विकास दुबे उज्जैन के महाकाल मंदिर से हुआ गिरफ्तार, आ रहा उत्तर प्रदेश
- statetodaytv
- Jul 9, 2020
- 3 min read

तारीख 9 जुलाई। वक्त – सुबह के करीब सात बजे। एक शख्स उज्जैन के महाकाल मंदिर में बेखौफ दाखिल होता है। 251 रुपए की पर्ची कटाता है दर्शन के लिए। फिर वो फूल खरीदता है और करता है महाकाल के दर्शन। इतना सब करने के बाद ये शख्स मंदिर परिसर में चीख चीख कर बताता है कि वो कौन है।

मैं ही कानपुर वाला विकास दुबे हूं। इस शख्स का ये कहना था और मध्यप्रदेश के उज्जैन से लेकर उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ तक हड़कंप मच गया। आनन फानन में सबसे पहले विकास दुबे को मंदिर परिसर के एक सुरक्षित कमरे में बिठाया गया। तत्काल महाकाल थान को सूचना दी गई। परिसर के भीतर से एक निजी गार्ड और सिपाही इसे लेकर बाहर आए।


इधर विकास दुबे को उज्जैन में महाकाल थाने की पुलिस ने गिरफ्तार किया और दूसरी तरफ मध्यप्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा का बयान आया। विकास दुबे की पहचान पुख्ता होते ही मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट किया। मध्यप्रदेश पुलिस को शाबाशी देते हुए और साथ साथ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को फोन कर विकास दुबे की गिरफ्तारी की सूचना दी।
जैसे ही विकास दुबे की गिरफ्तारी की सूचना कन्फर्म हुई यूपी में हड़कंप मच गया। यूपी के एडीजी कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार ने तुरंत मीडिया को ब्रीफ किया।

यूपी पुलिस के हाथ से छ दिन तक फिसलते रहे विकास दुबे की एमपी में गिरफ्तारी की सूचना आते ही सियासत में बवाल मच गया। अखिलेश यादव ने ट्वीट कर विकास दुबे की काल डिटेल सार्वजनिक करने की मांग कर डाली। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि एमपी के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा यूपी चुनाव के वक्त कानपुर के प्रभारी थे।
इसी बीच विकास दुबे की मां सरला देवी का बयान भी सामने आ गया। उन्होने कहा कि उनके बेटे को महाकाल ने ही बचाया है। विकास दुबे इस वक्त समाजवादी पार्टी में है जबकि सरकार बीजेपी की है।
विकास दुबे की गिरफ्तारी के बाद उन शहीदों के परिजनों ने सरकार से कठोरतम कार्रवाई की उम्मीद की है जो विकास दुबे और उसके गुर्गों की गोली का शिकार हुए थे।
बीते छ दिनों में उत्तर प्रदेश पुलिस ने विकास दुबे की तलाश करते हुए उसके पांच साथियों को मुठभेड़ में ढेर कर दिया है। अमर दुबे, प्रेम प्रकाश पांडेय, अतुल दुबे, प्रभात उर्फ कार्तिकेय मिश्रा, बउआ उर्फ प्रवीण दुबे वो शातिर हैं जो यूपी पुलिस की गोलियों से मारे गए।
इस बीच आईजी लक्ष्मी सिंह ने कानपुर कांड में सामने आई सीओ देवेंद्र मिश्रा की एसएसपी को लिखी चिट्ठी की जांच पूरी कर ली है और रिपोर्ट डीजीपी को सौंप दी है। जांच में थानाध्यक्ष चौबेपुर विनय तिवारी के खिलाफ एसएसपी को लिखा गया पत्र सही पाया गया है। CO के कम्प्यूटर में यह पत्र मौजूद पाया गया और इस पत्र को कार्यालय में तैनात एक महिला सिपाही ने टाइप किया था। कम्प्यूटर ऑपरेटर से ले कर स्टाफ तक ने एसएसपी को भेजे गए इस पत्र की पुष्टि की है।

इस बीच मध्यप्रदेश के उज्जैन में ही यूपी 32 KS 1102 की रजिस्टर्ड कार पकड़ी गई है जो लखनऊ के मनोज यादव के नाम पर है। मनोज यादव पेशे से वकील हैं।

कहा जा रहा है कि वकील विकास दुबे के सरेंडर की तैयारी में थे। लखनऊ पुलिस ने मनोज यादव के घर पर छापेमारी की है।
उधर मध्यप्रदेश की महाकाल पुलिस विकास दुबे को अदालत में पेश करेगी। विकास दुबे को ट्रांजिट रिमांड के लिए उज्जैन की सीजेएम तृप्ति के सामने पेश किया गया। जहां उसे यूपी पुलिस को सौंप दिया गया। सड़क के रास्ते यूपी पुलिस विकास दुबे को उज्जैन से लेकर आ रही है।
टीम स्टेट टुडे
댓글