पीएम जालौन से करेंगे बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे का लोकार्पण, खुलेगी इन 5 जिलों की किस्मत

लखनऊ, 14 जुलाई 2022 : पिछले महीने ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जब 80,224 करोड़ रुपये की औद्योगिक परियोजनाओं का शिलान्यास किया तो बुंदेलखंड क्षेत्र में हताशा के बादल नजर आ रहे थे। वजह यह कि इस अंचल के हिस्से में कुल निवेश का महज 3.66 प्रतिशत (2938 करोड़ रुपये) ही था। पिछड़ेपन की इस पीड़ा को दशकों से झेल रहे बुंदेलखंड के आसमान से हताशा के वह बादल अब छंटने की आस है। पीएम मोदी शनिवार को बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे का लोकार्पण करने आ रहे हैं। इस चौड़ी सड़क पर वाहनों का फर्राटा शुरू होते ही बदहाल रहे बुंदेलखंड के खास तौर पर आर्थिक विकास के कई रास्ते खुल जाएंगे।
उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार द्वारा चित्रकूट के भरतकूप से इटावा के कुदरैल तक बनाए गए 296 किलोमीटर लंबे बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे का लोकार्पण प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शनिवार को जालौन जिले के कैथेरी गांव से करेंगे। 14,850 करोड़ रुपये की लागत से उत्तर प्रदेश एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीडा) द्वारा बनाए गए इस एक्सप्रेसवे से सात जिले जुड़े हैं, लेकिन विशेष लाभ बुंदेलखंड को मिलना है।
दरअसल, उत्तर प्रदेश में सबसे पिछड़े क्षेत्रों की बात करें तो उनमें सबसे पहले बुंदेलखंड का नाम लिया जाता रहा है। औद्योगिक विकास यहां ठप रहा है, जिसकी बड़ी वजह खराब रोड कनेक्टिविटी को माना जा सकता है। प्रदेश में जब योगी सरकार ने 2017 में सत्ता संभाली तो 'सबका साथ, सबका विकास' की नीति पर चलते हुए बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे बनवाने की भी घोषणा कर दी, ताकि इस क्षेत्र का संपूर्ण विकास कराया जा सके।
29 फरवरी, 2020 को पीएम मोदी ने परियोजना का शिलान्यास किया और अब यह बनकर तैयार है। योगी सरकार अपने दूसरे कार्यकाल में सबसे पहले सबसे बड़ा उपहार बुंदेलखंड क्षेत्र को ही देने जा रही है। अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त अरविंद कुमार मानते हैं कि बेहतर रोड कनेक्टिविटी किसी भी क्षेत्र का औद्योगिक विकास कराने के लिए बहुत आवश्यक है।
यह एक्सप्रेस-वे शुरू हो जाने के बाद बुंदेलखंड क्षेत्र के छोटे-छोटे जिले भी आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे और यमुना एक्सप्रेसवे के माध्यम से लखनऊ और दिल्ली से जुड़ जाएंगे। इससे निवेशकों का इस क्षेत्र की ओर आकर्षित होना स्वाभाविक है। वह कहते हैं कि सरकार की योजना सभी एक्सप्रेसवे के किनारे औद्योगिक गलियारा विकसित करने की है। इससे वहां औद्योगिक इकाइयां लगेंगी और लाखों की संख्या में रोजगार के अवसर तैयार होंगे।
बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे : एक नजर
§ कहां से कहां तक - चित्रकूट के भरतकूप से इटावा के कुदरैल तक
§ लागत - 14,850 करोड़ रुपये
§ लंबाई - 296 किलोमीटर
§ लाभान्वित जिले- चित्रकूट, बांदा, महोबा, हमीरपुर, जालौन, औरैया और इटावा