नई दिल्ली, 8 जनवरी 2022 : निर्वाचन आयोग ने शनिवार को पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों की तारीखों का एलान किया। मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुशील चंद्र ने कहा कि इस बार आयोग ने तीन लक्ष्यों पर काम किया है। ये लक्ष्य हैं आसान और कोविड सेफ चुनाव के साथ साथ मतदाताओं की ज्यादा से ज्यादा से ज्यादा भागीदारी।
पंजाब, उत्तराखंड और गोवा में 14 फरवरी को एक चरण में मतदान
मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने कहा- पंजाब, उत्तराखंड और गोवा में 14 फरवरी को एक चरण में मतदान होगा जबकि मणिपुर में 27 फरवरी और तीन मार्च को दो चरणों में वोट डाले जाएंगे। 10 फरवरी को पहले चरण की वोटिंग होगी।
10 मार्च को पांचों राज्यों में मतगणना
मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने कहा- सभी 5 राज्यों के चुनाव कुल सात चरणों में पूरे होंगे। मणिपुर में दो चरणों में होगी वोटिंग। यूपी में 10 फरवरी को पहला फेज, 14 को दूसरा, 20 तीसरा, 23 चौथा फेज 27 मार्च को पांचवां, तीन मांर्च को छठा और सात मार्च को सातवें चरण का मतदान होगा। 10 मार्च को पांचों राज्यों में मतगणना होगी।
विजय जुलूस की भी इजाजत नहीं
मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने कहा- डोर-टु-डोर कैंपेन में भी अधिकतम पांच लोग ही शामिल हो सकेंगे। चुनाव प्रचार के दौरान कोरोना गाइडलाइंस का पूरी तरह अनुपालन सुनिश्चित करना होगा। इसमें शामिल होने वाले लोगों के लिए कोरोना से बचाव के लिए मास्क और सैनिटाइजर की व्यवस्था राजनीतिक दल ही करेंगे। मतगणना के बाद किसी भी तरह के विजय जुलूस की इजाजत नहीं होगी।
15 जनवरी तक रोड शो, रैली, जुलूस की इजाजत नहीं
कोरोना की चुनौतियों पर मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने कहा- यकीन हो तो कोई रास्ता निकलता है, हवा की ओट लेकर भी चिराग जलता है। राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों को हमारी सलाह है कि वे अपने चुनाव प्रचार कार्यक्रमों को डिजिटल मोड में ही चलाएं। 15 जनवरी तक कोई भी रोड शो, बाइक रैली, जुलूस या पद यात्रा की इजाजत नहीं होगी। यही नहीं 15 जनवरी तक कोई फीजिकल रैली भी नहीं आयोजित की जाएगी। बाद में डीटेल गाइडलाइंस जारी की जाएंगी।
राजनीतिक दलों के लिए दिशा-निर्देश
CEC सुशील चंद्र ने कहा कि राजनीतिक दलों के सभी चुनावी कार्यक्रमों की वीडियोग्राफी कराई जाएगी। पार्टियों को अपने उम्मीदवारों की आपराधिक रिकार्ड की घोषणा अनिवार्य रूप से करनी होगी। यूपी, पंजाब और उत्तराखंड में हर उम्मीदवार 40 लाख रुपए ही खर्च कर पाएगा। वहीं मणिपुर और गोवा में उम्मीदवार के लिए चुनावी खर्च सीमा 28 लाख रुपए तक ही सीमित रहेगी।
900 पर्यवेक्षक रखेंगे नजर, संवेदनशील बूथों की वीडियोग्राफी
CEC सुशील चंद्र ने कहा कि धन बल और सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग को लेकर हर बार की तरह इस बार भी जीरो टालरेंस की नीति रहेगी। इस बार कुल 900 पर्यवेक्षक चुनाव प्रक्रिया पर नजर रखेंगे। यदि जरूरी हुआ तो स्पेशल आब्जर्वर भी तैनात होंगे। संवेदनशील बूथों पर पूरे दिन वीडियोग्राफी कराई जाएगी। पांचों राज्यों में एक लाख से ज्यादा पोलिंग स्टेशनों का लाइव वेबकास्ट किया जाएगा।
अधिकतम मतदाताओं की संख्या 1500 से 1250 निर्धारित
CEC सुशील चंद्र ने कहा कि इस बार आयोग पर्याप्त संख्या में वीवीपैट की व्यवस्था करेगा। उम्मीदवारों को आनलाइन नामांकन का भी विकल्प मिलेगा। पोलिंग स्टेशन पर अधिकतम मतदाताओं की संख्या 1500 से 1250 निर्धारित की गई है। दिव्यांगों और 80 साल से ज्यादा उम्र वाले वरिष्ठ नागरिकों के साथ कोविड संक्रमितों को घर से मतदात करने की सुविधा मिलेगी।
16 फीसद पोलिंग बूथ बढ़ाए गए
CEC सुशील चंद्र ने कहा कि इस बार 16 फीसद पोलिंग बूथ बढ़ाए गए हैं। 2.15 लाख से ज्यादा पोलिंग स्टेशन बने हैं। चुनाव कोविड प्रोटोकाल के साथ कराए जाएंगे। पोलिंग बूथ पर कोरोना से बचाव के लिए मास्क, सेनिटाइजर आदि उपलब्ध कराए जाएंगे। थर्मल स्कैनिंग की भी व्यवस्था की गई है।
18.34 करोड़ मतदाता इस चुनाव में हिस्सा लेंगे
CEC सुशील चंद्र ने कहा कि सर्विस मतदाता को मिलाकर 18.34 करोड़ मतदाता इस चुनाव में हिस्सा लेंगे जिनमें से 8.55 करोड़ महिला मतदाता हैं। 24.9 लाख वोटर पहली बार वोट डालेंगे। हर विधानसभा क्षेत्र में कम से कम एक पोलिंग स्टेशन ऐसा होगा जिसका संचालन पूरी तरह से महिलाओं के हाथ में होगा। यहां तक की इस पोलिंग स्टेशन पर सुरक्षाकर्मी भी महिलाएं ही होंगी।
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