लखनऊ, 5 अप्रैल 2022 : उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार अपने दूसरे कार्यकाल में मदरसा शिक्षा में कई बड़े बदलाव करने जा रही है। मदरसों में अब दीनी तालीम कम कर हिंदी, अंग्रेजी, विज्ञान, गणित व सामाजिक विज्ञान जैसे आधुनिक विषयों पर अधिक फोकस किया जाएगा। मदरसा बोर्ड के पाठ्यक्रम को सरकार ऐसा बनाने जा रही है जिससे यहां के छात्र भी दूसरे बोर्ड के छात्रों के साथ प्रतिस्पर्धा कर सकें। यूपी सरकार के इस फैसले से मदरसों से दीनी तालीम देने वाले 5339 शिक्षकों के पद चरणवार तरीके से खत्म हो जाएंगे। अब मदरसों में कुल 8129 शिक्षकों के पदों में से 6455 पद आधुनिक विषय पढ़ाने वाले शिक्षकों के रहेंगे।
उत्तर प्रदेश में वित्त पोषित 558 मदरसे हैं, जिनमें 8129 शिक्षकों व 558 प्रधानाचार्य के पद हैं। इन पर सरकार हर साल 866 करोड़ रुपये खर्च करती है। इतनी बड़े खर्च के बावजूद मदरसों में छात्र संख्या लगातार घट रही है। इसका मुख्य कारण यहां ऐसे विषयों को पढ़ाया जाना जिसके कारण यहां के बच्चे प्रतियोगी परीक्षाओं में सफल नहीं हो पाते हैं। इसलिए सरकार मदरसा बोर्ड के पाठ्यक्रम में अहम बदलाव करने जा रही है।
अभी तक कक्षा एक से पांच तक के मदरसों में सभी पांचों शिक्षक दीनी तालीम देने वाले होते हैं। कक्षा छह से आठ तक के मदरसों में तीन शिक्षकों में दो दीनी तालीम वाले होते हैं। इसी प्रकार आलिया (कक्षा 9 व 10) स्तर के मदरसों में चार में से तीन शिक्षक दीनी तालीम देने के लिए होते हैं। यानी कक्षा छह से आठ व आलिया स्तर के मदरसों में अभी केवल एक-एक शिक्षक ही वैकल्पिक विषय पढ़ाने वाले होते हैं।
उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा परिषद के अध्यक्ष डा. इफ्तिखार अहमद जावेद की अध्यक्षता में हुई बोर्ड बैठक में मदरसा मान्यता, प्रशासन एवं सेवा विनियमावली 2016 में जरूरी संशोधन का प्रस्ताव तैयार कर सरकार को भेजने का प्रस्ताव पास हुआ। इसमें तय हुआ कि प्रत्येक कक्षा के स्तर पर केवल एक शिक्षक ही दीनी तालीम देने के लिए रहेंगे। ऐसे में कक्षा एक से पांच तक के मदरसों में पांच शिक्षकों में एक शिक्षक दीनी तालीम व चार शिक्षक आधुनिक विषय पढ़ाने वाले रहेंगे
Comments