लखनऊ, 27 सितंबर 2022 : समाजवादी पार्टी के कई ऐसे नेता हैं, जिन्होंने मेयर, नगर पालिका अध्यक्ष और नगर पंचायत अध्यक्ष के अलावा संगठन की कुर्सी पाने के लिए सदस्यता अभियान में पूरा दम लगा दिया। कई निवर्तमान पदाधिकारी भी कुर्सी बचाने के चक्कर में अपने आकाओं की शरण में गए थे।
वरिष्ठ नेताओं ने भी सदस्यता अभियान में झोंकी ताकत
आकाओं ने भी फिर से संगठन की ताकत पाने का रास्ता सदस्यता अभियान को ही बता दिया था। इसके कारण उन्होंने भी सदस्यता अभियान में पूरी ताकत लगा दी थी। सपा के विधायकों और नेताओं का दावा है कि उनके 75 हजार से अधिक सदस्य हो चुके हैं।
अखिलेश यादव ने पांच जुलाई से शुरू कराया अभियान
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पांच जुलाई से सदस्यता अभियान प्रारम्भ किया था। उन्होंने सपा के सभी विधायकों को दस-दस हजार सदस्य बनाने का लक्ष्य दिया था। मुरादाबाद को समाजवादी पार्टी का गढ़ कहा जाता है। जिले की छह विधानसभा सीटों में से पांच समाजवादी पार्टी के विधायक हैं।
विधायकों ने पूरा किया सदस्यता लक्ष्य
सभी विधायकों ने अपना सदस्यता लक्ष्य पूरा कर लिया। मंगलवार को विधायक सदस्यता शुल्क की रसीदों के साथ लखनऊ जाएंगे। पूर्व जिलाध्यक्ष डीपी यादव की अगुवाई में संगठन के पदाधिकारियों ने 15 हजार सदस्य बनाए हैं। पूर्व महानगर अध्यक्ष शाने अली शानू ने भी मिले दस हजार सदस्यों का लक्ष्य पूरा कर लिया।
सब मिलाकर 75 हजार से अधिक सपा के सदस्य बने हैं। इस बार युवा बड़ी संख्या में सपा के साथ जुड़ा है। सपा का संगठन बूथ लेवल तक मजबूत हो गया है। निकाय चुनाव में टिकट के दावेदार भी बड़ी संख्या में युवा हैं।
कैसे ले सकते हैं सपा की सदस्यता
समाजवादी पार्टी की सदस्यता लेने के लिए तीन तरीके हैं। आजीवन सदस्य बनने के लिए 21 हजार रुपये की रसीद कटती है। करीब ढाई हजार सपा के आजीवन सदस्य हैं। हाल ही में चले सदस्यता अभियान में दो हजार से अधिक सक्रिय सदस्य बने हैं। सक्रिय सदस्यों को पार्टी के प्रत्येक कार्यक्रम में शामिल होना होता है। साधारण सदस्यता लेने के लिए 10 रुपये की रसीद कटानी होती है। इसी तरह सक्रिय सदस्य की एक हजार की रसीद कटती है। कई नेताओं ने अपनी पत्नियों को भी सक्रिय सदस्य बना रखा है।
सपा के राष्ट्रीय अधिवेशन में जाएंगे वफादार
समाजवादी पार्टी का राष्ट्रीय अधिवेशन 28 सितंबर को रमाबाई मैदान लखनऊ में होना है। इसमें शामिल होने के लिए सपा के 50 वफादारों को बुलाया जा रहा है। इसके अगले दिन राज्य अधिवेशन होगा। इसमें राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव होने के बाद प्रदेश अध्यक्ष का नाम फाइनल होना है। इसके बाद सभी जिलों में संगठन की नियुक्तियां होंगी।
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