लखनऊ, 03 जून 2023 : कांग्रेस के गढ़ रायबरेली में 25 वर्ष बाद कमल खिलाने के लिए भाजपा आक्रामक व्यूह रचना में जुटी है। अगले साल होने वाले लोक सभा चुनाव में पार्टी सूबे में कांग्रेस के इस आखिरी गढ़ को ढहाने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा रही है। प्रभावी बूथ प्रबंधन के जरिये भाजपा इस सीट पर जीत की आधारशिला रखने की तैयारी कर रही है तो गरीब कल्याण के मंत्र से वंचितों और लाभार्थियों के एक बड़े तबके को साधने की जुगत में लगी है।
1998 में भाजपा ने जीती थी रायबरेली सीट
रायबरेली लोक सभा क्षेत्र में सिर्फ दो बार कमल खिला है। वर्ष 1996 और 1998 में हुए लोक सभा चुनावों में यहां भाजपा के अशोक सिंह जीते थे। यह लोक सभा क्षेत्र 1990 से भाजपा के लिए बंजर साबित हुआ है। कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी वर्ष 2004 से लगातार रायबरेली की सांसद हैं। इस संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली पांच विधान सभा सीटों में से रायबरेली सदर सीट को छोड़ बाकी चार पर सपा का कब्जा है। ऐसे में रायबरेली में भाजपा की डगर कठिन है और इस सीट को अपनी झोली में डालने के लिए पार्टी को यहां कड़ी मशक्कत करनी होगी।
24 साल से भाजपा इस सीट पर कमल खिलाने की फिराक में जुटी
इसलिए भाजपा रायबरेली संसदीय सीट पर 24 साल बाद अपना झंडा गाडऩे के लिए जमीनी तैयारी में जुटी है। यद्यपि नगरीय निकाय चुनाव में भाजपा रायबरेली नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष का चुनाव नहीं जीत पाई लेकिन संसदीय क्षेत्र की छह में से पांच नगर पंचायतों में हासिल हुई जीत ने पार्टी में नई ऊर्जा का संचार किया है। पार्टी बूथ प्रबंधन को अपना सबसे प्रभावी हथियार मानकर लोक सभा चुनाव की तैयारियां कर रही हैं। बूथ कमेटियों का पुनर्गठन करते हुए पार्टी ने बूथ अध्यक्ष और सचिव के अलावा अन्य प्रत्येक सदस्य को अलग-अलग दायित्व सौंपे हैं।
बूथ कमेटी के अलग-अलग सदस्यों को सौंपी गई जिम्मेदारी
किसी सदस्य को बूथ स्तर पर प्रधानमंत्री के मन की बात कार्यक्रम के आयोजन की जिम्मेदारी सौंपी गई है तो किसी अन्य के कंधे पर केंद्र व राज्य सरकार की योजनाओं के लाभार्थियों से संपर्क कर उनका विवरण जुटाने का जिम्मा है। युवा, महिला तथा प्रबुद्ध वर्ग से जुड़े मतदाताओं के संपर्क साधने के लिए बूथ कमेटी के अलग-अलग सदस्यों को जिम्मेदारी दी गई है। एक सदस्य को सामाजिक समरसता प्रमुख का दायित्व दिया गया है जबकि एक अन्य सदस्य को इंटरनेट मीडिया वालंटियर बनाया गया है।
भाजपा 21 से 30 जून तक घर-घर करेगी संपर्क
भाजपा के महाजनसंपर्क अभियान के तहत 21 से 30 जून तक किये जाने वाले घर-घर संपर्क के दौरान लक्षित वर्ग के मतदाताओं से संपर्क-संवाद में बूथ कमेटी के इन सदस्यों की प्रभावी भूमिका होगी। रायबरेली में भाजपा का चुनाव अभियान मोदी-योगी सरकारों की कल्याणकारी योजनाओं के लाभार्थियों पर भी केंद्रित होगा। पार्टी ने 13 प्रमुख योजनाओं को चिन्हित करते हुए उनके लाभार्थियों तक अपनी पहुंच बनाने के लिए इनमें से प्रत्येक योजना के लिए लोक सभा क्षेत्र से लेकर मंडल स्तर तक एक-एक महिला व पुरुष को योजना प्रमुख का दायित्व सौंपा है। योजना प्रमुखों की यह जिम्मेदारी होगी कि वे पार्टी के पक्ष में लाभार्थियों का समर्थन तो जुटाएं ही, वंचित वर्गों में यह भी संदेश दें कि भाजपा ही बिना भेदभाव के योजनाओं के माध्यम से उनका कल्याण कर सकती है।
सांसद चुने जाने के बाद रायबरेली नहीं आईं सोनिया गांधी
अपने राजनीतिक आधार को व्यापक बनाने के लिए भाजपा अन्य राजनीतिक दलों के नेताओं व कार्यकर्ताओं को भी अपने से जोड़ने की योजना पर काम कर रही है। सांसद चुने जाने के बाद सोनिया गांधी के रायबरेली न आने को भी पार्टी मतदाताओं के बीच हवा देगी। रायबरेली में कांग्रेस के प्रभुत्व का हवाला देते हुए भाजपा विकास की दौड़ में जिले के पिछड़ने का मुद्दा भी उछालेगी। फिलहाल भाजपा महाजनसंपर्क अभियान के तहत 30 जून तक लोक सभा व विधान सभा क्षेत्र और बूथ स्तर पर विभिन्न वर्गों पर केंद्रित कार्यक्रमों को साकार करने की तैयारी कर रही है।
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