लखनऊ, 16 मई 2023 : माफिया मुख्तार अंसारी के काले कारोबार में उसके विधायक पुत्र अब्बास अंसारी व छोटे बेटे उमर अंसारी की भी सक्रिय भूमिका रही है। ईडी, आयकर व पुलिस की जांच में दोनों के विरुद्ध जिस तरह के साक्ष्य सामने आ रहे हैं, उससे उन पर भी मुख्तार व अफजाल अंसारी की तरह कानूनी शिकंजा कसने में ज्यादा समय नहीं है। जांच एजेंसियों ने अपनी पड़ताल तेज की है, जिसमें मुख्तार के दोनों बेटों के आर्थिक अपराध की कड़ियां भी खुल रही हैं। दोनों की मुश्किलें और बढ़ने वाली हैं।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) मुख्तारी अंसारी कुनबे की मऊ आर्गेनिक, विकास कंस्ट्रक्शन, आगाज प्रोजेक्ट एंड इंजीनियरिंग समेत कई अन्य फर्म व उनसे जुड़े लोगों की छानबीन कर रहा है। ईडी ने अगस्त, 2022 में मुख्तार व उसके करीबियों के ठिकानों पर छापेमारी की थी और कई बेनामी संपत्तियों के दस्तावेज बरामद किए थे।
जांच में सामने आया है कि मऊ आर्गेनिक फर्म का संचालन वास्तविक रूप से मुख्तार के बेटों अब्बास व उमर के ही हाथ में था। जबकि विकास कंस्ट्रक्शन के खातों की छानबीन में वर्ष 2012 से 2019 के बीच 15 करोड़ रुपये से अधिक रकम मुख्तार अंसारी की पत्नी अफ्शा के खाते में ट्रांफसर किए गए थे। इस फर्म के खाते से बड़ी रकम आगाज प्रोजेक्ट को ट्रांसफर की गई थी। इसे लेकर जांच चल रही है।
ईडी ने मुख्तार व उसके कुनबे की दिल्ली, गाजीपुर, लखनऊ व अन्य शहरों में कई बेशकीमती बेनामी संपत्तियों चिन्हित की हैं, जिन्हें अब जब्त किए जाने की तैयारी है। इन संपत्तियां से जुड़े दस्तावेजों में अब्बास व उमर की भूमिका के प्रमाण भी मिले हैं। इसी कड़ी में मुख्तार के करीबी जितेंद्र सपारा की भी जांच हो रही है। मुख्तार व कुनबे ने जांच एजेंसियों को अपनी संपत्तियों को लेकर कई गलत जानकारियां भी दी हैं, जो उनके विरुद्ध पुख्ता साक्ष्य साबित होंगी।
आयकर विभाग भी मुख्तार के विरुद्ध जांच कर रहा है और तीन दिन पूर्व ही गाजीपुर में उसकी दो बेनामी संपत्तियां जब्त की हैं। आयकर की जांच में ही मुख्तार की कंपनियों में उसके करीबी गणेश दत्त मिश्रा की सक्रिय भूमिका सामने आई थी। विभिन्न कंपनियों के जरिए काली कमाई को खपाने के कई राज अभी सामने आना बाकी हैं। अब्बास कासगंज जेल में बंद है और उमर लखनऊ में दर्ज शत्रु संपत्ति से जुड़े धोखाधड़ी के मामले में फरार चल रहा है।
विदेश में असहलों का नकद किया था भुगतान
अब्बास के विरुद्ध एक शस्त्र लाइसेंस पर नियम विरुद्ध विदेश से कई घातक असलहे खरीदने के मामला अब ईडी की जांच के दयारे में भी है। एसटीएफ इस बहुचर्चित मामले में कोर्ट में आरोपपत्र दाखिल कर चुकी है। ईडी ने एसटीएफ से विदेश से खरीदे गए असलहों व कारतूस का ब्योरा लिया था। सामने आया कि अब्बास ने अपराध की रकम से असलहे खरीदे थे। स्लोवेनिया से जो असलहे व कारतूस खरीदे थे, उनका भुगतान नकद किया था। अब्बास ने अपने बयान में कहा था कि वह भारतीय मुद्रा को विदेशी मुद्रा में कनवर्ट कराकर ले गया था।
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