
हरदोई, 2 अगस्त 2022 : सरकार में रहते हुए शासन प्रशासन को निशाने पर लेने वाले गोपामऊ से विधायक श्याम प्रकाश का सड़क निर्माण को लेकर उप मुख्यमंत्री (तत्कालीन लोक निर्माण मंत्री) की चुनावी घोषणा पर सवाल इंटरनेट मीडिया पर चर्चा का विषय बना हुआ है। फेसबुक पर लोग अपने अपने कमेंट कर रहे हैं।
विधायक का कहना है कि शासन से बजट आने पर ही सड़क बनती हैं। अगर दो-चार लाख में बननी होती तो वह मछली बेचकर बनवा देता। यहां पर यह भी बताना जरूरी है कि विधायक श्याम प्रकाश का मछली पालन का बड़ा कारोबार है।
विधायक श्याम प्रकाश ने चुनाव के दौरान उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या की पिहानी से गोपामऊ मार्ग निर्माण की घोषणा पर सवाल खड़ा करते हुए उसे फर्जी करार दिया था। फेसबुक पर की गई पोस्ट में लोगों के कमेंट में कुछ लोगों ने विधायक पर भी सवाल खड़े किए तो उन्होंने उन्हें भी आड़े हाथ लिया और राजनीतिक हैसियत से लेकर चुनाव में गद्दारी करने वाले भाजपा नेताओं के साथ हर जगह फोटो खीचने वाले बताया।
कहा कि आज भाजपा के कर्णधार बन रहे हैं। शर्म करो, गद्दारों। विधायक द्वारा सड़क निर्माण पर किए गए सवाल में उन्होंने शासन से बजट मिलने पर ही सड़क बनने की बात लिखी। विधायक की फेसबुक पर की गई पोस्ट पिछले दो दिन से चर्चा का विषय बनी हुई है और विधायक का कहना है कि उन्होंने सरकार पर नहीं व्यवस्था पर निशाना है।
बताते चलें कि विधायक श्याम प्रकाश ने सोमवार को फेसबुक पर उप मुख्यमंत्री केशव मौर्या (तत्कालीन लोक निर्माण मंत्री) पर निशाना साधा था। पिहानी से गोपामऊ मार्ग की दशा उठाते हुए चुनाव के दौरान की गई उप मुख्यमंत्री की घोषणा को फर्जी बताया था।
विधायक श्याम प्रकाश ने अपनी फेसबुक आईडी पर लिखा था कि गोपामऊ विधान सभा में दर्जनों मार्ग टूटकर लगभग समाप्त हो गए हैं। जनता अत्यंत परेशान एवं आक्रोशित है। चुनाव के दौरान पीडब्लूडी मंत्री एवं उप मुख्यमंत्री केशव मौर्या द्वारा पिहानी गोपामऊ रोड की मंजूरी की घोषणा निकली फर्जी। कृपया जनहित में शासन और पीडब्लूडी विभाग के अधिकारी लें संज्ञान। मैं जनता के साथ।
विधायक की इस पोस्ट पर लोग भी अपनी राय दे रहे हैं। अभी कुछ दिन पहले ही विधायक ने गोशाला में गायों के मरने की बात लिखते हुए, सरकारी सिस्टम को निशाने पर लिया था। अब उन्होंने उप मुख्यमंत्री पर टिप्पणी की है। विधायक ने अपनी पोस्ट का समर्थन करते हुए कहा कि उन्होंने जो भी लिखा सही है। चुनाव के दौरान जो घोषणा की गई थी उसे अमली जामा नहीं पहनाया गया, जिससे जनता परेशान है।
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