लखनऊ, 3 अप्रैल 2022 : भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (सिडबी) के क्षेत्रीय कार्यालय राजधानी लखनऊ में सिडबी का "32वां स्थापना दिवस" मनाया। इस वर्ष के स्थापना दिवस की थीम "एक साथ हम बढ़ते हैं" रही। इस अवसर पर ग्राहक-सम्मेलन का आयोजन किया गया, जिसमें सिडबी के लखनऊ और कानपुर के ग्राहकों ने भाग लिया। इस अवसर पर बोलते हुए सिडबी के उप प्रबन्ध निदेशक वी. सत्य वेंकटराव ने कहा कि एमएसएमई क्षेत्र को जीवंत, गतिशील और अनुकूल बनाने में सिडबी एक उत्प्रेरक की भूमिका निभाता चला आ रहा है। समावेशी संवृद्धि इसकी मूल भावना रही है। अपनी पहुंच बढ़ाने के लिए सिडबी ने उत्तर प्रदेश के आगरा और गोरखपुर में दो नई शाखाएं खोली हैं।
श्री राव ने आगे कहा कि कोविड ने हमें विपरीत परिस्थितियों से लड़ना सिखाया है और देश के एमएसएमई अब अपने विकास-पथ पर वापस आ गए हैं। एमएसएमई को त्वरित और कुशल ऋण सेवा प्रदान करने के उद्देश्य से सिडबी ने अपने सभी परिचालनों का डिजिटलीकरण किया है। अब ग्राहकों के लिए सिडबी एक ऐसी व्यापक और एकीकृत सुविधा प्रदान करता है, जिसमें आवेदन करने, ऑन-बोर्डिंग, मंजूरी, प्रलेखन और ऋण-प्रदायगी की मूलभूत प्रक्रियाएं ऑनलाइन संपन्न की जा सकती हैं। हमारा उद्देश्य सिडबी को एसएमई के लिए पूरी तरह से एकीकृत डिजिटल प्लेटफॉर्म बनाना है। इसके अलावा बैंक ने असेवित और अल्पसेवित घटकों के लिए अपनी संवर्द्धन और विकास संबंधी पहलकदमियों में वृद्धि की है, जिसके लिए उसने राज्य सरकारों तथा अन्य हितधारकों के साथ साझेदारी की है और क्लस्टर विकास कार्यक्रम आरंभ किया है। उत्तर प्रदेश में एमएसएमई पारितंत्र को और अधिक सुदृढ़ करने के बैंक के अधिदेश की राज्य सरकारों ने व्यापक सराहना की है। उत्तर प्रदेश राज्य में एमएसएमई की अधोसंरचना के विकास में सिडबी एक महत्त्वपूर्ण साझेदार हो जाएगा। इस उद्देश्य के लिए यह पहले ही 1000 करोड़ रुपये का वादा कर चुका है।
इस अवसर पर बोलते हुए बैंक के मुख्य महाप्रबन्धक विवेक मल्होत्रा ने बैंक द्वारा विकसित ऋण-प्रक्रिया के बारे में विस्तार से बताया, जिसमें शुरू से अंत तक की समस्त कार्रवाई डिजिटल रूप में संपन्न करके ऋण वितरण कुशलतापूर्वक सुनिश्चित हो पाता है। आगामी वित्तीय वर्ष के दौरान इस क्षेत्र में ऋण प्रवाह बढ़ाने के लिए बैंक की योजनाओं के बारे में भी उन्होंने विस्तार से बताया।
बैंक के लखनऊ क्षेत्रीय कार्यालय के प्रभारी महाप्रबन्धक मनीष सिन्हा ने कहा कि सिडबी एक क्रेडिट प्लस दृष्टिकोण अपना रहा है, जहां न केवल वित्तपोषण, अपितु एमएसएमई पारितंत्र की अन्य जरूरतों को भी पूरा किया जाता है। सिडबी की नीतियाँ और कार्य राष्ट्र की विकास संबंधी प्राथमिकताओं के अनुरूप रहे हैं। राज्य में एमएसएमई के समग्र विकास के लिए यह उत्तर प्रदेश सरकार के साथ घनिष्ठ सहयोग से काम कर रहा है। उन्होंने उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड राज्यों में एमएसएमई पारितंत्र के विकास व सुधार की दिशा में काम करने के बैंक के संकल्प को भी दोहराया।
अपने स्थापना दिवस समारोह के एक हिस्से के रूप में, सिडबी ने रीहैबिलिटेशन सोसायटी ऑफ द विजुअली इम्पेयर्ड (आरएसवीआई) के दृष्टिबाधित बच्चों को लैपटॉप और अन्य सामग्री भी वितरित की, ताकि ये बच्चे डिजिटल रूप से सक्षम और आत्मनिर्भर बन सकें।
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