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चीन के मिलिट्री हेलिकॉप्टर्स दिखे लद्दाख की सीमा पर, भारतीय वायुसेना के विमानों ने की निगहबानी



लद्दाख में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हुई झड़प के दौरान चीनी सेना के हेलिकॉप्टर्स वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के काफी करीब मंडराने लगे थे। आधिकारिक सूत्रों ने पहचान उजागर नहीं करने की शर्त पर बताया कि यह देखकर भारतीय वायुसेना ने भी अपने लड़ाकू विमान उस तरफ भेजे। हालांकि, भारतीय वायुसेना के सूत्रों ने उन खबरों को खारिज क्या है जिसमें कहा जा रहा कि भारतीय जेट्स ने चीनी हेलिकॉप्टर को खदेड़ा। वायुसेना के सूत्रों के मुताबिक भातीय फाइटर जेट्स ने अपनी सीमा में उड़ान जरूर भरी थी, लेकिन यह एक ट्रेनिंग का हिस्सा था। लोकल लेवल पर निपटा मामला

पैंगोंग लेक के पास भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच झड़प में दोनों तरफ से 250 सैनिक शामिल थे। पिछले मंगलवार को हुई इस झड़प के बाद इलाके का माहौल तनावपूर्ण बन गया, लेकिन अगले ही दिन दोनों ओर के लोक कमांडरों की मीटिंग हुई और शांति बहाली हो गई। चीनी हेलिकॉप्टर्स के आने से भारत सतर्क

हालांकि, संघर्ष शुरू होने और शांति बहाली के दरम्यान चीनी मिलिट्री हेलिकॉप्टर्स एलएसी के बिल्कुल पास गश्त लगाते रहे। सूत्रों के मुताबिक, इन हकरतों के मद्देनजर भारतीय वायुसेना Su-30 युद्धक विमानों का एक बेड़ा भी सीमा पर गश्त करने लगा। दोनों तरफ से अतिरिक्त बलों को सीमा पर तैनात किया गया। सूत्रों के मुताबिक, चीनी हेलिकॉप्टर्स रूटीन के तहत अपनी सीमा के अंदर गश्त लगाते रहते हैं। उसी तरह, भारतीय सेना के हेलिकॉप्टर्स भी अपने इलाके में गश्त लगाते हैं।


सीमा विवाद के कारण कहासुनी होती रहती है: आर्मी


अब इंडियन आर्मी ने कहा कि एलएसी पर दोनों सेनाओं के बीच छोटी-मोटी कहासुनी होती रहती है और दोनों के रवैये में आक्रामकता देखी जाती है। लोकल लेवल पर बातचीत के बाद पेट्रोलिंग टीमें शांत हो जाती हैं। सीमा विवाद सुलझा नहीं है, इस कारण तात्कालिक और छोटे-छोटे संघर्ष होते रहते हैं। दोनों तरफ की सेना प्रॉटोकॉल के मुताबिक पारस्परिक बातचीत से इन्हें सुलझाती रहती है। सेना ने कहा, 'मीडिया में अटकलबाजियां और बढ़ा-चढ़ाकर खबरें परोसने से बचा जाना चाहिए।' आर्मी ने कहा कि पेंगोंग लेक के पास अब स्थिति बेहद सामान्य है और वहां सशस्त्र बल तैनात नहीं हैं।

डोकलाम के बाद पहली घटना


5 मई की झड़प के दौरान पत्थरबाजी भी हुई और दोनों तरफ के कई सैनिक घायल हो गए थे। यह घटना अगस्त 2017 में पेंगोंग लेक के पास लंबे चले संघर्ष के बाद पहली बार सामने आई। 2017 में भारत और चीन के सैनिक डोकलाम तिराहे पर 73 दिनों तक एक-दूसरे के आमने-सामने खड़े रहे थे। तब परमाणु संपन्न भारती और चीन के बीच युद्ध जैसी नौबत आ गई थी।

पाक ने बढ़ाई चौकसी, चीन हुआ आक्रामक


चीन की तरफ से यह आक्रामक रवैया तब से देखा जा रहा है जब से पाकिस्तान ने भारतीय सीमा से सटे अपने इलाके की गश्ती में एफ-16 और जेएफ-17 सैन्य विमानों को लगा दिया। पाकिस्तान को शायद डर सताने लगा कि भारत हंदवाड़ा में सुरक्षा बलों के पांच जवानों की शहादत का बदला लेने के लिए सर्जिकल स्ट्राइक कर सकता है। हंदवाड़ा में राष्ट्रीय राइफल (RR) कर्नल आशुतोष शर्मा और मेजर अनुज सूद समेत सेना के दो जवान और जम्मू-कश्मीर पुलिस के एक सब इंस्पेक्टर शहीद हो गए थे।


टीम स्टेट टुडे

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