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योगी सरकार में अब विधायकों और मंत्रियों को अच्छे दफ्तर-बंगले की है दरकार

chandrapratapsingh

लखनऊ, 30 मार्च 2022 : इच्छाओं का भला अंत कहां होता है। कुछ माह तक जिनकी एकमात्र हसरत विधानसभा चुनाव का टिकट पाने की थी। टिकट मिला और जीत गए तो मंत्री की कुर्सी नजर आने लगी। कुछ की किस्मत चमकी और वह इच्छा भी पूरी हो गई। मगर, यह देखना हो कि चाहतें कितना बेचैन करती हैं तो वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना के कार्यालय या आवास का नजारा चाहे जब देख लें। मंत्री अच्छे दफ्तर, बंगले तो विधायक मनपसंद आवास के लिए कतार लगाए हुए हैं।

योगी सरकार-2.0 में मंत्री पद पाने वालों को विभागों का बंटवारा सोमवार शाम को कर दिया गया। इधर, लगभग सभी विधायकों का शपथ ग्रहण भी मंगलवार को पूरा हो गया। अधिकांश मंत्रियों ने अपने कार्यालय में कार्यभार ग्रहण कर लिया। विभागीय अधिकारियों से औपचारिक परिचयात्मक बैठक भी कर ली। इसके साथ ही मंत्रियों और विधायकों की नई दौड़ शुरू हो गई। दरअसल, कुछ मंत्रियों को कार्यालय और आवास का आवंटन हो चुका है, जबकि कुछ रह गए हैं। विधान भवन स्थित संसदीय कार्यमंत्री के कार्यालय में हर प्रकार के आवेदकों का जमघट लगा था। मंत्रियों को कार्यालय व्यवस्था के तहत दिए गए हैं, लेकिन कुछ को शिकायत थी कि इंटीरियर ठीक नहीं है। कोई बापू भवन में कार्यालय वाले तल को लेकर बेकल था।

ऐसा कुछेक के साथ था, लेकिन आवास अहम मुद्दा था। जो पहले से मंत्री हैं, वह अब नए आवास की चाहत लिए हैं। खन्ना को प्रार्थना पत्र सौंपकर उस पर तुरंत हामी की मुहर लगवा लेना चाहते थे कि फलां आवास दे दिया जाए। नए बने मंत्री भी पहले से नजर में रखे हैं कि कौन से मंत्री को पहले अच्छा बंगला मिला था। प्रयास है कि मनचाहा आवास आवंटित हो जाए। इसी तरह पुराने विधायकों को नया आवास चाहिए तो नए का मन पुरानी इमारत में मिला आवास नहीं सुहा रहा। खैर, खन्ना आवेदन लेते गए और यथासंभव आवास और दफ्तर दिलाने के प्रति आश्वस्त भी करते गए। फिर भी ज्यादा दबाव बनाने वाले मंत्रियों-विधायकों से वह मुख्यमंत्री के यहां संपर्क करने की बात कह देते। दरअसल, खन्ना के पास यह कतार इसलिए है, क्योंकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उन्हें मंत्रियों व विधायकों को आवास और कार्यालय आवंटन संबंधी कार्य का दायित्व भी सौंप रखा है।

कालिदास मार्ग पर वरिष्ठ मंत्रियों की नजरः मुख्यमंत्री का सरकारी आवास कालिदास मार्ग पर बंगला नंबर-5 है। उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के पास छह नंबर बंगला है। मतलब वरिष्ठ मंत्रियों को दिए जाते हैं। अब यहां स्वामी प्रसाद मौर्य वाला 14 नंबर बंगला खाली हो चुका है। पिछली सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे श्रीकांत शर्मा, सुरेश राणा, रामनरेश अग्निहोत्री, कमल रानी वरुण के बंगले भी खाली हो रहे हैं या थोड़े दिनों में खाली हो ही जाएंगे। विधानसभा अध्यक्ष बनने के बाद सतीश महाना को माल एवेन्यू पर पांच नंबर आवास मिलना है, इसलिए उनका भी कालिदास मार्ग वाला आवास खाली हो जाएगा।

नई सरकार के वरिष्ठ मंत्री इन्हीं में से कोई बंगला चाहते हैं। कुछ की नजर पूर्व मुख्यमंत्रियों के खाली आवासों पर है। सूत्रों के अनुसार, उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक और नगर विकास व ऊर्जा मंत्री एके शर्मा को कालिदास मार्ग पर आवास मिलना लगभग तय है। अन्य वरिष्ठ मंत्रियों का भी नया पता इन्हीं में से कोई हो सकता है। वहीं, विधानभवन में ब्रजेश पाठक को कार्यालय तो निवर्तमान उपमुख्यमंत्री डा. दिनेश शर्मा वाला ही दिया गया है।

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