राममंदिर निर्माण के लिए जिसके इशारे पर नाचे मुलायम,कल्याण,हाशिम,आडवाणी,जोशी,योगी,मोदी और अदालत
अब जब 5 अगस्त को राममंदिर निर्माण के लिए भूमिपूजन स्वयं भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करने जा रहे हैं तो सबके मन में एक ही सवाल है कि आखिर राममंदिर निर्माण की ये पूरी रुपरेखा कैसे साकार हुई।
भारत 1947 में आजाद हुआ। 1949 में अयोध्या के रामजन्मभूमि परिसर में रामलला प्रकट हुए। तब से लेकर आज तक अदालत में मुकदमा, राममंदिर आंदोलन, जांच आयोग और ना जाने क्या क्या हुआ। कई किरदार हैं राममंदिर निर्माण से पहले मसलन स्वामी रामचंद्र परमहंस, हाशिम अंसारी, अदालत के वकील, जज, अटल, आडवाणी, जोशी, राजीव गांधी, नरसिम्हा राव, मुलायम सिंह यादव,कल्याण सिंह योगी आदित्यनाथ , नरेंद्र मोदी और भी बहुत सारे लोग।
क्या आप जानते हैं कि भारत की आजादी के ठीक बाद जिसने राममंदिर की आज की स्थिति की पूरी रणनीति बनाई वो कौन है। वो कौन है जिसके इशारे पर कभी अदालतों में मामला लंबा खिंचा तो कभी कारसेवकों पर गोलियां चलीं। कभी आडवाणी रथ लेकर निकले तो कभी लालू ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया।
स्टेट टुडे पर मिलिए उनसे जो बीते 72 साल से राममंदिर निर्माण की अब तक की प्रक्रिया के असली सूत्रधार हैं।
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