
लखनऊ, 16 मार्च 2022 : उत्तर प्रदेशविधानसभा चुनाव के नतीजों काअसर अब विधानभवनमें स्थित राजनीतिकदलों के कार्यालयोंके आवंटन परभी पड़ेगा. चुनावोंमें दो औरएक सीट परसिमटी कांग्रेस औरबसपा से उन्हेंआवंटित बड़े-बड़ेकार्यालय छिन सकतेहैं. दरअसल, विधानभवनमें राजनीतिक दलोंको उनकी संख्याके अनुसार कार्यालयका आवंटन होताहै. इस बारकई ऐसे दलसामने आए हैं, जिनकी संख्या कांग्रेसऔर बसपा केविधायकों से अधिकहै, लिहाजा उन्हेंबड़ा कार्यालय आवंटितहोगा।
विधानसभाके विशेष सचिवबृजभूषण दुबे नेबताया कि नियमानुसारज्यादा विधायकों वाले दलको बड़े कार्यालयआवंटित होते हैं. जिन दलों केविधायकों की संख्याबहुत कम होतीहै, उन परविधानसभा अध्यक्ष अपने विवेकसे निर्णय लेतेहैं. न्यूनतम संख्याके बारे मेंफिलहाल कोई नियमप्रचलन में नहींहै. दरअसल, इसबार चुनाव मेंराष्ट्रीय लोकदल के 8 विधायकजीते हैं. 2017 मेंउसके पास एकही विधायक थे. इसलिए कार्यालय आवंटितनहीं हुआ था. रालोद के अलावा 6 विधायक वाली निषादपार्टी को भीनया कार्यालय आवंटितहोगा. बसपा वकांग्रेस कोसंभवत: छोटा कार्यालयअध्यक्ष आवंटित कर सकतेहैं. जनसत्ता दलको भी इसीआधार पर कार्यालयउपलब्ध हो सकताहै. पिछले विधानसभाचुनाव के बादसुभासपा व अपनादल सोनेलाल कोकार्यालय आवंटित किया गयाथा. यह इसबार भी बरकराररहेगा.
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