
‘नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति और आत्मनिर्भर’ भारत विषय पर सेंटर फॉर मीडिया रिसर्च एंड अनालिसिस (CMRA) ने किया वेबिनार का आयोजन
रोजगार देने के साथ-साथ नैतिक मूल्यों वाली है नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति: श्याम जाजू
नई शिक्षा नीति में व्यावहारिक ज्ञान और स्थानीय भाषा पर जोर: श्याम जाजू
नई शिक्षा नीति भविष्य के भारत की आधारशीला: रविन्द्र चौधरी
सेंटर फॉर मीडिया रिसर्च एंड अनालिसिस (CMRA) ने 30 अगस्त को ऑनलाइन सेमिनार ‘नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति और आत्मनिर्भर भारत’ का आयोजन किया। इस वेबिनार में भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्याम जाजू बतौर मुख्य वक्ता शामिल हुए। वेबिनार का संचालन सीएमआरए के राष्ट्रीय संयोजक रविन्द्र चौधरी ने किया जबकि उत्तराखंड तकनीकी विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर, दिल्ली भाजपा की नेता श्रीमति शोभा उपाध्याय, सीएमआरए के डायरेक्टर कमल चिब, विक्रम मित्तल समेत पत्रकारों और छात्रों ने बड़ी संख्या में हिस्सा लिया।
देशभर से जुड़े शिक्षाविदों, छात्रों और पत्रकारों को संबोधित करते हुए श्याम जाजू ने कहा कि भारत में भारतीय मूल्यों पर आधारित शिक्षा व्यवस्था होनी चाहिए, जिसकी आवश्यकता काफी समय से महसूस की जा रही थी। यही वजह है कि कि मोदी सरकार ने इस क्षेत्र से जुड़े सभी वर्गों के साथ लंबे विचार-विमर्श के बाद नई शिक्षा नीति का निर्धारण किया।
श्याम जाजू ने कहा कि देश की शिक्षा व्यवस्था रोजगारोन्मुख होनी चाहिए और यही वजह है कि मोदी सरकार ने नई शिक्षा नीति में रोजगार को सबसे ज्यादा महत्व दिया है। श्याम जाजू ने कहा कि मोदी सरकार द्वारा लाई गई नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में नैतिक और व्यावहारिक ज्ञान देने पर जोर दिया गया है। इसके साथ ही शिक्षा व्यवस्था में अंग्रेजी के साथ-साथ स्थानीय भाषा को भी महत्व दिया गया है।

इस मौके पर सीएमआरए के राष्ट्रीय संयोजक रविंद्र चौधरी ने कहा कि मोदी सरकार द्वारा लाई गई नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति भविष्य के भारत की आधारशीला है और यह आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करने में बेहद अहम साबित होगी। हालांकि इसके साथ ही रविंद्र चौधरी ने सवाल उठाते हुए कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति की सफलता और असफलता उसके क्रियानव्यन पर निर्भर करेगी।
टीम स्टेट टुडे
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