लखनऊ, 22 दिसम्बर 2022 : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में कैबिनेट बैठक में प्रदेश के गरीब और पिछड़े मछुआ समुदाय को लेकर अहम प्रस्ताव पर मुहर लगी। प्रदेश के मत्स्य मंत्री डॉ संजय निषाद ने मुख्यमंत्री मत्स्य संपदा योजना (MMMSY) के संचालन के संबंध में वृस्तृत जानकारी देते हुए कहा कि मछुआ समाज एवं मत्स्य पालको के उत्थान हेतु भारत सरकार द्वारा 20 मई 2020 को प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना लागू की गई थी, जिसका मुख्य उद्देश्य था कि मछुआ समाज और मत्स्य पालको को विकास की मुख्य धारा से जोड़ा जाए।
मुख्यमंत्री द्वारा 2022 विधानसभा बजट सत्र में ग्रामीणांचल क्षेत्र को भी मत्स्य क्षेत्र और मछुआ समुदाय एवं मत्स्य पालको को जोड़ा जा सके जिसको लेकर बजट सत्र में मुख्यमंत्री मत्स्य संपदा योजना की घोषणा की गई थी। जिसका मुख्य उद्देश्य है कि प्रदेश के कौन कौन में बसने वाले गरीब मछुआ समुदाय को भी विकास की मुख्यधारा से जोड़ा जा सके। श्री निषाद ने बताया कि मुख्यमंत्री प्रदेश के मछुआ समुदाय को लेकर चिंतित हैं, MMMSY से मछुआ समुदाय की आर्थिक स्तिथि मजबूत होगी।
श्री निषाद बताया कि प्रदेश के ग्रामसमाज के तालाबो में स्थानीय मछुआरों या पट्टा धारकों द्वारा परंपरागत तरीकों से मत्स्य उत्पादन किया जा रहा है, इन तालाबो की उत्पादन क्षमता 25-30 क्विंटल प्रति हेक्टेयर होती है, MMMSY से अनुदान देकर 50 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक प्रति वर्ष तक बढ़ाया जा सकेगा। श्री निषाद ने बताया कि प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के अंतर्गत ग्राम समाज के तालाब को लेकर कोई पर कोई परियोजना अनुमन्य नही है। इसी रिक्तता को लेकर मुख्यमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना लागू की जा रही है।
श्री निषाद ने बताया कि मुख्यमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना’ का क्रियान्वयन 02 उप योजनाओं-‘कम्पोनेन्ट ए’ एवं ‘कम्पोनेन्ट बी’ के माध्यम से किया जाएगा। ‘कम्पोनेन्ट ए’ के तहत मनरेगा कन्वर्जन्स अथवा पट्टाधारक स्वयं तथा अन्य विभागों के माध्यम से सुधारे गये ग्राम सभा व अन्य पट्टे के तालाबों में प्रथम वर्ष निवेश पर अनुदान हेतु इकाई लागत 04 लाख रुपये प्रति हेक्टेयर पर 40 प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा। ‘कम्पोनेन्ट बी’ के तहत मनरेगा कन्वर्जेन्स अथवा पट्टाधारक स्वयं तथा अन्य विभागों के माध्यम से सुधारे गये ग्राम सभा व अन्य पट्टे के तालाबों में मत्स्य बीज बैंक की स्थापना योजना हेतु इकाई लागत 04 लाख रुपये प्रति हेक्टेयर पर 40 प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा।
‘मुख्यमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना’ के कार्यान्वयन के लिए जिला स्तर पर लाभार्थी चयन एवं अनुमोदन, योजना के पर्यवेक्षण व निगरानी हेतु जिलाधिकारी की अध्यक्षता में जिला स्तरीय समिति का गठन किया जाएगा। मत्स्य विभाग का जिला स्तरीय अधिकारी इस समिति का सदस्य सचिव होगा। लाभार्थियों का चयन जिला स्तरीय समिति द्वारा किया जाएगा। इच्छुक लाभार्थियों के आवेदन विभागीय पोर्टल पर ऑनलाइन प्राप्त किये जाएंगे। पूर्ण पट्टा अवधि में पट्टाधारक को किसी भी एक परियोजना में एक बार ही लाभ देय होगा। लाभार्थी चयन में जनपद स्तर पर उपयुक्तता के आधार पर यथासम्भव सभी वर्ग की सहभागिता सुनिश्चित की जाएगी। लाभार्थी चयन के उपरान्त स्थल का प्रारम्भिक सर्वेक्षण मत्स्य विभाग के स्थानीय अधिकारियों द्वारा किया जाएगा।‘मुख्यमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना’ 05 वर्षों (वर्ष 2022-23 से वर्ष 2026-27 तक) के लिए संचालित की जाएगी।
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