लखनऊ, 11 अप्रैल 2022 : उत्तर प्रदेश के गन्ना किसानों के साथ ही अन्य फसलों का उत्पादन करने वाले किसानों को जल्द फसलों की और बेहतर कीमत मिलेगी। प्रदेश सरकार इसके लिए एक वर्ष में 825 फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी (एफपीओ) स्थापित करेगी।
योगी आदित्यनाथ सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल में किसानों की बेहतरी पर भी फोकस किया है। योगी आदित्यनाथ सरकार किसानों को बड़ी सुविधा देने जा रही है। इससे किसानों को उनकी फसल का बेहतर मूल्य मिलेगा और बिचौलियों के जाल से मुक्ति मिल सकेगी। सरकार ने इसके लिए बजट में 354.75 करोड़ रुपये का प्राविधान किया है। इसका लाभ प्रदेश के करीब चार लाख किसानों को होगा। सरकार अब 100 दिन में प्रदेश के प्रत्येक विकास खंड में विशेष फसल का चयन करेगी। योगी आदित्यनाथ सरकार अब तो किसानों की आर्थिक स्थिति को सुधारने में जुट गई है।
प्रदेश सरकार एक वर्ष में विकासखंडवार 825 एफपीओ स्थापित करने जा रही है। इसके लिए 354.75 करोड़ रुपये बजट का प्रावधान किया गया है। इससे प्रदेश के चार लाख किसानों को लाभ पहुंचेगा। इसके साथ ही सौ दिनों में प्रत्येक विकासखंड में विशेष फसल का चुनाव किया जाएगा। 2022-23 में प्रदेश सरकार विशिष्ट एफपीओ योजना के तहत 825 एफपीओ स्थापित करने जा रही है। संगठित खेती करने से किसानों को उनके उपज की और बेहतर कीमत मिल सकेगी।
एफपीओ यानी किसान उत्पादक संगठन (किसान उत्पादक कंपनी) किसानों का एक समूह है, जो कृषि उत्पादन करता हो और खेती-किसानी से जड़ी व्यावसायिक गतिविधियां भी चलाएगा। एफपीओ के माध्यम से सामूहिक खेती को बढ़ावा मिलेगा और किसानों को अपनी फसल बेचने के लिए बाजार आसानी से उपलब्ध होगा। एफपीओ के तहत संगठित रूप से खेती करने के लिए सरकार सहायता भी उपलब्ध कराएगी, जिससे एक साथ खाद, बीज, दवाइयां और कृषि उपकरण खरीदने में आसान होगी।
इसके अलावा प्रासेसिंग यूनिट और स्टोरेज की व्यवस्था की जा सकती है और फसल की अच्छी कीमत प्राप्त की जा सकती है। अगर किसान अकेले अपनी फसल को बेचने जाता है तो उसका फायदा बिचौलिया उठाता है। एफपीओ व्यवस्था में बिचौलिये नहीं होंगे, इसलिए किसानों को उनके उत्पाद की अच्छी कीमत मिलेगी। इससे किसानों की शक्ति भी बढ़ेगी।
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