लखनऊ, 17 अक्टूबर 2022 : सरकारी विभागों में खालीपड़े पदों कोभरने की कवायदशुरू हो गईहै। सरकार नेसार्वजनिक क्षेत्र के सभीउपक्रमों (पीएसयू) से रिक्तियोंका आंकड़ा मांगाहै और देशमें बेरोजगारी कमकरने के उद्देश्यसे उन्हें भरनेके लिए रोडमैपतैयार करने कोकहा है।
एक सार्वजनिकउपक्रम के अधिकारीने समाचार एजेंसीपीटीआई को बतायाकि सरकार नेनिचले स्तर सेलेकर वरिष्ठ स्तरपर रिक्तियों केसंबंध में जानकारीमांगी है। विपक्षीदलों के देशमें बढ़ती बेरोजगारीपर लगातार हमलावरहोने के बीचसरकार ने रिक्तियोंको भरने कीकोशिश शुरू करदी है। अधिकारीने कहा किनिर्देश के अनुसारइस साल दिसंबरतक चिन्हित इंट्रीलेवल की रिक्तियोंको अगले सालअगस्त-सितंबर तकभरा जाना है।
जल्द मिलेंगीबंपर नौकरियां
अधिकारी ने कहाकि सरकारी संस्थानोंमें रिक्तियों कोभरने में समयलगता है क्योंकिनियुक्तियां पारदर्शी तरीके सेऔर दिशा-निर्देशोंका पालन करकेकी जाती हैं।विज्ञापन के आधारपर परीक्षण औरसाक्षात्कार आयोजित किए जातेहैं, तब जाकरयोग्य उमीदवार काचयन हो पाताहै। प्रत्येक चरणमें समय लगताहै क्योंकि देशभर के उम्मीदवारइस प्रक्रिया मेंभाग लेते हैं।
कितनी है सार्वजनिकक्षेत्र के कर्मचारियोंकी संख्या
आधिकारिक आंकड़ों केअनुसार, वित्त वर्ष 2021 केअंत में देशमें 255 केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्रके उद्यम (सीपीएसई) काम कर रहेथे। वित्त वर्ष 2021 के दौरान इन संगठनोंने1.89 लाख करोड़रुपये का लाभकमाया है। आपकोबता दें किपिछले महीने वित्तमंत्रालय ने रोजगारकी स्थिति औरभर्ती योजना काजायजा लेने केलिए सार्वजनिक क्षेत्रके बैंकों औरवित्तीय संस्थानों के प्रमुखोंके साथ एकबैठक बुलाई थी। 2012-13 के दौरान सार्वजनिक क्षेत्रके बैंकों मेंकर्मचारियों की कुलसंख्या 8.86 लाख थी। 2020-21 के दौरान यह घटकर 7.80 लाख रह गई।
बैंक कररहे हैं भर्तियां
बैंकों ने भर्तीके लिए विज्ञापनभी जारी करनाशुरू कर दियाहै। देश केसबसे बड़े ऋणदाताभारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने हाल हीमें 1,673 परिवीक्षाधीन अधिकारियों की भर्तीके लिए विज्ञापनजारी किया था।
मिशन मोडमें आई सरकार
बेरोजगारी के मुद्देपर विपक्ष कीलगातार आलोचना के बीचप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नेजून में विभिन्नसरकारी विभागों और मंत्रालयोंसे अगले डेढ़साल में 10 लाखलोगों की भर्ती "मिशन मोड" पर करनेके लिए कहाथा। सभी सरकारीविभागों और मंत्रालयोंमें मानव संसाधनकी स्थिति कीसमीक्षा के बादप्रधानमंत्री की ओरसे यह निर्देशआया है। 2024 मेंहोने वाले अगलेआम चुनाव सेपहले रिक्त पदोंको भरे जानेकी संभावना है।बता दें किइस साल कीशुरुआत में सरकारने संसद मेंजानकारी दी थीकि 1 मार्च, 2020 तककेंद्र सरकार के विभिन्नविभागों में लगभग 8.72 लाख पद खालीथे। अकेले भारतीयरेलवे में लगभग 2.3 लाख पद खालीहैं।
सेंटर फॉर मॉनिटरिंगइंडियन इकोनॉमी (सीएमआईई) केआंकड़ों के अनुसार, ग्रामीण और शहरीक्षेत्रों में श्रमभागीदारी में वृद्धिके कारण सितंबरमें भारत कीबेरोजगारी दर गिरकर 6.43 प्रतिशत हो गई।अगस्त के दौरानभारत की बेरोजगारीदर एक सालके उच्च स्तर 8.3 प्रतिशत पर पहुंचगई थी।
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