अयोध्या के दीपोत्सव में आठ देशों के कलाकार करेंगे रामलीला का मंचन

अयोध्या, 22 अक्टूबर 2022 : दीपोत्सवसे श्रीराम केलंका विजय कीस्मृति के साथरामनगरी और रामकथाकी वैश्विकता भीपरिभाषित होगी। इसकी शुरुआतदीपोत्सव के प्रथमसंस्करण 2017 से हीहो गई थी, जब रामकथा पार्कमें राम राज्याभिषेकका मंचन किएजाने के बादइंडोनेशिया एवं श्रीलंकाके कलाकारों नेरामकथा के विभिन्नप्रसंगों का मंचनकिया। इसके बादसे दीपोत्सव केप्रत्येक संस्करण में लीलाकी प्रस्तुति केमाध्यम से रामकथाकी वैश्विक व्याप्तिपरिलक्षित होने काचलन चल पड़ा।
हर सालदीपोत्सव मेंआते है विदेशीकलाकार
दूसरे दीपोत्सव मेंट्रिनिडाड एंड टोबैगो, रूस, श्रीलंका, लाओस, इंडोनेशिया एवं कंबोडियाके रूप मेंछह देशों कीमंडली ने, तीसरेदीपोत्सव में नेपाल, श्रीलंका, इंडोनेशिया एवं फिलीपींस, चौथे दीपोत्सव मेंट्रिनिडाड एंड टोबैगो, थाईलैंड, श्रीलंका, फिजी एवंनेपाल की मंडलीने तथा पांचवेंदीपोत्सव में श्रीलंकाएवं नेपाल कीमंडली ने रामलीलाकी प्रस्तुति दी।
दीपोत्सव केछठे संस्कारमें शामिल होंगेआठ देश
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कीउपस्थिति से चरमका स्पर्श करनेको आतुर दीपोत्सवका छठवां संस्करणआठ देशों कीरामलीला के मंचनका साक्षी बनेगा।ये देश हैं, इंडोनेशिया, श्रीलंका, मलेशिया, थाईलैंड, रूस, फिजी, ट्रिनिडाडएंड टोबैगो तथानेपाल। प्रत्येक देश कीरामलीला मंडली में 12 से 18 कलाकार शामिल होंगे। रामलीलाके साथ रामनगरीकी वैश्विक विरासतरानी हो केस्मारक से भीप्रशस्त होगी।
रानी होका स्मारक उद्घाटनके लिए तैयार
दक्षिण कोरियाई वास्तुके प्रतिनिधि केरूप में रानीहो का स्मारक 21 करोड़ 92 लाख कीलागत से उद्घाटनके लिए तैैयारहै। इसी केसाथ अयोध्या औरदक्षिण कोरिया के प्राचीन-पुरातन संबंधों कीविरासत भी फलकपर होगी। दक्षिणकोरियाई इतिहास एवं परंपराके अनुसार रानीहो अथवा श्रीरत्नाअयोध्या की राजकुमारीथीं और दैवीप्रेरणा से वहसुदीर्घ जल मार्गसे दक्षिण कोरियापहुंचीं। यहां उनकाविवाह राजा सूरोसे हुआ।
भारत औरदक्षिण कोरिया के संबंध
दो हजारवर्ष के सफरमें आज रानीहो एवं राजासूरो के वंशजदक्षिण कोरिया में सर्वाधिकप्रभावी एवं जनसंख्याकी दृष्टि सेभी सर्वाधिक समूहके रूप मेंप्रतिष्ठित हैं। आजभारत और दक्षिणकोरिया के संबंधोंमें अंतरराष्ट्रीय मूल्यों-मानकों के साथरानी हो औरराजा सूरो पुरातनप्रसंग को भीनिर्णायक माना जाताहै। दीपोत्सव केदूसरे संस्करण केअवसर पर मुख्यअतिथि के रूपमें दक्षिण कोरियाके तत्कालीन राष्ट्रपतिकी पत्नी किमजुंग सुक कीउपस्थिति भी इससंबंध को नईधार देने वालीरही।
विभिन्न प्रांतों के 1800 कलाकार भी देंगेप्रस्तुति
दीपोत्सव के अवसरपर राष्ट्रव्यापी संस्कृतिकी भी छटाबिखरेगी। दीपोत्सव के प्रत्येकसंस्करण की तरहइस बार भीविभिन्न प्रदेशों के रामायणबैले तथा लोकनृत्यकी प्रस्तुति होगी।इस बार उत्तरप्रदेश सहित दिल्ली, मध्यप्रदेश, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, गुजरात, ओड़िसा, तमिलनाडुएवं झारखंड केलगभग 1800 कलाकार प्रस्तुति देंगे।इसके लिए अकेलेरामकथापार्क का मंचकम पड़ेगा। कलाकारभजन संध्या स्थल, सरयू पर बनेरेलवे पुल केसमीप, रामघाट, बड़ीदेवकाली, गुप्तारघाट तथा भरतकुंडपर बने मंचोंसे प्रस्तुति देंगे।