लखनऊ, 15 मई 2023 : नगरीय निकाय चुनाव में इस बार मुस्लिम बहुल मतदाताओं वाली सीटों पर भी भाजपा को जीत मिली है। इसे लेकर भाजपा के प्रति मतदाताओं में बन रहे नए समीकरणों की भी पुष्टि हो रही है। माना जा रहा है कि अब मुस्लिम मतदाता भी भाजपा की नीतियों में विश्वास व्यक्त कर रहे हैं।
भाजपा ने चुनाव में 395 मुस्लिम उम्मीदवार मैदान में उतारे थे। नगर पालिका व पंचायतों के अध्यक्ष पद के लिए 32 उम्मीदवारों में से पांच ने जीत हासिल की है। मुस्लिम बहुल सीटों पर जीत को लेकर भाजपा के अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष कुंवर बासित अली ने कहा है कि मुस्लिम बाहुल सीटों पर भाजपा के उम्मीदवारों की जीत ने मुस्लिम समाज में भाजपा के प्रति अफवाहें फैलाने वालों की दुकान बंद हो गई है।
उन्होंने कहा कि इस ऐतिहासिक जीत का श्रेय प्रधानमंत्री मोदी व प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को जाता है। भाजपा एक ऐसी पार्टी है जो सबका साथ और सबका विकास सबका विश्वास के साथ चलती है।
भाजपा ने पहली बार 395 मुस्लिम उम्मीदवारों को भी मैदान में उतारा था। नगर पालिका और नगर पंचायत अध्यक्ष पदों पर 32 उम्मीदवार मैदान में उतारे थे। इनमें से हरदोई की गोपामऊ से नगर पंचायत अध्यक्ष का चुनाव वली मोहम्मद जीते हैं।
सहारनपुर के चिल्लकाना नगर पंचायत अध्यक्ष पद पर फूल बानो, संभल के सिरसी नगर पंचायत अध्यक्ष पद पर कौसर अब्बास, बरेली के धौरा टांडा नगर पंचायत अध्यक्ष पद पर नदीमुल हसन और मुरादाबाद के भोजपुर नगर पंचायत अध्यक्ष पद पर फर्खन्दा जबीं ने जीत दर्ज की है। इसके अलावा गोरखपुर, अमेठी, सिवालखास सहित अन्य जिलों में कई उम्मीदवारों ने पार्षद-सदस्य का चुनाव जीता है।
अतीक हत्याकांड के बाद प्रयागराज में क्या दिखा असर
निकाय चुनाव प्रयागराज में भाजपा को पहली बार 100 में से 56 वार्डों में कमल खिलाने में सफलता मिली है। संगम नगरी की जनता ने भाजपा से महापौर पद के उम्मीदवार रहे गणेश केसरवानी के पक्ष में प्रचंड मतदान कर महापौर बना दिया। गणेश के जीतने से पूरा शहर खूशी में झूम रहा है, भाजपाई जीत के जश्न में डूबे हैं। इस जीत में जितना अहम पार्टी के कार्यकर्ताओं का है, उतना ही अहम भाजपा के लिए मुस्लिम मतों का विभाजन भी है।
मुस्लिम मतों का बिखराव निकाय चुनाव में इस बार भाजपा के लिए रामबाण बना। मुस्लिम मतों के बिखराव ने कानून व्यवस्था एवं विकास के नाम पर निकाय चुनाव में उतरी भाजपा की जीत को और बड़ी बना दिया है।भाजपा के गणेश केसरवानी रिकार्ड मतों से जीते हैं, वार्डों ने भी पिछले चुनाव की तुलना में अतुलनीय रहा। वहीं सपा को मुस्लिमों की नाराजगी भी भारी पड़ गई। जिन वार्डों में भाजपा कभी नहीं जीती, इस बार वहां पर भी कमल खिल गया।
इस बार भाजपा को कुल वैध मत में से 47.66 प्रतिशत मिले हैं। सपा उम्मीदवार के मत प्रतिशत में भी इस बार 0.65 प्रतिशत की वृद्धि हुई है लेकिन मुस्लिम बाहुल्य इलाकों में मतदान प्रतिशत बढ़ने के बजाय घट गया है।
माफिया अतीक अहमद और उसके भाई की हत्या का भी असर निकाय चुनाव में मुस्लिम मतदाताओं में देखने को मिला। इसके अलावा बसपा, कांग्रेस के अलावा एआइएमआइएम और आम आदमी पार्टी में मुस्लिम वोट बंट गए। हालांकि मुस्लिम मतों में पिछले निकाय चुनाव की तुलना में पांच से सात प्रतिशत का इजाफा हुआ है। पांच वर्ष में जहां भाजपा में पार्षदों की संख्या 56 हो गई, वहीं सपा मुस्लिम मतों के बिखराव से 24 से 16 वार्डों में ही जीत हासिल कर सकी है।
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