लखनऊ, 7 नवंबर 2023 : प्रदेश सरकार ने वायु प्रदूषण को लेकर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में अपना शपथ पत्र दाखिल कर दिया है। इसमें सरकार ने एनसीआर के यूपी के जिलों में उठाए गए कदमों की विस्तृत जानकारी दी है। शपथ पत्र में सरकार ने पराली प्रबंधन, उद्योगों, निर्माण स्थलों व वाहनों से होने वाले प्रदूषण की रोकथाम के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी दी गई है।
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने पिछले दिनों दिल्ली में प्रदूषण के बढ़ते स्तर को लेकर दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश व राजस्थान सरकार से प्रदूषण कम करने के लिए क्या कदम उठाए हैं इसका शपथ पत्र दाखिल करने के निर्देश दिए थे। मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र की ओर से सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में शपथ पत्र दाखिल कर दिया गया है।
इसमें बताया गया है कि सरकार ने यूपी बायो-एनर्जी पालिसी 2022 के जरिए एनसीआर में यूपी के जिलों में चार कंप्रेस्ड बायो गैस प्लांट लगाए गए हैं। इसके अलावा 17 प्लांट प्रस्तावित हैं यह 2025 तक बनकर तैयार हो जाएंगे। सार्वजनिक परिवहन के बेड़े में इलेक्ट्रिक, सीएनजी व बीएस-4 वाहनों को शामिल करने के लिए लिए समय सारणी भी दी गई है।
एनसीआर में ई-चार्जिंग स्टेशन का बड़ा नेटवर्क तैयार करने की भी जानकारी दी गई है। इस समय 171 ई-चार्जिंग स्टेशन यहां पर संचालित हैं। इनमें से 169 अकेले गौतमबुद्धनगर में हैं। गाजियाबाद में एक ई-चार्जिंग स्टेशन है यहां पर 20 और स्टेशन बनाए जाने प्रस्तावित हैं। प्रतिदिन 266 मशीनों से 766 किलोमीटर सड़काें में पानी का छिड़काव किया जा रहा है।
50 हजार पुराने वाहन सड़कों से किए गए बाहर
एनसीआर में यूपी के जिलों में 50,894 वाहन जो अपनी आयु पूरी कर चुके थे उन्हें सड़कों से बाहर कर दिया गया है। एक जनवरी 2023 से 31 अक्टूबर 2023 के बीच यह वाहन हटाए गए हैं। एनसीआर के जिलों में 15 वर्ष की आयु पूरी कर चुके पेट्रोल व 10 वर्ष की आयु पूरी कर चुके डीजल वाहनों का दोबारा पंजीकरण नहीं होता है। आयु पूरी कर चुके 1231 वाहन जो सड़कों पर दौड़ रहे थे उनका चालान किया गया है।
रोपे जा चुके हैं 1.65 करोड़ पौधे
सरकार ने बताया कि प्रदूषण कम करने के लिए यहां पर 1.65 करोड़ पौधारोपण इस वर्ष किया जा चुका है। यह लक्ष्य से 11 लाख अधिक है। उद्योगों में भी 9.87 लाख पौधे मियावाकी पद्धति से लगाए गए हैं।
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