कासगंज, 12 फरवरी 2022 : कासगंज में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में एक बड़ी लापरवाही सामने आई है। सुरक्षा फ्लीट में शामिल एंबुलेंस से चिकित्सकों का पैनल गायब मिला। जिला एटा के तीन चिकित्सक एंबुलेंस में थे। एंबुलेंस तो हेलीपेड पर खड़ी रही, लेकिन चिकित्सक नहीं थे। इस लापरवाही की पुष्टि शनिवार को हुई है। जब एसपी ने सीएमओ से रिपोर्ट लेकर सीएमओ सहित चार चिकित्सकों को लापरवाह मानते हुए एसपीजी एवं पुलिस महानिदेशक को पत्र लिखा है।
शुक्रवार दोपहर तीन बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कासगंज के पटियाली क्षेत्र में जनसभा को संबोधित करने पहुंचे थे। पटियाली दरियावगंज के बीच फायर स्टेशन के सामने जनसभा स्थल पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे। यहां एसपीजी एवं पुलिस सुरक्षा की कमान संभाली रही थी। यहां मुख्य जिम्मेदारी एसपीजी पर थी। एसपीजी की टीम कई दिन पहले से ही सभी पहलुओं पर सुरक्षा के इंतजाम परख रही थी, लेकिन अंतिम समय में सुरक्षा में लापरवाही का मामला सामाने आया। प्रधानमंत्री की सुरक्षा फ्लीट में चिकित्सक भी शमिल थे। स्वास्थ्य विभाग ने पैनल बनाकर चिकित्सकों को एंबुलेंस में तैनात किया था। एंबुलेंस में एटा जिले के स्वास्थ्य विभाग से सर्जन अभिनव झा, पैथोलाजिस्ट मधुर कौशल, एनएसथीसिया आरके दयाल शामिल थे। यह एंबुलेंस प्रधानमंत्री के हेलीपेड के पास थी। प्रधानमंत्री की सेहत की रक्षा के लिए इन चिकित्सकों को अहम जिम्मेदारी दी गई थी, लेकिन चिकित्सकों ने बड़ी चूक कर दी।
प्रधानमंत्री के पहुंचने से कुछ मिनट पहले ही जब एसपीजी सुरक्षा के इंतजाम बारीकी से परख रही थी उस समय सामाने आया कि एंबुलेंस में तैनात चिकित्सक थे ही नहीं। फिर तो खलबली मच गई, हालांकि बाद में चिकित्सकों की टीम को बुलाया गया। मामले में एसपीजी ने एसपी से रिपोर्ट मांगी। एसपी बोत्रे रोहन प्रमोद ने सीएमओ से रिपोर्ट देने के लिए पत्र लिखा। इस पर सीएमओ ने तीनों चिकित्सकों का नाम शामिल करते हुए एसपी को जानकारी साझा की। एसपी ने इन तीनों चिकित्सकों सहित कासगंज के सीएमओ को लापरवाह मानते हुए रिपोर्ट एसपीजी एवं पुलिस महानिदेशक को भेजी है।
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