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यूपी बनाने जा रही डेटा सेंटर का हब, ग्रेटर नोएडा के बाद अब 7 और खोले जाएंगे


लखनऊ, 03 नवम्बर 2022 : उत्तर प्रदेश जल्द हीडेटा सेंटर काहब बनने जारहा है। हालही में ग्रेटरनोएडा में खुलेउत्तर भारत केपहले डेटा सेंटरके बाद अबयोगी सरकार नेराज्य में 7 औरडेटा सेंटर खोलनेका फैसला कियाहै। इस तरहग्रेटर नोएडा के डेटासेंटर को मिलाकरकुल 8 डेटा सेंटरहो जाएंगे। इसकेलिए डेटा सेंटर 2021 नीति में संशोधनोंके प्रस्ताव कोप्रदेश मंत्रिपरिषद की मंजूरीमिल गई है।

अन्य जिलोंमें भी खुलसकेंगे डेटा सेंटर

अब नोएडाव ग्रेटर नोएडाके अलावा अन्यजिलों में भीडेटा सेंटर खुलसकेंगे। ये डेटासेंटर ग्रेटर नोएडामें खुले नएडेटा सेंटर कीक्षमता से कमहोंगे। सरकार इन सभीडेटा सेंटर केलिए भूमि अनुदानकी व्यवस्था करेगी।साथ ही डुएलफीडर की सप्लाईमें एक फीडरकी सप्लाई काखर्च वहन करेगी।योगी कैबिनेट नेगुरुवार को आईटीविभाग से संबंधितदो प्रस्तावों परमुहर लगाई है।ग्लोबल इनवेस्टर समिट सेपहले सरकार कास्पष्ट निर्देश है किविभाग अपनी नीतियोंमें लक्ष्य केअनुरूप बदलाव करें, ताकिन सिर्फ वोअन्य राज्यों केमुकाबले बेहतर हों बल्किनिवेशकों के अनुरूपभी हों। इसीके तहत यहफैसला लिया गयाहै।

900 मेगावॉट तक डेटासेंटर होंगे लाभान्वित

अतिरिक्त मुख्य सचिव (आईटी एंड इलेक्ट्रॉनिक्स) अरविंद कुमार ने बतायाकि डेटा सेंटरपालिसी में कुछमहत्वपूर्ण बदलाव किए गएहैं। वन ट्रिलियनइकानमी के दृष्टिगतजो दिक्कतें इसमेंआ रही हैं, उन्हें संशोधनों के जरिएदूर किया गयाहै। डेटा सेंटरपालिसी के तहतजो लक्ष्य तयकिए गए थे, वो हमने समयसे पहले हीहासिल कर लिएहैं, इसलिए उनलक्ष्यों को बढ़ायाजा रहा है।जैसे एक लक्ष्यतय किया गयाथा कि डेटासेंटर में हम 250 मेगावॉट की कैपेसिटीलेकर आएंगे, लेकिन 636 मेगावॉट की कैपेसिटीके डेटा सेंटरके प्रस्ताव आगए हैं। ऐसेमें हमने लक्ष्यको बढ़ाकर 900 मेगावॉटके डेटा सेंटरको लाभ प्रदानकरेंगे।

छोटे डेटासेंटर की भीनीति बनाई गई

इसके अलावाछोटे डेटा सेंटरकी भी नीतिबनाई गई हैताकि डेटा सेंटरका प्रसार बाकीजिलों में भीहो सके। भलेही वो डेटासेंटर नोएडा केस्केल के नाभी हों तबभी उन्हें मंजूरीप्रदान की जाएगी।इसके अलावा डेटासेंटर के लिएएफएआर की परिभाषामें भी बदलावकिया है, ताकिनक्शे जल्दी पासहो सकें। पार्शियलकंप्लीशन की व्यवस्थादी गई है, जबकि बिजली कनेक्शनको लेकर भीसुविधाएं बढ़ाई गई हैं।इसके अलावा सेंटरऑफ एक्सीलेंस डेटासेंटर की फील्डमें भी दसकरोड़ रुपये तककी फंडिंग कीजाएगी। इन बदलावोंसे न सिर्फनिवेश बढ़ेगा बल्कितेजी से आएगा।ये पॉलिसी 5 सालतक के लिएमान्य होगी।

5 नए सेंटरऑफ एक्सीलेंस खुलेंगे

इसके अलावा, कैबिनेट ने स्टार्ट-अप नीतिके संशोधन केप्रस्तावों को भीमंजूरी प्रदान की। इसकेतहत प्रदेश में 5 नए सेंटर आफएक्सीलेंस खोले जाएंगे।नीति में लक्षित 3 सेंटर आफ एक्सीलेंसपहले ही खोलेजा चुके हैं।सरकार की ओरसे इन्हें 10 करोड़रुपये तक कीफंडिंग की जातीहै। ये 5 सेंटरऑफ एक्सीलेंस नए-नए क्षेत्रोंमें खोले जाएंगे।इन क्षेत्रों मेंक्वांटम कंप्यूटिंग, 3डी प्रिंटिंग, 5जी, वर्चुअल रिएलिटी, स्पेसटेक जैसी नईऔर उभरती फील्डको इसमें शामिलकिया है। इसकेतहत ये भीव्यवस्था की गईहै कि स्कूलस्तर पर हीइनोवेटिव कल्चर को बढ़ावादिया जाए। इसकेलिए अवेयरनेस कैंपचलाए जाएंगे, बूथकैंप्स लगाए जाएंगे, ताकि स्कूलों मेंइनोवेशन को बढ़ावामिल सके औरबच्चों में इसकेप्रति रुचि जागसके। इसके एक्सीलरेटेडप्रोग्राम की व्यवस्थाकी गई है।

महिलाओं की भागीदारीवाले स्टार्ट-अपपरिभाषा तय

सस्टेनेंस अलाउंस को 15 हजार से बढ़ाकर 17.5 हजार किया गयाहै। प्रोटोटाइप बनानेके लिए भीअब 5 लाख रुपयेका अनुदान मिलसकेगा। पहले यहव्यवस्था नहीं थी।ग्रामीण परिवेश को प्रभावितकरने वाले, कूड़ेको रिसाइकिल करनेवाले, पर्यावरण संरक्षण, रिन्यूएबल एनर्जी जैसे सेक्टरमें स्टार्ट-अपशुरू करने वालोंको 50 प्रतिशत अधिकइंसेंटिव प्रदान किया जाएगा।इसके अलावा महिलाओंकी भागीदारी वालेस्टार्ट-अप कीभी परिभाषा तयकी गई है।इसके तहत स्टार्ट-अप में 26 प्रतिशत महिलाओं की भागीदारीहोना जरूरी है।

7 हजार करोड़के निवेश प्रस्तावोंको भी मंजूरी

इसके अलावाआईटी से संबंधितदो और प्रस्तावभी पारित किएगए हैं। इनमेंआईटी पॉलिसी 2017 मेंतीन निवेश केप्रस्तावों को मंजूरीदी गई है।इनमें एक माइक्रोसॉफ्टहै, जबकि दूसरीएमएक्यू और तीसरीपेटीएम है। येतीनों कंपनियां नोएडामें निवेश करेंगी।माइक्रोसॉफ्ट 2186 करोड़ का, एमएक्यू 483 करोड़ और पेटीएम 638 करोड़ का निवेशकरेगा। इनकी कंस्ट्रक्शनएक्टिविटीज शुरू होचुकी हैं। इसनिवेश के जरिए 14185 लोगों को रोजगारमिलेगा। इसके अलावा, डेटा सेंटर केलिए भी दोनिवेश प्रस्तावों कोमंजूरी मिली। सिंगापुर कीकंपनी एसटीपी नोएडामें डेटा सेंटरके लिए 1130 करोड़रुपए का निवेशकरेगी, जबकि एकअन्य कंपनी एसकेबीआर 2692 करोड़ का निवेशकरेगी। दोनों परियोजनाओं केजरिए 4 हजार लोगोंको रोजगार मिलेगा।

तीन विश्वविद्यालयोंको मिली मंजूरी

उत्तर प्रदेश मंत्रिपरिषदने राज्य मेंतीन नए विश्वविद्यालयोंको मंजूरी देदी है। इसमेंकर्नाटक का विख्यातजेएसएस विश्वविद्यालय नोएडा में, एसडीसिंह विश्वविद्यालय फतेहगढ़-फर्रूखाबाद में औरएसडीजीआई ग्लोबल विश्वविद्यालय गाजियाबादमें खोला जाएगा।इन तीनों विश्वविद्यालयोंको आशय पत्रजारी कर दिएगए हैं। यानीप्रदेश में तीननए विश्वविद्यालयों केखुलने का रास्तासाफ हो गयाहै। जल्द हीकई अन्य विश्वविद्यालयोंको भी मंजूरीदी जा सकेगी।इन तीन विश्वविद्यालयोंके आने सेप्रदेश में शिक्षाका स्तर बढ़ेगा, प्रतिस्पर्द्धा बढ़ेगी तो छात्रोंको नए अवसरमिलेंगे। साथ ही, रोजगार के अवसरउपलब्ध होंगे, जबकि वनट्रिलियन इकॉनमी के दृष्टिगतनिवेशकों का लक्ष्यभी पूरा होगा।

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