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विश्व बैंक ने की मोदी की तारीफ, कहा- कोविड के दौरान गरीबों को समर्थन बेमिसाल


नई दिल्ली, 5 अक्टूबर 2022 : विश्व बैंक केअध्यक्ष डेविड मालपास नेकहा कि वैश्विकमहामारी कोविड-19 के संकटके दौरान भारतका गरीबों औरजरूरतमंदों की सहायताकरना बेहद अनूठाहै। अन्य देशोंको भी भारतकी ही तरहव्यापक सब्सिडी देने केबजाय लक्षित डायरेक्टकैश ट्रांसफर करनाचाहिए। विश्व बैंक कीओर से मालपासने बुधवार कोएक शोध 'पावर्टीएंड शेयर्ड प्रास्पेरिटी' रिपोर्ट जारी करतेहुए कहा किगरीबी घटने कीवैश्विक प्रगति के दौरके अंत मेंकोविड-19 आया।

गरीब लोगोंको चुकानी पड़ीभारी कीमत

पिछले तीन दशकोंमें एक अरबसे अधिक लोगअत्यधिक गरीबी से उबरगए। सबसे गरीबदेशों की आयको भी मजबूतआधार मिला। लेकिनवैश्विक महामारी कोविड-19 आनेसे सबसे गरीबलोगों को सबसेभारी कीमत चुकानीपड़ी। गरीब देशोंमें गरीबी बढ़नेसे जाहिर होताहै कि उनकीअर्थव्यवस्था अधिक अनौपचारिकहोता है। उनकीसामाजिक सुरक्षा प्रणाली भीकमजोर है। साथही वित्तीय प्रणालीभी कम विकसितहै।

भारत सरकारने किया अभूतपूर्वकाम

इसके बावजूदकई विकासशील देशोंने कोविड-19 केदौरान उल्लेखनीय सफलताहासिल की है।मालपास ने कहाकि भारत नेडिजिटल कैश ट्रांसफरके जरिये 85 प्रतिशतग्रामीण परिवारों को यातो भोजन यानकद देकर उल्लेखनीयमदद की है।भारत ने यहीसुविधा 69 प्रतिशत आर्थिक रूपसे कमजोर शहरीलोगों को भीदी है। इसीतरहदक्षिण अफ्रीका ने गरीबोंको राहत देनेके लिए सामाजिकसुरक्षा पर छहअरब डालर खर्चकिए। इससे दोकरोड़ 90 लाख लोगोंको फायदा हुआ।

तैयारि‍यों मेंसुधार करने कीजरूरत

मालपास ने कहाकि ब्राजील ने 2020 में आर्थिक संकुचन (economic contraction) के बावजूदगरीबी को कमकरने में कामयाबीहासिल की। ब्राजीलने इसके लिएमुख्य रूप सेपरिवार आधारित डिजिटल नकदीहस्तांतरण प्रणाली का उपयोगकिया। कोरोना महामारीने रेखांकित कियाहै कि दशकोंमें हासिल कीगई प्रगति कैसेअचानक गायब होसकती है। शिक्षा, अनुसंधान, विकास और बुनियादीढांचा परियोजनाओं मेंनिवेश किया जानाचाहिए। सरकारों को अगलेसंकट के लिएतैयारि‍यों मेंसुधार करने कीजरूरत है।

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