लखनऊ, 4 मई 2022 : ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वेऔर दिल्ली-मेरठएक्सप्रेस-वे केभूमि अधिग्रहण मेंहुए घोटाले मेंउत्तर प्रदेश सरकारने बुधवार कोबड़ी कार्रवाई कीहै। भ्रष्टाचार केखिलाफ जीरो टालरेंसकी नीति केतहत उत्तर प्रदेशके मुख्यमंत्री योगीआदित्यनाथ ने गाजियाबादकी पूर्व जिलाधिकारीनिधि केसरवानी कोनिलंबित कर दियाहै। इसके साथही इस मामलेमें जांच आख्याउपलब्ध होने केबावजूद अग्रिम कार्यवाही मेंविलंब करने परनियुक्ति विभाग के अनुभागअधिकारी, समीक्षा अधिकारी कोभी निलंबित करनेके आदेश दियाहै। अनुसचिव परभी कार्रवाई होगी।सीएम आफिस केट्विटर हैंडल से यहजानकारी साझा कीगई।
आईएएस अधिकारी निधिकेसरवानी वर्तमान में केंद्रसरकार में डिप्टीसेक्रेटरी नेशनल इंस्टीट्यूट आफहेल्थ एंड फैमिलीवेलफेयर में तैनातहैं। 2004 बैच कीमणिपुर कैडर सेआने वाली निधिकेसरवानी के खिलाफभूमि अधिग्रहण मामलेमें गड़बड़ी काआरोप है। वह 21 जुलाई, 2016 को गाजियाबादकी डीएम बनीथी। आईएएस निधिकेसरवानी के खिलाफकार्रवाई अब केंद्रसरकार को करनीहै। प्रदेश सरकारने उनके खिलाफविभागीय कार्रवाई शुरू करनेके लिए भारतसरकार को पत्रलिखा है। सरकारने इस मामलेमें दोषियों केखिलाफ एफआईआर दर्जकरने का भीआदेश दिया है।
आरोप हैकि इस घोटालेमें अधिकारियों नेशुरुआत में किसानोंसे सस्ते रेटपर जमीन खरीदली और फिरउसे अपने रिश्तेदारोंको खरीदवाकर सरकारको कई गुनाऊंचे रेट परबिकवा दी गईथी। मेरठ मंडलके पूर्व आयुक्तडॉ. प्रभात कुमारने गाजियाबाद केतत्कालीन जिलाधिकारी विमल कुमारशर्मा और निधिकेसरवानी समेत कईअधिकारियों और कर्मचारियोंको दोषी पायाथा।
2019 में हुईउत्तर प्रदेश सरकारकी कैबिनेट कीबैठक में इनदोनों अधिकारियों परकार्रवाई की मंजूरीदी गई थी।विमल शर्मा रिटायरहो चुके हैंजबकि निधि केसरवानीभारत सरकार मेंतैनात हैं। मुख्यमंत्री कार्यालय नेबुधवार को एकबयान में कहाहै कि इसकेस से जुड़ीपत्रावली की जांचरिपोर्ट आने केबावजूद कार्रवाई करने मेंदेरी करने वालेनियुक्ति विभाग के अनुभागअधिकारी व समीक्षाअधिकारी को भीनिलंबित किया जाएगा।वहीं इस मामलेमें अनुसचिव केखिलाफ कठोर कार्रवाईके लिए निर्देशदिया गया है।
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