लखनऊ, 9 मई 2023 : पापुलर फ्रंट आफ इंडिया (पीएफआइ) पर प्रतिबंध के बाद इस संस्था से जुड़े सदस्य कई बड़े मुस्लिमों पर अत्याचार से जुड़े संदेशों को हवा देकर नई जमात जुटाने की कोशिशों में लगे हैं। इंटरनेट मीडिया को हथियार बनाकर जहर उगला जा रहा है। इसके पीछे के गहरे षड्यंत्र की जड़ तक पहुंचने के लिए एटीएस अब 70 संदिग्धों के बैंक खातों से लेकर उनके मोबाइल फोन व इंटरनेट मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्म की गतिविधियों को खंगाल रहा है। मोबाइल फोनों की फारेंसिक जांच भी कराई जा रही है, जिससे अधिक से अधिक जानकारियां जुटाई जा सकें।
सूत्रों का कहना है कि पीएफआइ में सक्रिय रहे लोगों का जुड़ाव दारुल-ए-इस्लामी संगठन से बढ़ रहा था, इसे लेकर भी पड़ताल के कदम बढ़ाए गए हैं। लोकसभा चुनाव से पहले एक नया संगठन खड़ा किए जाने की भी तैयारी थी, जिसके सहारे सांप्रदायिक माहौल बिगाड़ा जाये या बिगाड़ने का प्रयास किए जा सकें।
एटीएस ने प्रतिबंधित संगठन पीएफआइ के सक्रिय सदस्य परवेज अहमद व रईस अहमद को वाराणसी से गिरफ्तार किया था। दोनों के विरुद्ध 50-50 हजार रुपये का इनाम घोषित था। एटीएस ने इनकी गिरफ्तारी के बाद 20 जिलों में 70 संदिग्धों को हिरासत में लेकर लंबी पूछताछ की, जिसके बाद उन्हें मुचलका भरवाकर छोड़ा गया है। सभी को देश छोड़कर बाहर न जाने समेत कई और कड़ी हिदायतें दी गई हैं। इनमें कई संदिग्धों के लंबे समय से परवेज व रईस के सीधे संपर्क में होने की बात भी सामने आई है, जिसके बाद उनके मोबाइल फोन व इंटरनेट मीडिया अकाउंट की छानबीन शुरू की गई है।
पीएफआइ को खाड़ी देशों से हो रही फंडिंग की कड़ियां खंगालने के लिए परवेज व रईस के साथ अन्य सभी संदिग्धों के बैंक खातों की पड़ताल भी हो रही है। लखनऊ में पीएफआइ से जुड़े एक वकील से भी लंबी पूछताछ की गई। बीते दिनों खुफिया एजेंसियों ने पीएफआइ के सदस्यों द्वारा अपने प्रतिबंधित संगठन को नया स्वरूप प्रदान किए जाने की जानकारी साझा की थी। इसके बाद एटीएस ने भी अपनी जांच तेज की थी।
सामने आया है कि मुस्लिमों पर हो रहे अत्याचार से जुड़े संदेशों के अलावा पुलिस अभिरक्षा में अतीक-अशरफ की हत्या समेत अन्य मामलों को लेकर माहौल बनाया जा रहा था, जिसके पीछे उपद्रव कराने की साजिश छिपी थी।
पीएफआइ के सक्रिय सदस्य परवेज अहमद व रईस अहमद कई बार केरल गए थे। दोनों पीएफआइ के कई बड़ों से सीधे जुड़े थे। उनके पास केरल से उत्तर प्रदेश में विभिन्न गतिविधियों को बढ़ाने के सीधे संदेश आते थे।हालांकि उन्हें संगठन पर प्रतिबंध के बाद की नई गतिविधियों को लेकर ज्यादा कुछ नहीं बताया गया था। उनसे नए लोगों को जोड़ने की बात बार-बार कही जाती थी।
आने वाले दिनों में उत्तर प्रदेश में इनकी गतिविधियों व बड़ों से मिलने वाले संदेशों को लेकर परवेज व रईस से पूछताछ की जाएगी। वहीं एटीएस ने पीएफआइ की सामने आई नई गतिविधियों व छापेमारी में सामने आए अन्य तथ्यों की जानकारी केंद्रीय जांच एजेंसियों व इंटेलीजेंस से भी साझा की हैं। माना जा रहा है कि अन्य एजेंसियां भी दोनों को पुलिस रिमांड पर लिए जाने पर उनसे पूछताछ करेंगी। उत्तर प्रदेश में पीएफआइ की गतिविधियों को लेकर लंबे समय से जांच चल रही है।
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