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सत्र में बच्चों के यूनिफार्म पर छिड़ गई बहस, आमने-सामने खन्ना-अखिलेश


लखनऊ, 24 मई 2022 : उत्तर प्रदेश विधान सभा में मंगलवार को सत्ता पक्ष और विपक्ष में इस बात को लेकर बहस हुई कि परिषदीय स्कूलों के बच्चों की यूनिफार्म में नाप ज्यादा जरूरी है या कपड़े की गुणवत्ता। संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि अभिभावकों की मांग थी कि यदि वे खुद यूनिफार्म खरीद सकेंगे तो नाप सही होगी। इस पर नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव ने पूछा कि सरकार वह दुकान बता दे जहां से 1100 रुपये में बच्चों के लिए यह सारा सामान मिल जाएगा।

विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान सपा के विरेन्द्र कुमार यादव के सवाल पर बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संदीप सिंह ने बताया कि परिषदीय स्कूलों के हर बच्चे को प्रत्येक शैक्षिक सत्र में दो जोड़ी यूनिफार्म, एक जोड़ी जूता व दो जोड़ी मोजे, एक स्वेटर और एक स्कूल बैग देने के लिए अभिभावक के खाते में 1100 रुपये दिए जाते हैं। सत्र 2021-22 में इसके लिए 1852.52 करोड़ रुपये की धनराशि जारी हुई थी जिसमें से 1695.05 करोड़ रुपये खातों में भेजे गए हैं।

संसदीय कार्यमंत्री सुरेशखन्ना ने कहाकि पहले जोसिली-सिलाई यूनिफार्ममिलती थी, उसमेंबच्चों को उनकीनाप के कपड़ेनहीं मिल पातेथे। अभिभावकों कीमांग थी कियदि वे खुदयूनिफार्म खरीद सकेंगेतो नाप सहीहोगी। इस परनेता प्रतिपक्ष अखिलेशयादव और सपाके लालजी वर्माने पूछा किसरकार वह दुकानबता दे जहांसे 1100 रुपये में बच्चोंके लिए यहसारा सामान मिलजाएगा।

सुरेश खन्ना नेकहा कि मिलजाएगा बशर्ते यूनिफार्मके लिए 1000 रुपयेप्रति मीटर वालाकपड़ा न लियाजाए। इस परअखिलेश ने कहाकि कपड़े कीगुणवत्ता से हीयूनिफार्म की कीमतबढ़ती है। डबलइंजन की सरकारको बच्चों को 1000 रुपये प्रति मीटर वालाकपड़ा देना चाहिए।उन्होंने सवाल कियाकि गुणवत्ता पहलेदेखी जाए यानाप? जवाब मेंखन्ना ने कहाकि नाप पहलेजरूरी है, गुणवत्ताबाद में।

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