तो क्या पाकिस्तान के दबाव के चलते लिया गया पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह का इस्तीफा?

लंबी रस्साकशी के बाद आखिरकार कांग्रेस आलाकमान के आदेश पर पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पद से इस्तीफा दे दिया। कांग्रेस इसे राहुल गांधी का बोल्ड स्टेप बता रही है। लेकिन राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित से इस्तीफा देने के बाद कैप्टन ने जो खुलासे किए उससे पंजाब के साथ साथ देश की सुरक्षा और इस्तीफे का असली मास्टरमाइंड कौन है ये सवाल बड़ा हो गया है।
इस्तीफा देने के बाद कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि नवजोत सिंह सिद्धू अक्षम व्यक्ति हैं। वह पूरी तरह डिजास्टर हैं। सिद्धू का पाकिस्तान से कनेक्शन है और वह राष्ट्र की सुरक्षा के लिए खतरा हैं। उनकी पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के मित्र हैं। सिद्धू के पाकिस्तानी सेना के चीफ जनरल कमर जावेद बाजवा के साथ भी संबंध हैं। कैप्टन की इस बात को बल तब मिला जब मंत्री रहते हुए सिद्धू ने पाकिस्तान की यात्रा की थी और इमरान के मुख्यमंत्री बनने पर उन्हें सबसे पहले बधाई दी थी।
अगर कैप्टन की माने तो पाकिस्तान की आईएसआई के लिए बहुत मामूली से दिखने वाले लोग अगर जासूसी करते हैं तो हिंदुस्तान में बड़े बड़े पदों पर बैठे ऐसे सफेदपोश भी हैं जिनके संबंध सीमापार कुछ ज्यादा ही हैं।
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह पंजाब कांग्रेस में खीचंतान के बीच अपने अपमान से आहत हैं। मीडिया से बातचीत में भविष्य की सियासत के बारे में भी संकेत दिए। अमरिंदर सिंह ने कहा कि उनके लिए सभी विकल्प हैं। मुख्यमंत्री के रूप में नवजोत सिंह सिद्धू के साथ काम नहीं सकता। सिद्धू टोटल डिजास्टर हैं। उनमें कोई क्षमता नहीं है। एक विभाग को तो नहीं संभाल सके, पूरा पंजाब क्या संभालेंगे। सिद्धू राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा हैं।
उन्होंने कहा कि मैं ने पिछले दिनों कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और पंजाब कांग्रेस प्रभारी हरीश रावत को बता दिया था मुझे नवजोत सिंह सिद्धू स्वीकार नहीं है।
कैप्टन अमरिंदर बोले जब मैंने अपने इस्तीफे के बारे में सोनिया गांधी से फोन पर बात की जो उन्होंने कहा ' आइएम सॉरी अमरिंदर'।
इससे पहले मीडिया कर्मियों से बात करते हुए कैप्टन ने अपने इस्तीफे का ठीकरा पार्टी हाई कमान पर भी फोड़ा । कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि मेरा अपमान हुआ। मैंने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया जी को कह दिया था कि मैं इस्तीफा दे रहा हूं। उन्होंने कहा कि पिछले दो महीनों में तीसरी बार कुछ विधायक इकट्ठा होकर कह देते हैं कि मैं काम नहीं कर रहा। ऐसे में आपको जो अच्छा लगता है उसे सीएम बना लें।
कैप्टन अमरिंदर ने अपनी अगली रणनीति के बारे में कहा, मेरे पास सभी विकल्प खुले हैं। मैं जल्द ही अपने समर्थकों से मिलूंगा और उनके साथ बातचीत करके अगली रणनीति तय करूंगा। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि मैं साढ़े नौ साल मुख्यमंत्री रहा। अब अपने समर्थकों और अपने साथियों से बात करके आगे की योजना तैयार करूंगा। मैं अभी पार्टी में हूं। मैंने अभी किसी नेता को मंजूर नहीं किया है। मैं जल्द ही अपने समर्थकों से मिलूंगा और उनके साथ बातचीत करके अगली रणनीति तय करूंगा।
कैप्टन का सियासी सफर
कैप्टन अमरिंदर सिंह ने वर्ष 2017 में पंजाब में कांग्रेस के लिए सत्ता का सूखा खत्म किया था। कैप्टन को अपने जन्मदिन के दिन 11 मार्च 2017 को पंजाब विधानसभा चुनाव में प्रचंड बहुमत मिला।
11 मार्च 1942 को पटियाला राजघराने में जन्मे अमरिंदर सिंह राजनीति में आने से पहले भारतीय सेना में कैप्टन रहे हैं।
उन्होंने वर्ष 1963 में सेना ज्वाइन की थी।
वह सेना में सिर्फ दो वर्ष रहे और 1965 में छोड़ दी। हालांकि बाद में जब पाकिस्तान से भारत का युद्ध हुआ तो उन्होंने फिर सेना ज्वाइन की और फिर युद्ध की समाप्ति के बाद सेना छोड़ दी।