लॉकडाउन 4.0 में कौन-कौन सी रियायतें मिल सकती हैं ? - लिस्ट देखिए

17 मई को लॉकडाउन तीन पूरा होगा और सोमवार से लॉकडाउन: 4 देश में लागू हो जाएगा। आपको बताते हैं कैसे अलग होगा लॉकडाउन का ये दौर -
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की घोषणा के मुताबिक इस चरण में लोगों को ज्यादा रियायत और लचीलापन देखने को मिलेगा। अधिकारियों ने बताया है कि बंद के इस चौथे चरण में यात्री रेल सेवा और घरेलू यात्री उड़ानों को नियंत्रित रुप से शुरु किया जा सकता है। राज्यों और केंद्र शासित क्षेत्रों को अपने यहां हॉटस्पॉट को परिभाषित करने का अधिकार भी मिल सकता है।
देश में कहीं भी स्कूल, कॉलेज, मॉल और सिनेमा घरों को खोलने की इजाजत नहीं होगी।
कोविड-19 कंटेनमेंट जोन को छोड़कर सैलून, नाई की दुकानें और चश्मों की दुकानों को खोलने की अनुमति मिल सकती है।
ई-कॉमर्स कंपनियों को कंटेनमेंट जोन को छोड़कर हर जगह गैर-जरूरी सामानों की डिलिवरी की अनुमति मिल सकती है।
लॉकडाउन 4 में पहले के चरणों की अपेक्षा लोगों को ज्यादा छूट मिलेगी।
इस दौरान ग्रीन जोन को पूरी तरह खोल दिया जाएगा।
ऑरेंज जोन में बेहद कम बंदिश होगी जबकि रेड जोन के कंटेनमेंट इलाके में सख्त पाबंदियां होंगी।
देश के किसी भी हिस्से में कोरोना के खतरे को देखते हुए देश का गृहमंत्रालय अपनी समीक्षा के आधार पर फैसलों के लिए स्वतंत्र होगा। राज्य उसका अनुपालन करेंगें।

पंजाब, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, असम और तेलंगाना चाहते हैं कि लॉकडाउन जारी रहे। कुछ राज्य कोविड-19 की स्थिति के मुताबिक जिलों को जोन – रेड, ऑरेंज और ग्रीन- के निर्धारण का अधिकार उन्हें दिए जाने की मांग कर रहे हैं।
राज्य सरकारों के कुछ अनुरोध स्वीकार किए जा सकते हैं, जिनसे वे जमीनी स्थिति के आधार पर किसी खास जगह लोगों की आवाजाही और आर्थिक गतिविधियों पर पाबंदी या उन्हें शुरू करने की मंजूरी दे सकें।
कोई भी राज्य बंद को पूरी तरह खत्म नहीं करना चाहता लेकिन सभी क्रमिक रूप से आर्थिक गतिविधियों को बहाल करना चाहते हैं।
रेलवे और घरेलू उड़ानों का नियंत्रित संचालन शुरु हो सकता है।
बिहार, तमिलनाडु, कर्नाटक उन राज्यों में शामिल हैं जो नहीं चाहते कि ट्रेन और हवाई सेवाओं को पूरी तरह बहाल किया जाए, कम से कम मई के अंत तक को नहीं ही।
रेलवे दिल्ली से 15 स्थानों के लिये पहले ही विशेष ट्रेनों का संचालन शुरू कर चुका है और इसके अलावा बंद की वजह से देश के अलग-अलग इलाकों में फंसे प्रवासी कामगारों को उनके गंतव्यों तक पहुंचाने के लिए सैकड़ों 'श्रमिक विशेष' ट्रेनों का भी संचालन किया जा रहा है।
एअर इंडिया भी 'वंदे भारत मिशन' के तहत बंद की वजह से विदेश में फंसे हजारों भारतीयों की वापसी के लिए अभियान में जुटा है।
स्थानीय ट्रेन, बस और मेट्रो सेवा का रेड जोन के नॉन-कंटेनमेंट एरियाज क्षेत्रों में सीमित क्षमता में परिचालन शुरू हो सकता है।
रेड जोन में ऑटो और टैक्सियों को भी यात्रियों की सीमित संख्या के साथ संचालन की इजाजत मिल सकती है।
अधिकतर सेवाओं जिले के नॉन-कंटेनमेंट जोन में ही चलाने की इजाजत होगी।
राज्य सरकार इन्हें फिर से खोलने पर फैसला कर सकती हैं।
ऑरेंज और रेड जोन में बाजार को खोलने का अधिकार राज्य सरकारों को दिया जा सकता है जो गैर-जरूरी वस्तुओं की दुकानों को खोलने के लिए ऑड-ईवन नीति अपना सकती हैं।
कोरोना वायरस के कारण बुरी तरह प्रभावित महाराष्ट्र मुंबई, उसके उपनगरीय इलाकों और पुणे में बंद के सख्त उपाय चाहता है। यहां किसी भी तरह के अंतर राज्यीय या अंतर जिला परिवहन की राज्य सरकार ने मुखालफत की है।
गुजरात प्रमुख शहरी केंद्रों में आर्थिक गतिविधियों को फिर से शुरू करने के पक्ष में है।
महाराष्ट्र के बाद देश में संक्रमण के मामलों के लिहाज से गुजरात दूसरे नंबर पर है।
दिल्ली, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और केरल समेत कुछ राज्य आर्थिक गतिविधियों को खोलने के पक्ष में हैं। पर्यटन उद्योग को पटरी पर लाने के लिए केरल ने रेस्तरां और होटलों को फिर से खोलने का सुझाव दिया है।
बिहार, झारखंड और ओडिशा में हाल में प्रवासी मजदूरों की वापसी के बाद कोविड-19 के मामलों में तेजी आई है और वे चाहते हैं कि बंद जारी रहे और लोगों की आवाजाही पर सख्ती हो।
जिस तरह से भारतीय रेल ने 30 जून तक अपने सभी आरक्षण निरस्त किए हैं उससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि लॉकडाउन कहां तक जा रहा है और शायद इससे आगे भी।
टीम स्टेट टुडे

