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मानसून सत्र में पहले दिन 25 मिनट तक चला सदन, सीएम बोले- अराजकता के लिए जगह नहीं


लखनऊ, 19 सितंबर 2022 : उत्तर प्रदेश विधानमंडल में मानसून सत्र में पहले दिन की कार्यवाही सिर्फ 25 तक चली। विधान भवन में इस दौरान भाजपा के साथ बसपा, कांग्रेस तथा अन्य दल के नेताओं ने शोक प्रस्ताव में भाग लेकर भाजपा के विधायक अरविंद गिरि को शोक संवेदना व्यक्त की। सदन में समाजवादी पार्टी का कोई भी सदस्य नहीं आया।

विधानमंडल के मानसून सत्र के पहले दिन सदन सिर्फ 25 मिनट तक चला। इस दौरान सदन नहीं पहुंचे समाजवादी पार्टी के सदस्यों ने नेता सदन अखिलेश यादव के साथ सड़क पर ही संघर्ष किया। विधानसभा का मानसून सत्र सोमवार को शुरू हुआ। इस दौरान लखीमपुर खीरी के गोला गोकर्ण के भाजपा के विधायक अरविंद गिरि के निधन पर शोक प्रस्ताव के बाद 25 मिनट में मंगलवार 11 बजे तक के लिए स्थगित हो गया।

विधान भवन में आज के सत्र के दौरान समाजवादी पार्टी का कोई सदस्य सदन में नहीं पहुंच सका। वह बाहर पदयात्रा के लिए पुलिस से जूझते रह गए। सदन में प्रगपतिशील समाजवादी पार्टी के मुखिया व सपा विधायक शिवपाल सिंह यादव भी नहीं पहुंचे।

शोक प्रस्ताव के दौरान सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश में कहीं पर भी अराजकता के लिए कोई जगह नहीं है। सपा के पैदल मार्च पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 25 करोड़ लोगों के हितों के लिए डबल इंजन की सरकार बिना भेदभाव के कार्य कर रही है। डबल इंजन की सरकार समाज के अंतिम पायदान पर बैठे व्यक्ति को शासन की योजानाओं का लाभ पहुंचा रही है।

सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि विभिन्न चुनौतियों का सामना करते हुए भी यहां अभाव और अराजकता के लिए जगह नहीं है। उन्होंने कहा कि किसी भी दल और व्यक्ति को लोकतांत्रिक तरीके से अपनी बात रखने में कहीं कोई बुराई नहीं है। अगर उन्होंने (समाजवादी पार्टी) अनुमति मांगी होगी तो जो भी सरल मार्ग होगा प्रशासन ने उनको उपलब्ध कराया होगा। मुझे लगता है कि समाजवादी पार्टी से यह उम्मीद करना कि वह किसी नियम या किसी शिष्टाचार को माने, यह केवल एक कपोल कल्पना ही कही जा सकती है।

सपा का मार्च जनता के हितों से जुड़ा नहीं: केशव मौर्य

उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम और विधान परिषद में नेता सदन केशव प्रसाद मौर्य ने सपा पर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी जिसे मार्च का नाम देकर विरोध प्रदर्शन कर रही है वो जनता के हितों से जुड़ा हुआ है ही नहीं। अगर उन्हें जनता से जुड़े किसी मुद्दे पर चर्चा करनी है तो सदन में करनी चाहिए, जो कार्यवाही का हिस्सा बने। सरकार चर्चा के लिए तैयार है।

जोरदार तैयारी में विपक्ष

विपक्षी दलों ने भी कानून व्यवस्था, लखीमपुर खीरी में दो बालिकाओं से सामूहिक दुष्कर्म के बाद उनकी हत्या, सूखे और बारिश से फसलों को हुए नुकसान, राजधानी के होटल लेवाना सुइट्स में हुए अग्निकांड, बढ़ती महंगाई, बेरोजगारी जैसे मुद्दों को लेकर सरकार को घेरने की तैयारी की है। इस लिहाज से सत्र के दौरान हंगामा होने के आसार हैं।

महिला सशक्तीकरण की दिशा में रचा जाएगा इतिहास

उत्तर प्रदेश का मानसून सत्र महिला सशक्तीकरण की दिशा में भी इतिहास रचेगा। विधानमंडल के इतिहास में पहली बार एक दिन दोनों सदनों की कार्यवाही महिला विधायकों के नाम रहेगी। 22 सितंबर को दोनों सदनों की कार्यवाही महिला सदस्यों के लिए आरक्षित रहेगी।

विधान सभा में 47 और विधान परिषद में छह महिला सदस्य हैं। दोनों सदनों की कार्यमंत्रणा समितियों की बैठक में यह कार्यक्रम तय हुआ है। इस दिन को विशेष बनाने के लिए दोनों सदनों में महिला सदस्यों को पीठासीन किया जाए। विधान सभा अध्यक्ष सतीश महाना की अध्यक्षता में हुई विधान सभा की कार्यमंत्रणा समिति की बैठक में 19 से 23 सितंबर तक के कार्यक्रमों को मंजूरी दी गई।

बैठक में तय हुआ 22 सितंबर को प्रश्नकाल के बाद सदन में सिर्फ महिला विधायकों को बोलने का मौका दिया जाएगा। विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने बताया कि उस दिन सदन में सभी विधायकों को उपस्थित रहने के लिए कहा गया है, लेकिन बोलने का अवसर सिर्फ महिला सदस्यों को मिलेगा। प्रत्येक महिला सदस्य को कम से कम तीन मिनट और अधिकतम आठ मिनट का समय दिया जाएगा। महाना ने दावा किया कि आजादी के बाद से पहली बार विधानमंडल में ऐसा नजारा देखने को मिलेगा।

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