रामपुर, 23 नवंबर 2022 : सपा के वरिष्ठ नेता मोहम्मद आजम खां की मुश्किलें बढ़ गई हैं। एससी-एसटी एक्ट मामले में आपत्ति खारिज होने के बाद रामपुर की अदालत ने उनकी आवाज की जांच लखनऊ की विधि विज्ञान प्रयोगशाला से कराने के आदेश दिए हैं।
आजम खां के खिलाफ वर्ष 2007 दर्ज हुआ था एससी-एसटी एक्ट का मामला
आजम खां के खिलाफ एससी-एसटी एक्ट का मामला वर्ष 2007 में टांडा थाने में दर्ज हुआ था। तब विधानसभा चुनाव चल रहे थे। आजम खां ने टांडा क्षेत्र में जनसभा की थी, जिसमें उन पर जातिसूचक टिप्पणी करने का आरोप है। 15 साल पुराने इस मामले की सुनवाई एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट (सेशन ट्रायल) में चल रही है।
बसपा नेता ने कराया था मुकदमा
आजम खां के खिलाफ प्राथमिकी कराने वाले बसपा नेता धीरज शील की मृत्यु हो चुकी है। अभियोजन की ओर से अन्य गवाह व साक्ष्य पेश किए गए हैं। इनमें भाषण की रिकार्डिंग को भी अदालत में सुनाया जा चुका है। अभियोजन ने पिछले माह आजम खां की आवाज का सेंपल लेकर विधि विज्ञान प्रयोगशाला में रिकार्डिंग से मिलान कराने की मांग की थी, लेकिन आजम खां के अधिवक्ता ने इस पर आपत्ति लगा दी थी।
अदालत ने आजम की आपत्ति को किया खारिज
अदालत ने दोनों पक्षों की बहस के बाद मंगलवार को आपत्ति को खारिज कर दिया था। बुधवार को इस मामले में फिर से सुनवाई हुई। सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता अमित कुमार सक्सेना ने बताया कि अदालत ने पुलिस को आदेश दिए हैं कि लखनऊ विधि विज्ञान प्रयोगशाला में आवाज की जांच कराई जाए।
डूंगरपुर मामले में गवाह के हुए बयान
उधर, आजम खां के खिलाफ डूंगरपुर के एक मामले में भी सुनवाई हुई। इसमें गवाह शकील के बयान हुए। इस मामले में अभी गवाही पूरी नहीं हो सकी है। गुरुवार को अदालत इस मामले में फिर से सुनवाई करेगी।
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