेंसी आइएसआइ के लिए अपने दरवाजे पूरी तरह से बंद कर दिये हैं। ऐसे में भारत विरोध पर टिकी आइएसआइ ने अब तुर्की की राजधानी अंकारा को अपना नया गढ़ बनाने का काम शुरु कर दिया है। इसमें तुर्की की एर्दोगेन सरकार व वहां की खुफिया एजेंसी एनआइओ की मदद भी मिल रही है। मुस्लिम देशों के नए नेता के तौर पर अपने आपको स्थापित करने में जुटे आर टी एर्दोगेन पाकिस्तान की इस मंशा को पूरी हवा दे रहे हैं।
भारत की खुफिया एजेंसियों ने इस बारे में केंद्र सरकार को दो विस्तृत रिपोर्टें सौंपी है और तुर्की-पाकिस्तान के बीच भारत के खिलाफ हो रहे ध्रुवीकरण और इसके व्यापक आंतरिक और बाह्य असर को लेकर सतर्क रहने को कहा है। नेशनल सिक्यूरिटी काउंसिल की तरफ से तैयार इस रिपोर्ट के मुताबिक दुबई में अपनी गतिविधियों पर लगाम लगने के बाद पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी पिछले छह-सात वर्षों से अंकारा को नये भारत विरोधी गढ़ के तौर पर विकसित करने में जुटी हुई है। अब इसे कुछ सफलता मिलती दिख रही है।
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