google.com, pub-3470501544538190, DIRECT, f08c47fec0942fa0
top of page

देश में कोरोना की तीसरी लहर – जानिए कब पहुंचेगा चरम पर



कोविड गाइडलाइंस, वैक्सीनेशन और जागरुकता के बावजूद कोरोना वायरस का खतरा अभी टला नहीं है। डेल्टा वैरियंट कई राज्यों में कहर बना हुआ है। केरल में एक बार फिर कोरोना के मामले बढ़ गए हैं। राज्य सरकार ने फिर से नाइट कर्फ्यू का ऐलान कर दिया है। दुनिया के कई देशों में कोरोना की तीसरी लहर का प्रकोप आने के बाद अब भारत में भी तीसरी लहर ने दस्तक दे दी है।


कोरोना वायरस की तीसरी लहर अक्टूबर और नवंबर के बीच चरम पर हो सकती है। हांलाकि वैज्ञानिकों का कहना है कि इसकी तीव्रता दूसरे चरण की तुलना में काफी कम होगी। महामारी के गणितीय प्रारूपन में शामिल वैज्ञानिकों ने यह बात कही है। वैज्ञानिकों का कहना है कि अगर कोई नया स्वरूप नहीं आता है तो स्थिति में बदलाव की संभावना नहीं है।


तीसरी लहर में प्रतिदिन आएंगे एक लाख मामले


अनुमान है कि अगर तीसरी लहर आती है तो देश में प्रतिदिन एक लाख मामले सामने आएंगे, जबकि मई में दूसरी लहर के चरम पर रहने के दौरान प्रतिदिन चार लाख मामले सामने आ रहे थे। दूसरी लहर में हजारों लोगों की मौत हो गई और कई लाख लोग संक्रमित हो गए थे।


अगर नया म्युटेशन नहीं होगा तो तीसरी लहर की संभावना कम


अगर नया म्युटेशन नहीं होता है तो यथास्थिति बनी रहेगी और सितंबर तक अगर 50 फीसद ज्यादा संक्रामक म्युटेशन सामने आता है तो नया स्वरूप सामने आएगा। नये स्वरूप से ही तीसरी लहर आएगी और उस स्थिति में नए मामले बढ़कर प्रतिदिन एक लाख हो जाएंगे।


पिछले महीने, माडल के मुताबिक बताया गया था कि तीसरी लहर अक्टूबर और नवंबर के बीच में चरम पर होगी और रोजाना मामले प्रति दिन डेढ़ लाख से दो लाख के बीच होंगे, अगर सार्स-कोव-2 का ज्यादा संक्रामक म्युटेशन होता है। बहरहाल, डेल्टा से ज्यादा संक्रामक म्युटेशन सामने नहीं आया। पिछले हफ्ते का अनुमान भी इसी तरह का था लेकिन नए अनुमान में रोजाना मामलों की संख्या घटाकर एक से डेढ़ लाख की गई है। अग्रवाल ने कहा कि नवीनतम आंकड़ों में जुलाई और अगस्त में हुए टीकाकरण और सीरो सर्वेक्षण को भी शामिल किया गया है।


क्या है आधार आंकड़ों का


जुलाई और अगस्त में लगाए गए टीके और हालिया सीरो-सर्वे के आंकड़ों के आधार पर यह आकलन किया गया है। एक नवीनतम अध्ययन में भी यह सामने आया था कि आर फैक्टर 0.89 फीसद है। आर फैक्टर यह बताता है कि एक संक्रमित व्यक्ति कितने लोगों को संक्रमित कर रहा है। संक्रमण के प्रसार को काबू में करने के लिए जरूरी है कि आर फैक्टर एक फीसद से नीचे बना रहे।


अधिक संक्रामक हो सकता कोरोना वायरस का नया वैरिएंट सी.1.2


दक्षिण अफ्रीका और कई अन्य देशों में कोराना वायरस का एक नया वैरिएंट मिला है जो अधिक संक्रामक हो सकता है। यह कोरोनारोधी टीके से मिलने वाली सुरक्षा को भी चकमा दे सकता है। दक्षिण अफ्रीका स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट फार कम्युनिकेबल डिजीज और क्वाजुलु नटाल रिसर्च इनोवेशन एंड सीक्वेंसिंग प्लेटफार्म के वैज्ञानिकों ने कहा कि कोरोना वायरस के नए वैरिएंट सी.1.2 का सबसे पहले देश में इस साल मई में पता चला था। तब से लेकर गत 13 अगस्त तक यह स्वरूप चीन, कांगो, मारीशस, इंग्लैंड, न्यूजीलैंड, पुर्तगाल और स्विट्जरलैंड में मिल चुका है।


64 करोड़ पार हुआ देश में कोरोना का टीका


कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ चल रहे देशव्यापी टीकाकरण अभियान के तहत टीकाकरण का कुल आंकड़ा सोमवार को 64 करोड़ को पार कर गया। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से साझा की गई। मंत्रालय ने एक अन्य ट्वीट में बताया कि सोमवार की शाम सात बजे तक देश में कोरोना वायरस रोधी टीके की 53 लाख से अधिक खुराकें लगाई गईं।


राज्यों को केंद्र ने दिए 63 करोड़ से अधिक टीके


केंद्र सरकार ने अब तक विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को कोरोना वायरस टीके की 63.09 करोड़ से अधिक खुराकों की आपूर्ति की है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सोमवार को बताया कि टीकों की यह आपूर्ति मुफ्त और प्रत्यक्ष राज्य खरीद श्रेणी के तहत की गई है। मंत्रालय ने आगे बताया कि 21 लाख 76 हजार 930 खुराकें पाइपलाइन में हैं, जो जल्द ही पहुंच जाएंगी।


टीम स्टेट टुडे


विज्ञापन

bottom of page
google.com, pub-3470501544538190, DIRECT, f08c47fec0942fa0